जब राहेल ने देखा कि उससे याकूब के लिए सन्तान उत्पन्न नहीं हुई, तब वह अपनी बहिन से ईष्र्या करने लगी। उसने याकूब से कहा, ‘मुझे सन्तान दो, अन्यथा मैं मर जाऊंगी।’
1 शमूएल 1:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हन्नाह घोर दु:ख में डूबी हुई थी। उसने प्रभु से प्रार्थना की और वह फूट-फूट कर रोने लगी। पवित्र बाइबल हन्ना बहुत दुःखी थी। वह बहुत रोई जब उसने यहोवा से प्रार्थना की। Hindi Holy Bible और यह मन में व्याकुल हो कर यहोवा से प्रार्थना करने और बिलख बिलखकर रोने लगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह मन में व्याकुल होकर यहोवा से प्रार्थना करने और बिलख बिलखकर रोने लगी। सरल हिन्दी बाइबल जब हन्नाह याहवेह से प्रार्थना कर रही थी, वह मन में बहुत ही दुःखी थी. उसका रोना भी बहुत तेज होता जा रहा था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह मन में व्याकुल होकर यहोवा से प्रार्थना करने और बिलख-बिलख कर रोने लगी। |
जब राहेल ने देखा कि उससे याकूब के लिए सन्तान उत्पन्न नहीं हुई, तब वह अपनी बहिन से ईष्र्या करने लगी। उसने याकूब से कहा, ‘मुझे सन्तान दो, अन्यथा मैं मर जाऊंगी।’
जब वे यर्दन नदी के किनारे पर स्थित ‘आटद का खलियान’ नामक स्थान पर पहुँचे, तब उन्होंने अत्यन्त शोक मनाया। यूसुफ ने भी अपने पिता के लिए सात दिन तक शोक किया।
अभी उसकी बात समाप्त नहीं हुई थी कि राजकुमार आ गए। वे जोर-जोर से रोने लगे। राजा और उसके दरबारी भी फूट-फूट कर रोने लगे।
हूशय ने समझाया, ‘आप यह जानते हैं कि आपके पिता तथा उनके सैनिक महायोद्धा हैं। वे उस रीछनी के समान खूंखार हैं जिसके बच्चे छीन लिये गए हैं। आपके पिता अनुभवी सैनिक हैं। वह सैनिकों के साथ रात व्यतीत नहीं करते।
‘हे प्रभु, स्मरण कर कि मैं सच्चाई और सम्पूर्ण हृदय से तेरे सम्मुख तेरे मार्ग पर चलता रहा। मैंने उन्हीं कार्यों को किया है, जो तेरी दृष्टि में उचित हैं।’ यह कहकर हिजकियाह फूट-फूटकर रोने लगा।
‘मैं अपने जीवन से तंग आ गया हूँ। मैं निस्संकोच अपनी शिकायत पेश करूंगा। मैं अपने प्राण की पीड़ा व्यक्त करूंगा।
‘अत: मैं अपना मुंह बन्द नहीं रखूंगा; मैं अपनी आत्मा की वेदना के कारण बोलूंगा; मैं अपने प्राण की कटुता के कारण, हे परमेश्वर, तुझसे शिकायत करूंगा! क्या मैं समुद्री राक्षस हूं कि तू मुझे पहरे में रखता है, जिससे मैं बन्धन-मुक्त न होऊं?
जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्त करूंगा और उसे महिमान्वित करूंगा।
मैं क्या कह सकता हूं? उसी ने मुझ से जैसा कहा था वैसा ही मेरे साथ किया है! मेरे प्राण की कड़ुआहट के कारण मेरी आंखों की नींद उड़ गई।
प्रभु ने तुझे ऐसे बुलाया है, जैसे त्यागी हुई और दु:खी मन वाली स्त्री को पुन: बुलाया जाता है। क्या कोई युवावस्था की पत्नी को भुला सकता है? तेरा परमेश्वर यह कहता है:
किन्तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्हारे घमण्ड के कारण एकांत स्थान में आंसू बहाऊंगा, मेरी आंखें बुरी तरह रोएंगी, उनसे आंसुओं की नदी बहेगी; क्योंकि प्रभु का रेवड़ बन्दी बना लिया जाएगा।
‘ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो, मृत राजा योशियाह के लिए मत रोओ, और न उसके लिए शोक मनाओ। किन्तु राजा शल्लूम के लिए छाती पीट कर रोओ, जो बन्दी होकर जा रहा है। वह फिर नहीं लौटेगा; वह फिर अपनी मातृ-भूमि को नहीं देखेगा।’
येशु प्राणपीड़ा में पड़ने के कारण और भी एकाग्र हो कर प्रार्थना करते रहे और उनका पसीना रक्त की बूंदों की तरह धरती पर टपकता रहा।]
मसीह ने इस पृथ्वी पर रहते समय पुकार-पुकार कर और आँसू बहा-बहा कर परमेश्वर से, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकता था, प्रार्थना और अनुनय-विनय की। श्रद्धाभक्ति के कारण उनकी प्रार्थना सुनी गयी।
तत्पश्चात् वे बेत-एल में आए। वे वहाँ परमेश्वर के सम्मुख सन्ध्या समय तक बैठे रहे। वे उच्च स्वर में फूट-फूट कर रोए।
नाओमी ने उनसे कहा, ‘कृपाकर, अब मुझे “नाओमी” मत कहो, बल्कि मुझे “मारा” कहो; क्योंकि सर्वशक्तिमान प्रभु ने मुझे बहुत दु:ख दिया है।
उसने प्रभु से यह स्पष्ट मन्नत मानी, ‘हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, यदि तू अपनी सेविका के दु:ख पर निश्चय ही दृष्टि करेगा, मेरी सुधि लेगा, अपनी सेविका को नहीं भूलेगा, और मुझे, अपनी सेविका को एक पुत्र प्रदान करेगा तो मैं उसे जीवन भर के लिए तुझ-प्रभु की सेवा में अर्पित कर दूँगी। उसके सिर पर उस्तरा कभी नहीं फेरा जाएगा।’
किसी दिन जब वे शिलोह में खा-पी चुके तब हन्नाह उठी, और वह प्रभु के सम्मुख खड़ी हो गई। पुरोहित एली प्रभु के मन्दिर की चौखट के बाजू में अपने आसन पर बैठा था।