तो तू उसे क्षमा कर अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है।
2 इतिहास 6:30 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तो तू उसको क्षमा करना और अपने निवास-स्थान, स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है। पवित्र बाइबल तो तू उनकी स्वर्ग से सुन। स्वर्ग वही है जहाँ तू है। सुन और क्षमा कर। हर एक व्यक्ति को वह दे जो उसे मिलना चाहिये क्योंकि तू जानता है कि हर एक व्यक्ति के हृदय में क्या है। केवल तू ही जानता है कि व्यक्ति के हृदय में क्या है। Hindi Holy Bible तो तू अपने स्वगींय निवासस्थान से सुन कर क्षमा करना, और एक एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जानने वाला है); पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तो तू अपने स्वर्गीय निवास–स्थान से सुनकर क्षमा करना, और एक एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जाननेवाला है); सरल हिन्दी बाइबल आप अपने घर, स्वर्ग से इसे सुनिए और क्षमा दीजिए और हर एक को, जिसके मन को आप भली-भांति जानते हैं, क्योंकि सिर्फ आपके ही सामने मानव का मन उघाड़ा रहता है, उसके आचरण के अनुसार प्रतिफल दीजिए, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो तू अपने स्वर्गीय निवास-स्थान से सुनकर क्षमा करना, और एक-एक के मन की जानकर उसकी चाल के अनुसार उसे फल देना; (तू ही तो आदमियों के मन का जाननेवाला है); |
तो तू उसे क्षमा कर अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है।
‘ओ मेरे पुत्र सुलेमान, अपने पिता के परमेश्वर का अनुभव कर, और अपने सम्पूर्ण हृदय और प्रसन्न चित्त से उसकी सेवा कर। प्रभु हृदय को परखता है। वह हर एक योजना और विचार को जानता है। यदि तू उसको खोजेगा तो वह तुझको प्राप्त होगा। परन्तु यदि तू उसको त्याग देगा, तो वह तुझे सदा के लिए त्याग देगा।
हे मेरे परमेश्वर! मैं जानता हूं, तू हृदय को परखता है। तू निष्कपट हृदय के व्यक्ति से प्रसन्न होता है। मैं निष्कपट हृदय से यह सब भेंट स्वेच्छापूर्वक तुझे अर्पित करता हूँ। अब मैंने तेरे निज लोगों को भी देखा जिन्होंने आनन्दपूर्वक स्वेच्छा से तुझे भेंट चढ़ाई।
मेरे पुत्र सुलेमान को यह वरदान दे: वह सम्पूर्ण हृदय से तेरी आज्ञाओं, सािक्षयों, संविधियों का पालन करे और उनके अनुसार आचरण करे। इस प्रकार वह इस भवन को बना सके जिसके लिए मैंने तैयारी की है।’
तब यदि तेरे निज लोग इस्राएली सामूहिक रूप से अथवा कोई भी मनुष्य निज रूप से अपनी विपत्ति में दु:खी होकर इस भवन की ओर अपने हाथ फैलाएगा और तुझसे प्रार्थना तथा विनती करेगा,
इस प्रकार वे जीवनभर तेरी भक्ति करते हुए इस देश में निवास करेंगे, जो तूने हमारे पूर्वजों को दिया है।
और स्वामी, करुणा भी तेरी ही है; क्योंकि तू मनुष्य को उसके कामों के अनुसार फल देता है।
अधोलोक और अतल पाताल भी प्रभु की दृष्टि से छिपे नहीं हैं; तब क्या मनुष्य का हृदय उससे छिपा रह सकता है?
केवल मैं हृदय की जांच करता हूँ; मैं प्रभु, मनुष्य के मन को परखता हूँ, और हर एक मनुष्य को उसके आचरण के अनुकूल उसके कर्मों के फल के अनुसार पुरस्कार देता हूं।
‘इसलिए मैं तुम में से प्रत्येक व्यक्ति का न्याय उसके आचरण के अनुरूप करूंगा। मैं, स्वामी-प्रभु यही कहता हूँ। ओ इस्राएलियो! अपने कुकर्मों के लिए पश्चात्ताप करो, और अपने दुराचरण को छोड़ दो। ऐसा न हो कि तुम्हारा अधर्म तुम्हारे पतन का कारण बन जाए।
क्योंकि मानव-पुत्र अपने स्वर्गदूतों के साथ अपने पिता की महिमा में आएगा और वह प्रत्येक मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देगा।
उन्हें यह आवश्यकता नहीं थी कि कोई उन्हें मनुष्य के विषय में बताए; क्योंकि वह स्वयं जानते थे कि मनुष्य के मन में क्या है।
परमेश्वर से कोई भी सृष्ट वस्तु छिपी नहीं है। उसकी आंखों के सामने सब कुछ खुला और अनावृत्त है। उसी को हमें लेखा देना पड़ेगा।
मैं उसकी सन्तति का संहार करूंगा और सब कलीसियाएँ यह जान जायेंगी कि मैं वह हूँ, जो मन और ह्रदय की थाह लेता है और मैं तुम में से हर एक को उसके कर्मों का फल दूँगा।
परन्तु प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘तू उसके बाहरी रूप-रंग और ऊंचे कद पर ध्यान मत दे। मैंने उसे अस्वीकार किया है। जिस दृष्टि से मनुष्य देखता है, उस दृष्टि से मैं नहीं देखता। मनुष्य व्यक्ति के बाहरी रूप-रंग को देखता है, पर मैं उसके हृदय को देखता हूँ।’