परमेश्वर के जन का कथन जो उसने प्रभु के वचन की प्रेरणा से बेत-एल की वेदी के विरोध में, और सामरी प्रदेश के पहाड़ी शिखर की सब वेदियों के विरोध में कहा था, वह अवश्य पूर्ण होगा।’
2 राजाओं 10:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अहाब के सत्तर पुत्र थे, जो सामरी नगर में रहते थे। येहू ने पत्र लिखकर उन्हें नगर-प्रशासकों, धर्मवृद्धों और अहाब के पुत्रों के अभिभावकों के पास भेज दिया। पवित्र बाइबल अहाब के सत्तर पुत्र शोमरोन में थे। येहू ने पत्र लिखे और उन्हें शोमरोन में यिज्रैल के शासकों और प्रमुखों को भेजा। उसने उन लोगों को भी पत्र भेजे जो अहाब के पुत्रों के अभिभावक थे। पत्र में येहू ने लिखा, Hindi Holy Bible अहाब के तो सत्तर बेटे, पोते, शोमरोन में रहते थे। सो येहू ने शोमरोन में उन पुरनियों के पास, और जो यिज्रैल के हाकिम थे, और जो अहाब के लड़के-बालों के पालने वाले थे, उनके पास पत्र लिख कर भेजे, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अहाब के सत्तर बेटे, पोते, शोमरोन में रहते थे। अत: येहू ने शोमरोन में उन पुरनियों के पास, और जो यिज्रैल के हाकिम थे, और जो अहाब के लड़कों के पालनेवाले थे, उनके पास पत्र लिखकर भेजे, सरल हिन्दी बाइबल शमरिया नगर में अहाब के सत्तर पुत्र थे. तब येहू ने शमरिया के शासकों, पुरनियों और अहाब के पुत्रों के पालने वालों को, जो शमरिया में थे, यह पत्र भेजे, जिनमें यह लिखा था: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अहाब के सत्तर बेटे, पोते, सामरिया में रहते थे। अतः येहू ने सामरिया में उन पुरनियों के पास, और जो यिज्रेल के हाकिम थे, और जो अहाब के लड़कों के पालनेवाले थे, उनके पास पत्रों को लिखकर भेजा, |
परमेश्वर के जन का कथन जो उसने प्रभु के वचन की प्रेरणा से बेत-एल की वेदी के विरोध में, और सामरी प्रदेश के पहाड़ी शिखर की सब वेदियों के विरोध में कहा था, वह अवश्य पूर्ण होगा।’
उसने सत्तर किलो चांदी देकर शेमर से सामरी पहाड़ी को खरीदा और पहाड़ी पर किलाबन्दी की। वहाँ उसने एक नगर बसाया, और उस नगर का नाम सामरी पहाड़ी के मालिक शेमर के नाम पर ‘सामरी’ रखा।
ओम्री अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया। वह सामरी नगर में गाड़ा गया। उसके स्थान पर उसका पुत्र अहाब राज्य करने लगा।
प्रभु ने कहा, ‘क्या तूने अहाब को देखा? उसने मेरे सम्मुख सिर झुका लिया है। मैं उसकी इस विनम्रता के कारण यह विपत्ति उसके जीवन-काल में नहीं ढाहूंगा, वरन् उसके पुत्र के जीवन काल में, उसके वंश पर ढाहूंगा।’
एक दिन उसने अपनी मालकिन से कहा, ‘भला होता कि हमारे मालिक सामरी नगर में रहने वाले नबी के सम्मुख जाते। नबी मालिक को उनके कुष्ठ-रोग से स्वस्थ कर सकते हैं।’
तब येहू ने अहज्याह की तलाश की। अहज्याह सामरी नगर में छिपा हुआ था। सैनिकों ने उसको पकड़ लिया। वह येहू के सामने पेश किया गया। येहू ने उसका वध करवा दिया। सेवकों ने उसका शव सम्मान के साथ गाड़ा, क्योंकि वे कहते थे, ‘यह यहोशाफट का नाती है, जिसने सम्पूर्ण हृदय से प्रभु को खोजा था।’ अहज्याह के परिवार में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो राज्य कर सके।
प्रभु ने होशे से यह कहा : ‘तू अपने पुत्र का नाम यिज्रएल रख; क्योंकि कुछ समय पश्चात् मैं राजा येहू के परिवार को यिज्रएल घाटी में बहाए गए रक्त के लिए दण्ड दूंगा। मैं इस्राएल वंश के राज्य का अंत करूंगा।
क्या मैंने इन लोगों को गर्भ में धारण किया था? क्या मैंने इन्हें जन्म दिया है कि तू मुझसे कहता है, “जैसे पोषक-पिता शिशु को गोद में ले जाता है वैसे ही तू इन लोगों को उस देश में उठाकर ले जा, जिसको प्रदान करने की शपथ मैंने इनके पूर्वजों से खायी है।”
‘तू प्रत्येक कुल में शासक और शास्त्री चुनना और उन्हें हर नगर पर, जिसको तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे दे रहा है, नियुक्त करना। वे जनता का धार्मिकता से न्याय करेंगे।
उसके तीस पुत्र थे, जो तीस गधों पर सवारी करते थे। उसके पुत्रों के पास तीस नगर थे, जिन्हें आज भी हब्बोत-याईर कहा जाता है। ये नगर गिलआद प्रदेश में हैं।
उसके चालीस पुत्र और तीस पौत्र थे, जो सत्तर गधों पर सवारी करते थे। अब्दोन ने आठ वर्ष तक इस्राएलियों पर शासन किया।
गिद्ओन के सत्तर जवान पुत्र थे। ये उसकी अपनी सन्तान थी, क्योंकि उसकी अनेक पत्नियाँ थीं।