अबशालोम तथा सब इस्राएली सैनिकों ने कहा, ‘अर्की हूशय की सलाह अहीतोफल की सलाह से उत्तम है।’ प्रभु ने यह निश्चय किया था कि वह अहीतोफल की अच्छी सलाह को निष्फल कर देगा जिससे अबशालोम पर ही विपत्ति आए।
2 इतिहास 10:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यों राजा ने जनता का निवेदन नहीं सुना। वस्तुत: प्रभु परमेश्वर ने यह पूर्व-निर्धारित कर दिया था जिससे वह अपने वचन को, जो उसने शिलोह के नबी अहीयाह के माध्यम से यारोबआम बेन-नबाट से कहा था, पूर्ण कर सके। पवित्र बाइबल इस प्रकार राजा रहूबियाम ने लोगों की एक न सुनी। उसने लोगों की एक न सुनी क्योंकि यह परिवर्तन परमेश्वर के यहाँ से आया। परमेश्वर ने ऐसा होने दिया। यह इसलिए हुआ कि यहोवा अपने उस वचन को सत्य प्रमाणित कर सके जो उन्होंने अहिय्याह के द्वारा यारोबाम को कहा था। अहिय्याह शीलो लोगों में से था और यारोबाम नबात का पुत्र था। Hindi Holy Bible इस प्रकार राजा ने प्रजा की बिनती न मानी; इसका कारण यह है, कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के लिये परमेश्वर ने ऐसा ही ठहराया था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस प्रकार राजा ने प्रजा की विनती न मानी; इसका कारण यह है कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के लिये परमेश्वर ने ऐसा ही ठहराया था। सरल हिन्दी बाइबल राजा ने लोगों की एक न सुनी क्योंकि यह सारी बातें याहवेह परमेश्वर द्वारा तय की जा चुकी थी, कि वह अपनी कही हुई बात को महिमा दें, जो उन्होंने नेबाथ के पुत्र यरोबोअम से शीलो के भविष्यद्वक्ता अहीयाह द्वारा की थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस प्रकार राजा ने प्रजा की विनती न मानी; इसका कारण यह है, कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के लिये परमेश्वर ने ऐसा ही ठहराया था। |
अबशालोम तथा सब इस्राएली सैनिकों ने कहा, ‘अर्की हूशय की सलाह अहीतोफल की सलाह से उत्तम है।’ प्रभु ने यह निश्चय किया था कि वह अहीतोफल की अच्छी सलाह को निष्फल कर देगा जिससे अबशालोम पर ही विपत्ति आए।
यों राजा ने जनता का निवेदन नहीं सुना। वस्तुत: प्रभु ने यह पूर्व-निर्धारित कर दिया था जिससे वह अपने वचन को, जो उसने शिलोह के नबी अहियाह के माध्यम से यारोबआम बेन-नबाट से कहा था, पूर्ण कर सके।
“प्रभु यों कहता है : आक्रमण मत करो। अपने ही भाई इस्राएल प्रदेश के लोगों से युद्ध मत करो। प्रत्येक व्यक्ति अपने घर को लौट जाए; क्योंकि इस्राएली राष्ट्र का यह विभाजन मेरी इच्छा से हुआ है।” ’ अत: लोगों ने प्रभु की वाणी सुनी। वे प्रभु के आदेश के अनुसार लौट गए।
प्रभु ने पूछा, “कौन व्यक्ति अहाब को फुसलाएगा और उसे रामोत गिलआद ले जाएगा कि वह वहाँ मार डाला जाए?” तब किसी ने कुछ कहा, किसी ने कुछ।
जैसी सलाह उसके जवान साथियों ने उसे दी थी, उसी के अनुसार उसने लोगों से कहा, ‘मेरे पिता ने तुम्हारे कन्धे पर भारी जूआ रखा था, मैं उससे भी भारी जूआ तुम्हारे कन्धे पर रखूंगा। मेरा पिता तुम्हें चाबुक से मारता था, मैं तुम्हें हण्टर से मारूंगा।’
“प्रभु यों कहता है : आक्रमण मत करो। अपने ही भाई इस्राएल प्रदेश के लोगों से युद्ध मत करो। प्रत्येक व्यक्ति अपने घर लौट जाए; क्योंकि इस्राएली राष्ट्र का यह विभाजन मेरी इच्छा से हुआ है।” ’ अत: उन्होंने प्रभु की वाणी सुनी, और यारोबआम पर आक्रमण का विचार त्याग दिया और लौट गए।
परमेश्वर यह निश्चित कर चुका था कि जब अहज्याह इस्राएल प्रदेश के राजा यहोराम के पास आएगा, तब उसका यह आगमन उसके पतन का कारण बनेगा। प्रभु ने येहू बेन-निम्शी को अहाब के राज-परिवार का वध करने के लिए अभिषिक्त किया था। अहज्याह वहां आया। वह यहोराम के साथ येहू से मिलने गया।
राजा सुलेमान के शेष कार्यों का विवरण, आदि से अन्त तक, इन पुस्तकों में लिखा हुआ है : ‘नबी नातान का इतिहास-ग्रन्थ’, ‘शीलोह-वासी अहियाह का नबूवत-ग्रन्थ’ और ‘द्रष्टा इद्दो का दर्शन ग्रन्थ।’ द्रष्टा इद्दो ने यारोबआम बेन-नबाट के विषय में दर्शन देखे थे।
प्रभु ने मिस्र देश में संभ्रम की आत्मा प्रेषित की है। उन नेताओं के कारण मिस्री अपने सब कामों में इस तरह लड़खड़ाते हैं, जैसे कोई शराबी वमन करता हुआ लड़खड़ाता है।
उन्होंने आपस में कहा, “हम इसे नहीं फाड़ें, बल्कि इस पर चिट्ठी डालें कि यह किस को मिले।” यह इसलिए हुआ कि धर्मग्रन्थ का यह कथन पूरा हो जाए : “उन्होंने मेरे कपड़े आपस में बाँट लिये और मेरे वस्त्र पर चिट्ठी डाली।” सैनिकों ने ऐसा ही किया।
वह परमेश्वर की निश्चित योजना तथा पूर्वज्ञान के अनुसार पकड़वाये गये और आप लोगों ने विधर्मियों के हाथों उन्हें क्रूस पर चढ़ाया और मार डाला है।
किन्तु हेश्बोन के राजा सीहोन ने हमें अपने पास से होकर नहीं जाने दिया; क्योंकि तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने उसकी आत्मा को कठोर, और हृदय को हठीला बना दिया था, जिससे वह उसे तुम्हारे हाथ में सौंप दे, जैसे वह आज भी है।
शिमशोन के माता-पिता नहीं जानते थे कि यह बात प्रभु की ओर से है; क्योंकि प्रभु पलिश्ती जाति को उभाड़ने के लिए अवसर ढूँढ़ रहा था। उस समय पलिश्ती इस्राएलियों पर शासन करते थे।
यदि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति अपराध करता है, तो परमेश्वर उसके लिए हस्तक्षेप करता है। परन्तु यदि व्यक्ति स्वयं प्रभु के प्रति पाप करेगा तो कौन उसकी क्षमा के लिए प्रार्थना कर सकता है?’ पुत्रों ने अपने पिता की बातों पर कान नहीं दिया; क्योंकि यह प्रभु की इच्छा थी कि वे मर जाएँ।