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1 राजाओं 12:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 यों राजा ने जनता का निवेदन नहीं सुना। वस्‍तुत: प्रभु ने यह पूर्व-निर्धारित कर दिया था जिससे वह अपने वचन को, जो उसने शिलोह के नबी अहियाह के माध्‍यम से यारोबआम बेन-नबाट से कहा था, पूर्ण कर सके।

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पवित्र बाइबल

15 अत: राजा ने वह नहीं किया जिसे लोग चाहते थे। यहोवा ने ऐसा होने दिया। यहोवा ने यह अपनी उस प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिये किया जो उसने नाबात के पुत्र यारोबाम के साथ की थी। यहोवा ने अहिय्याह नबी का उपयोग यह प्रतिज्ञा करने के लिये किया था। अहिय्याह शीलो का था।

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Hindi Holy Bible

15 सो राजा ने प्रजा की बात नहीं मानी, इसका कारण यह है, कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के लिये उसने ऐसा ही ठहराया था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 इस प्रकार राजा ने प्रजा की बात नहीं मानी, इसका कारण यह है कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के लिये उसने ऐसा ही ठहराया था।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 राजा ने लोगों की एक न सुनी क्योंकि यह सारी बातें याहवेह द्वारा तय की जा चुकी थी, कि वह अपनी कही हुई बात पूरी करे, जो उन्होंने नेबाथ के पुत्र यरोबोअम से शीलो के भविष्यद्वक्ता अहीयाह द्वारा की थी.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

15 इस प्रकार राजा ने प्रजा की बात नहीं मानी, इसका कारण यह है, कि जो वचन यहोवा ने शीलोवासी अहिय्याह के द्वारा नबात के पुत्र यारोबाम से कहा था, उसको पूरा करने के लिये उसने ऐसा ही ठहराया था।

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1 राजाओं 12:15
27 क्रॉस रेफरेंस  

लाबान और बतूएल ने उत्तर दिया, ‘यह प्रस्‍ताव प्रभु की ओर से आया है। हम तुमसे भला और बुरा कुछ भी नहीं कह सकते।


अबशालोम तथा सब इस्राएली सैनिकों ने कहा, ‘अर्की हूशय की सलाह अहीतोफल की सलाह से उत्तम है।’ प्रभु ने यह निश्‍चय किया था कि वह अहीतोफल की अच्‍छी सलाह को निष्‍फल कर देगा जिससे अबशालोम पर ही विपत्ति आए।


अत: प्रभु ने सुलेमान से यह कहा, ‘तेरी भावना बदल गई। तूने मेरे विधान और मेरी संविधियों का पालन नहीं किया, जिनकी आज्ञा मैंने तुझे दी थी। इस कारण मैं तेरे हाथ से तेरे राज्‍य को छीन लूंगा, और उसको तेरे सेवक के हाथ में सौंप दूंगा।


“प्रभु यों कहता है : आक्रमण मत करो। अपने ही भाई इस्राएल प्रदेश के लोगों से युद्ध मत करो। प्रत्‍येक व्यक्‍ति अपने घर को लौट जाए; क्‍योंकि इस्राएली राष्‍ट्र का यह विभाजन मेरी इच्‍छा से हुआ है।” ’ अत: लोगों ने प्रभु की वाणी सुनी। वे प्रभु के आदेश के अनुसार लौट गए।


महाराज, प्रभु ने आपके इन सब नबियों के मुंह में झूठ बोलनेवाली आत्‍मा बैठाई है। वास्‍तव में प्रभु ने आपके विषय में अशुभ वचन कहे हैं।’


तुम इस बात को समझ लो : प्रभु के मुख से निकला हुआ शब्‍द, जो उसने अहाब के राज-परिवार के विषय में कहा था, वह अक्षरश: पूर्ण हुआ है। जो कुछ प्रभु ने अपने सेवक एलियाह से कहा था, वही उसने किया है।’


सेवक लौटे। उन्‍होंने येहू को यह बताया। येहू ने कहा, ‘प्रभु का यह वचन है, जो उसने अपने सेवक, तिश्‍बे नगर के रहने वाले एलियाह से कहा था : “यिज्रएल नगर की सीमा में कुत्ते ईजेबेल का मांस खाएंगे।


यों राजा ने जनता का निवेदन नहीं सुना। वस्‍तुत: प्रभु परमेश्‍वर ने यह पूर्व-निर्धारित कर दिया था जिससे वह अपने वचन को, जो उसने शिलोह के नबी अहीयाह के माध्‍यम से यारोबआम बेन-नबाट से कहा था, पूर्ण कर सके।


परमेश्‍वर यह निश्‍चित कर चुका था कि जब अहज्‍याह इस्राएल प्रदेश के राजा यहोराम के पास आएगा, तब उसका यह आगमन उसके पतन का कारण बनेगा। प्रभु ने येहू बेन-निम्‍शी को अहाब के राज-परिवार का वध करने के लिए अभिषिक्‍त किया था। अहज्‍याह वहां आया। वह यहोराम के साथ येहू से मिलने गया।


नबी यह बोल ही रहा था कि राजा अमस्‍याह ने उससे कहा, ‘तुझको किसने मेरा सलाहकार नियुक्‍त किया है? चुप रह! तू क्‍यों मरना चाहता है?’ नबी चुप हो गया; किन्‍तु उसने कहा, ‘मैं जानता हूं, परमेश्‍वर ने आपको नष्‍ट करने का निश्‍चय कर लिया है; क्‍योंकि आपने मेरी सलाह नहीं सुनी और मुझे चुप करा दिया।’


परन्‍तु अमस्‍याह ने यहोआश की बात नहीं मानी; क्‍योंकि परमेश्‍वर ने यह निश्‍चय कर लिया था कि वह अमस्‍याह और उसके सैनिकों को उनके शत्रुओं के हाथ में सौंप देगा, क्‍योंकि वे एदोम के देवी-देवताओं की शरण में चले गए थे।


परमेश्‍वर, उनको अपराधी घोषित कर, उनको अपनी ही सम्‍मति के कारण गिरने दे, उनके अपराधों की अधिकता के कारण उन्‍हें बाहर निकाल दे; क्‍योंकि उन्‍होंने तुझसे विद्रोह किया है।


पृथ्‍वी के समस्‍त निवासी उसके सम्‍मुख नगण्‍य हैं; वह स्‍वर्ग की सेना में, पृथ्‍वी के प्राणियों के मध्‍य, अपनी इच्‍छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्‍न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्‍या किया?’ ”


क्‍या यह संभव है? नगर में नरसिंगा फूंका जाए और नागरिक भयभीत न हों? जब तक प्रभु किसी नगर पर विपत्ति नहीं ढाहता क्‍या उस नगर पर विपत्ति आ सकती है?


वह परमेश्‍वर की निश्‍चित योजना तथा पूर्वज्ञान के अनुसार पकड़वाये गये और आप लोगों ने विधर्मियों के हाथों उन्‍हें क्रूस पर चढ़ाया और मार डाला है।


“भाइयो! मैं जानता हूँ कि आप लोग, और आपके शासक भी, यह नहीं जानते थे कि वे क्‍या कर रहे हैं।


ताकि उसे पूरा करें, जिसे तेरे सामर्थ्य और तेरी योजना ने पहले से निर्धारित किया था।


किन्‍तु हेश्‍बोन के राजा सीहोन ने हमें अपने पास से होकर नहीं जाने दिया; क्‍योंकि तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने उसकी आत्‍मा को कठोर, और हृदय को हठीला बना दिया था, जिससे वह उसे तुम्‍हारे हाथ में सौंप दे, जैसे वह आज भी है।


शिमशोन के माता-पिता नहीं जानते थे कि यह बात प्रभु की ओर से है; क्‍योंकि प्रभु पलिश्‍ती जाति को उभाड़ने के लिए अवसर ढूँढ़ रहा था। उस समय पलिश्‍ती इस्राएलियों पर शासन करते थे।


इसके अतिरिक्‍त इस्राएल का महिमामय परमेश्‍वर झूठ नहीं बोलता, और न अपने वचन से मुँह मोड़ता है। वह मनुष्‍य नहीं है कि अपने वचन से मुँह मोड़े।’


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