मन्दिर के मध्य भाग के सम्मुख की ड्योढ़ी नौ मीटर चौड़ी थी। यह मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। ड्योढ़ी मन्दिर के सम्मुख साढ़े चार मीटर लम्बी थी।
2 इतिहास 3:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भवन के मध्यभाग के सामने की ड्योढ़ी नौ मीटर चौड़ी थी। यह भवन की चौड़ाई के बराबर थी। उसकी ऊंचाई चौवन मीटर थी। उसने उसके भीतरी भाग को शुद्ध सोने से मढ़ा। पवित्र बाइबल मन्दिर के सामने का द्वार मण्डप बीस हाथ लम्बा और बीस हाथ ऊँचा था। सुलैमान ने द्वार मण्डप के भीतरी भाग को शुद्ध सोने से मढ़वाया Hindi Holy Bible और भवन के साम्हने के ओसारे की लम्बाई तो भवन की चौड़ाई के बराबर बीस हाथ की; और उसकी ऊंचाई एक सौ बीस हाथ की थी। सुलैमान ने उसको भीतर चोखे सोने से मढ़वाया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भवन के सामने के ओसारे की लम्बाई तो भवन की चौड़ाई के बराबर बीस हाथ की, और उसकी ऊँचाई एक सौ बीस हाथ की थी। सुलैमान ने उसको भीतर से चोखे सोने से मढ़वाया। सरल हिन्दी बाइबल भवन के सामने का ओसारा उतना ही लंबा था जितनी उसकी चौड़ाई थी और उसकी ऊंचाई चौवन मीटर थी. शलोमोन ने इसके अंदर के भाग को शुद्ध सोने से मढ़ दिया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भवन के सामने के ओसारे की लम्बाई तो भवन की चौड़ाई के बराबर बीस हाथ की; और उसकी ऊँचाई एक सौ बीस हाथ की थी। सुलैमान ने उसको भीतर से शुद्ध सोने से मढ़वाया। |
मन्दिर के मध्य भाग के सम्मुख की ड्योढ़ी नौ मीटर चौड़ी थी। यह मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। ड्योढ़ी मन्दिर के सम्मुख साढ़े चार मीटर लम्बी थी।
उन्होंने प्रभु के भवन की सफाई के कार्य का आरम्भ हिजकियाह के शासन-काल के प्रथम वर्ष के पहिले महीने से किया था। वे उस महीने की आठवीं तारीख को प्रभु के भवन की ड्योढ़ी में पहुंचे। उसके पश्चात् उन्होंने प्रभु के भवन को आठ दिन में स्वच्छ किया; और यों उस महीने की सोलहवीं तारीख को साफ-सफाई का काम पूरा हुआ।
फिर वह मुझे मन्दिर की ड्योढ़ी में ले गया। उसने ड्योढ़ी के दोनों ओर के खम्भों को नापा। प्रत्येक खम्भा अढ़ाई मीटर मोटा था। प्रवेश-द्वार की चौड़ाई सात मीटर थी। द्वार के दोनों ओर दीवारें थीं। प्रत्येक दीवार डेढ़ मीटर चौड़ी थी।
वह मनुष्य पतरस और योहन के साथ लगा हुआ था। इसलिए सारी जनता, आश्चर्यचकित हो कर, सुलेमान नामक मण्डप में उनकी ओर दौड़ पड़ी।
प्रेरितों द्वारा जनता के बीच बहुत-से चिह्न तथा चमत्कार हो रहे थे। सब विश्वासी एक भाव से सुलेमान के मण्डप में एकत्र हुआ करते थे।