कसदी सैनिकों ने प्रभु-भवन के पीतल के स्तम्भ, ठेलों और हौज को टुकड़े-टुकड़े किया, और उनका पीतल बेबीलोन ले गए।
2 इतिहास 4:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तत्पश्चात् उसने ढली हुई धातु का एक हौज बनाया। वह गोलाकार था। वह एक किनारे से दूसरे किनारे तक साढ़े चार मीटर चौड़ा था। वह सवा दो मीटर ऊंचा था। उसकी सम्पूर्ण परिधि साढ़े तेरह मीटर थी। पवित्र बाइबल तब सुलैमान ने पिघले काँसे का उपयोग एक विशाल हौज बनाने के लिये किया। विशाल हौज गोल था और एक सिरे से दूसरे सिरे तक इसकी नाप दस हाथ थी और यह पाँच हाथ ऊँचा और दस हाथ घेरे वाला था। Hindi Holy Bible फिर उसने एक ढाला हुआ हौद बनवाया; जो छोर से छोर तक दस हाथ तक चौड़ा था, उसका आकार गोल था, और उसकी ऊंचाई पांच हाथ की थी, और उसके चारों ओर का घेर तीस हाथ के नाप का था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर उसने ढला हुआ एक हौद बनवाया; जो एक किनारे से दूसरे किनारे तक दस हाथ तक चौड़ा था, उसका आकार गोल था, और उसकी ऊँचाई पाँच हाथ की थी, और उसके चारों ओर का घेर तीस हाथ के नाप का था। सरल हिन्दी बाइबल शलोमोन ने ढली हुई धातु का एक पानी का हौद बनाया, जो गोल था और उसका व्यास साढ़े चार मीटर और उसकी ऊंचाई थी सवा दो मीटर इसका कुल घेर था साढ़े तेरह मीटर इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर उसने ढला हुआ एक हौद बनवाया; जो एक किनारे से दूसरे किनारे तक दस हाथ तक चौड़ा था, उसका आकार गोल था, और उसकी ऊँचाई पाँच हाथ की थी, और उसके चारों ओर का घेर तीस हाथ के नाप का था। |
कसदी सैनिकों ने प्रभु-भवन के पीतल के स्तम्भ, ठेलों और हौज को टुकड़े-टुकड़े किया, और उनका पीतल बेबीलोन ले गए।
दाऊद हदद-एजेर के नगरों−टिबहत और कून−से बहुत मात्रा में कांस्य-धातु छीन कर ले गया। इसी कांस्य-धातु से सुलेमान ने प्रभु-भवन का हौज, स्तम्भ और पात्र बनाए।
हौज के किनारे के नीचे, उसकी बाहरी ओर, उसकी सम्पूर्ण परिधि में बछड़ों की आकृतियां बनी थीं। ये दो कतारों में थीं। जब हौज को ढाला गया था तब उसके साथ इन्हें भी ढाला गया था।
उसने वेदी के सब पात्र भी बनाए : राख उठाने के पात्र, फावड़ियाँ, कटोरे, कांटे और अंगीठियाँ। उसने सब पात्र पीतल से बनाए।
उसने मिलन-शिविर के द्वार पर सेवा करनेवाली स्त्रियों के दर्पणों से पीतल का एक कण्डाल तथा उसकी आधार-पीठिका बनाई।
‘उस दिन दाऊद के वंशजों तथा यरूशलेम के निवासियों को उनके पाप तथा अशुद्धता से धोने के लिए एक झरना फूटेगा।’
उसने नवजीवन के जल और पवित्र आत्मा की संजीवन शक्ति द्वारा हमारा उद्धार किया। उसने हमारे किसी पुण्य धर्म-कर्म के कारण ऐसा नहीं किया, बल्कि इसलिए कि वह दयालु है।
मैंने उत्तर दिया, “महोदय, आप ही जानते हैं”, और उसने मुझसे कहा, “ये वे लोग हैं, जो महासंकट में से निकल कर आये हैं। इन्होंने मेमने के रक्त में अपने वस्त्र धो कर उजले कर लिये हैं।