प्रिय भाइयो और बहिनो! आप स्वयं बदला न लें, बल्कि उसे परमेश्वर के प्रकोप पर छोड़ दें; क्योंकि धर्मग्रंथ में लिखा है : “प्रभु कहता है: प्रतिशोध लेना मेरा काम है, मैं ही बदला लूंगा।”
2 कुरिन्थियों 12:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप लोग यह समझते होंगे कि अब तक हम आप के सामने अपनी सफ़ाई दे रहे हैं। बात ऐसी नहीं है। हम यह सब मसीह में, परमेश्वर की उपस्थिति में कह रहे हैं। प्रिय भाइयो और बहिनो! सब कुछ आपके आध्यात्मिक निर्माण के लिए हो रहा है। पवित्र बाइबल अब तुम क्या यह सोच रहे हो कि एक लम्बे समय से हम तुम्हारे सामने अपना पक्ष रख रहे हैं। किन्तु हम तो परमेश्वर के सामने मसीह के अनुयायी के रूप में बोल रहे हैं। मेरे प्रिय मित्रो! हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह तुम्हें आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली बनाने के लिए है। Hindi Holy Bible तुम अभी तक समझ रहे होगे कि हम तुम्हारे सामने प्रत्युत्तर दे रहे हैं, हम तो परमेश्वर को उपस्थित जान कर मसीह में बोलते हैं, और हे प्रियों, सब बातें तुम्हारी उन्नति ही के लिये कहते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम अभी तक समझ रहे होगे कि हम तुम्हारे सामने प्रत्युत्तर दे रहे हैं। हम तो परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं, और हे प्रियो, सब बातें तुम्हारी उन्नति ही के लिये कहते हैं। नवीन हिंदी बाइबल क्या तुम अब तक यही सोच रहे हो कि हम तुम्हारे सामने अपना बचाव कर रहे हैं? हम परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं; और हे प्रियो, यह सब तुम्हारी ही उन्नति के लिए है। सरल हिन्दी बाइबल यह संभव है तुम अपने मन में यह विचार कर रहे हो कि हम यह सब अपने बचाव में कह रहे हैं. प्रिय मित्रो, हम यह सब परमेश्वर के सामने मसीह येशु में तुम्हें उन्नत करने के उद्देश्य से कह रहे हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम अभी तक समझ रहे होंगे कि हम तुम्हारे सामने प्रत्युत्तर दे रहे हैं, हम तो परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं, और हे प्रियों, सब बातें तुम्हारी उन्नति ही के लिये कहते हैं। |
प्रिय भाइयो और बहिनो! आप स्वयं बदला न लें, बल्कि उसे परमेश्वर के प्रकोप पर छोड़ दें; क्योंकि धर्मग्रंथ में लिखा है : “प्रभु कहता है: प्रतिशोध लेना मेरा काम है, मैं ही बदला लूंगा।”
हम ऐसी बातों में लगे रहें, जिन से शान्ति को बढ़ावा मिलता है और जिनके द्वारा हम एक-दूसरे का निर्माण कर सकें।
हम में प्रत्येक को अपने पड़ोसी की भलाई तथा चरित्र-निर्माण के लिए उसकी सुख-सुविधा का ध्यान रखना चाहिए।
मैं मसीह में सच कहता हूँ और मेरा अन्त:करण पवित्र आत्मा में इस बात की साक्षी है कि मैं झूठ नहीं बोलता—
मैं भी अपने हित का नहीं, बल्कि दूसरों के हित का ध्यान रख कर सब बातों में सब को प्रसन्न करने का प्रयत्न करता हूँ, जिससे वे मुक्ति प्राप्त कर सकें।
इसका निष्कर्ष क्या है? हे भाइयो और बहिनो! जब-जब आप आराधना हेतु एकत्र होते हैं, तो कोई भजन सुनाता है, कोई शिक्षा देता है, कोई अपने पर प्रकट किया हुआ सत्य बताता है, कोई अध्यात्म भाषा में बोलता है और कोई उसकी व्याख्या करता है; किन्तु यह सब आध्यात्मिक निर्माण के लिए होना चाहिए।
आपके विनाश के लिए नहीं, बल्कि आपके आध्यात्मिक निर्माण के लिए हमें प्रभु से जो अधिकार मिला है, यदि मैं उस पर कुछ अधिक गर्व कर रहा हूँ, तो मुझे इस बात की कोई लज्जा नहीं है।
मुझ में विद्यमान मसीह की सच्चाई की शपथ! यूनान भर में कोई या कुछ भी मुझे इस गौरव से वंचित नहीं कर सकेगा।
प्रभु येशु मसीह का पिता और परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। वह जानता है कि मैं झूठ नहीं बोल रहा हूँ।
मैं तो आप लोगों के लिए सहर्ष अपना सब कुछ खर्च करूँगा और अपने को भी अर्पित करूँगा। यदि मैं आप लोगों को इतना प्यार करता हूँ, तो क्या आप मुझे कम प्यार करेंगे?
मैं दूर रहते हुए ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ कि आप के यहाँ रहते हुए मुझे, प्रभु द्वारा प्रदत्त अधिकार के अनुसार, आप लोगों के साथ कठोर व्यवहार न करना पड़े; क्योंकि मुझे यह अधिकार आप के विनाश के लिए नहीं, बल्कि आप के आध्यात्मिक निर्माण के लिए मिला है।
हम उन बहुसंख्यक लोगों के समान नहीं हैं, जो परमेश्वर के वचन का सौदा करते हैं, बल्कि हम परमेश्वर से प्रेरित हो कर और मसीह से संयुक्त रह कर, परमेश्वर की आंखों के सामने, सच्चाई से वचन का प्रचार करते हैं।
क्या हम फिर अपनी प्रशंसा करने लगे? क्या कुछ अन्य लोगों की तरह यह हमारे लिए आवश्यक है कि हम आप को सिफ़ारिशी पत्र दिखायें अथवा आप से मांगें?
प्रिय भाइयो और बहिनो! हमें इस प्रकार की प्रतिज्ञाएं मिली हैं। इसलिए हम शरीर और मन के हर प्रकार के दूषण से अपने को शुद्ध करें और परमेश्वर पर श्रद्धा-भक्ति रखते हुए पवित्रता की परिपूर्णता तक पहुँचने का प्रयत्न करते रहें।
इसलिए प्रिय भाइयो और बहिनो, प्रभु में इस तरह दृढ़ रहिए। मेरे प्राणप्यारो! मुझे आप लोगों से मिलने की बड़ी इच्छा है। आप मेरे आनन्द और मेरे मुकुट हैं।
इसलिए आप परस्पर प्रोत्साहन दीजिए और एक दूसरे का आध्यात्मिक निर्माण कीजिए, जैसा कि आप कर भी रहे हैं।
प्रिय भाइयो और बहिनो! यद्यपि हम इस प्रकार बोल रहे हैं, फिर भी हमें निश्चय है कि आप लोगों की दशा इस से कहीं अच्छी है और आप मुक्ति के मार्ग पर चलते हैं।