2 इतिहास 20:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) चौथे दिन वे एक घाटी में एकत्र हुए और वहां उन्होंने विजय-प्राप्ति के लिए प्रभु को धन्यवाद दिया, और स्तुति-बलि चढ़ाई। तब से उस घाटी का नाम ‘बराका’ अर्थात् ‘धन्यवाद’ पड़ गया, और घाटी का यही नाम आज तक है। पवित्र बाइबल चौथे दिन यहोशापात और उसकी सेना बराका की घाटी में मिले। उन्होंने उस स्थान पर यहोवा की स्तुति की। यही कारण है कि उस स्थान का नाम आज तक “बराका की घाटी” है। Hindi Holy Bible चौथे दिन वे बराका नाम तराई में इकट्ठे हुए और वहां यहोवा का धन्यवाद किया; इस कारण उस स्थान का नाम बराका की ताराई पड़ा, जो आज तक है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) चौथे दिन वे बराका नामक तराई में इकट्ठा हुए और वहाँ यहोवा का धन्यवाद किया; इस कारण उस स्थान का नाम बराका की तराई पड़ा, जो आज तक है। सरल हिन्दी बाइबल चौथे दिन वे बेराकाह की घाटी में इकट्ठा हुए. वहां उन्होंने याहवेह की वंदना की इसलिये उन्होंने उस घाटी का नाम ही बेराकाह की घाटी रख दिया, जो आज तक प्रचलित है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 चौथे दिन वे बराका नामक तराई में इकट्ठे हुए और वहाँ यहोवा का धन्यवाद किया; इस कारण उस स्थान का नाम बराका की तराई पड़ा, जो आज तक है। |
यह भी कहना, “आपके सेवक याकूब हमारे पीछे आ रहे हैं।” वह सोचता था, ‘सम्भवत: मैं अपने आगे जाने वाली भेंट के माध्यम से एसाव का क्रोध शान्त कर सकूँ। इसके पश्चात् मैं उनका दर्शन करूँगा। कदाचित् वह मुझे स्वीकार करें।’
जिस दिन प्रभु ने दाऊद को उसके सब शत्रुओं के हाथ से और शाऊल के हाथ से मुक्त किया, उस दिन दाऊद ने प्रभु को सम्बोधित करते हुए यह गीत गाया :
इनका नेता अहीएजेर था। उसके बाद योआश था। ये दोनों गिबआह नगर के शमाआह के पुत्र थे। इनके अतिरिक्त एजीएल और पेलेत थे, जो अजमावेत के पुत्र थे; बराकाह; अनातोत नगर का येहू;
यहोशाफट अपने सैनिकों के साथ उनको लूटने के लिए उनके शिविरों के पास आया। उन्हें बड़ी संख्या में पशु, बहुमूल्य सामान, वस्त्र और कीमती वस्तुएं मिलीं। उन्हें लूट का इतना माल मिला कि वे उसको ढोने में असमर्थ हो गए। शत्रु-सेना का लूट का माल इतना अधिक था कि वे तीन दिन तक उसको लूटते रहे।
तत्पश्चात् यहूदा प्रदेश और यरूशलेम का प्रत्येक सैनिक लौटा। उनके आगे-आगे यहोशाफट था। वे आनन्द के साथ लौटे; क्योंकि प्रभु ने उनके शत्रुओं के ऊपर उनको आनन्दमय विजय प्रदान की थी।
डण्डे इतने लम्बे थे कि उनके सिर अन्तर्गृह के सम्मुख पवित्र स्थान से दिखाई देते थे। किन्तु वे बाहर से नहीं दिखाई देते थे। वे आज तक वहीं हैं।
तू फिर “परित्यक्ता” न कहलाएगी; तेरी भूमि फिर “उजाड़” न कहलाएगी। तू “मेरा आनन्द” , और तेरी भूमि “सुहागिन” कहलाएगी; क्योंकि प्रभु तुझसे प्रसन्न है, और तेरी भूमि सुहागिन बनेगी।
“धन्य है प्रभु, इस्राएल का परमेश्वर! उसने अपनी प्रजा की सुध ली है और उसका उद्धार किया है।
यह बात यरूशलेम के सब निवासियों को मालूम हो गयी; इस कारण वह खेत उनकी भाषा में ‘हकेलदमा’ अर्थात् ‘रक्त का खेत’ कहलाता है।
शमूएल ने एक पत्थर लिया, और उसको मिस्पाह और यशाना नगर के मध्य प्रतिष्ठित किया। उसने उसका नाम ‘एबन-एजर’ रखा। उसने कहा, ‘प्रभु ने इस स्थान तक हमारी सहायता की।’