ऐसा क्यों? क्या इसलिए कि मैं आप को प्यार नहीं करता? परमेश्वर जानता है कि मैं आप लोगों को कितना प्यार करता हूँ।
2 कुरिन्थियों 7:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं आप लोगों को दोष देने के लिए यह नहीं कह रहा हूँ। मैं तो आप से कह चुका हूँ कि आप हमारे हृदय में घर कर गये हैं-हम जीवन-मरण के साथी हैं। पवित्र बाइबल मैं तुम्हें नीचा दिखाने के लिये ऐसा नहीं कह रहा हूँ क्योंकि मैं तुम्हें बता ही चुका हूँ कि तुम तो हमारे मन में बसते हो। यहाँ तक कि हम तुम्हारे साथ मरने को या जीने को तैयार हैं। Hindi Holy Bible मैं तुम्हें दोषी ठहराने के लिये यह नहीं कहता: क्योंकि मैं पहिले ही कह चुका हूं, कि तुम हमारे हृदय में ऐसे बस गए हो कि हम तुम्हारे साथ मरने जीने के लिये तैयार हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं तुम्हें दोषी ठहराने के लिये यह नहीं कहता। क्योंकि मैं पहले ही कह चुका हूँ कि तुम हमारे हृदय में ऐसे बस गए हो कि हम तुम्हारे साथ मरने जीने के लिये तैयार हैं। नवीन हिंदी बाइबल मैं तुम्हें दोषी ठहराने के लिए यह नहीं कहता, क्योंकि मैं पहले ही कह चुका हूँ कि तुम हमारे हृदयों में रहते हो कि हम साथ मरें और साथ जीएँ। सरल हिन्दी बाइबल यह कहने के द्वारा हम तुम पर दोष नहीं लगा रहे हैं. मैं पहले भी कह चुका हूं कि तुम हमारे हृदय में बसे हो और हमारा-तुम्हारा जीवन-मरण का साथ है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं तुम्हें दोषी ठहराने के लिये यह नहीं कहता क्योंकि मैं पहले ही कह चूका हूँ, कि तुम हमारे हृदय में ऐसे बस गए हो कि हम तुम्हारे साथ मरने जीने के लिये तैयार हैं। |
ऐसा क्यों? क्या इसलिए कि मैं आप को प्यार नहीं करता? परमेश्वर जानता है कि मैं आप लोगों को कितना प्यार करता हूँ।
मैं तो आप लोगों के लिए सहर्ष अपना सब कुछ खर्च करूँगा और अपने को भी अर्पित करूँगा। यदि मैं आप लोगों को इतना प्यार करता हूँ, तो क्या आप मुझे कम प्यार करेंगे?
मैं दूर रहते हुए ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ कि आप के यहाँ रहते हुए मुझे, प्रभु द्वारा प्रदत्त अधिकार के अनुसार, आप लोगों के साथ कठोर व्यवहार न करना पड़े; क्योंकि मुझे यह अधिकार आप के विनाश के लिए नहीं, बल्कि आप के आध्यात्मिक निर्माण के लिए मिला है।
आप लोग तो हैं-हमारा पत्र, जो हमारे हृदय पर अंकित रहता है और जिसे सब लोग देख और पढ़ सकते हैं।
वास्तव में मैंने वह पत्र इसलिए नहीं लिखा था कि मुझे अन्याय करने वाले अथवा अन्याय सहने वाले व्यक्ति की अधिक चिन्ता थी, बल्कि इसलिए कि आप लोग परमेश्वर के सामने यह अच्छी तरह समझ लें कि हमारे प्रति आपकी कितनी निष्ठा है।
आप सब के विषय में मेरा यह विचार उचित है। आप मेरे हृदय में बस गये हैं, क्योंकि जब मैं कैद में हूँ या शुभ समाचार की सच्चाई की रक्षा और पुष्टि कर रहा हूँ, तो आप सब मेरे इस अनुग्रह में सहभागी हो जाते हैं जो मुझ पर हुआ है।
आपसे हमारा अनुराग तथा हमारा प्रेम यहाँ तक बढ़ गया था कि हम आप को परमेश्वर के शुभ समाचार के साथ अपना जीवन भी अर्पित करना चाहते थे।