जो भवन राजा सुलेमान ने प्रभु के लिए बनाया, वह सत्ताइस मीटर लम्बा, नौ मीटर चौड़ा और साढ़े तेरह मीटर ऊंचा था।
1 राजाओं 6:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मन्दिर के मध्य भाग के सम्मुख की ड्योढ़ी नौ मीटर चौड़ी थी। यह मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। ड्योढ़ी मन्दिर के सम्मुख साढ़े चार मीटर लम्बी थी। पवित्र बाइबल मन्दिर का द्वार मण्डप तीस फुट लम्बा और पन्द्रह फुट चौड़ा था। यह द्वारमण्डप मन्दिर के ही मुख्य भाग के सामने तक फैला था। इसकी लम्बाई मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। Hindi Holy Bible और भवन के मन्दिर के साम्हने के ओसारे की लम्बाई बीस हाथ की थी, अर्थात भवन की चौड़ाई के बराबर थी, और ओसारे की चौड़ाई जो भवन के साम्हने थी, वह दस हाथ की थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और भवन के मन्दिर के सामने के ओसारे की लम्बाई बीस हाथ की थी, अर्थात् भवन की चौड़ाई के बराबर थी, और ओसारे की चौड़ाई जो भवन के सामने थी, वह दस हाथ की थी। सरल हिन्दी बाइबल भवन के बीच के द्वार-मंडप की लंबाई भी नौ मीटर थी, जितनी भवन की चौड़ाई थी. भवन के सामने इसकी गहराई साढ़े चार मीटर थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और भवन के मन्दिर के सामने के ओसारे की लम्बाई बीस हाथ की थी, अर्थात् भवन की चौड़ाई के बराबर थी, और ओसारे की चौड़ाई जो भवन के सामने थी, वह दस हाथ की थी। |
जो भवन राजा सुलेमान ने प्रभु के लिए बनाया, वह सत्ताइस मीटर लम्बा, नौ मीटर चौड़ा और साढ़े तेरह मीटर ऊंचा था।
बड़े आंगन के चारों ओर एक दीवार थी, जिसमें गढ़े हुए पत्थरों के तीन रद्दों और देवदार के शहतीरों की एक परत थी; जैसा प्रभु-भवन के भीतर के आंगन में तथा भवन की ड्योढ़ी में था।
तत्पश्चात् उसने मन्दिर की ड्योढ़ी में स्तम्भ खड़े किए। उसने दक्षिण दिशा में एक स्तम्भ खड़ा किया, और उसका नाम ‘याकीन’ रखा। तब उसने उत्तर दिशा में एक स्तम्भ खड़ा किया, और उसका नाम ‘बोअज’ रखा।
दाऊद ने अपने पुत्र सुलेमान को भवन की ड्योढ़ी, भवन-कक्षों, भण्डार-गृहों, उपरले कक्षों, अन्तर्गृहों, और दया-आसन के कक्ष का नमूना दिया।
फिर वह मुझे मन्दिर की ड्योढ़ी में ले गया। उसने ड्योढ़ी के दोनों ओर के खम्भों को नापा। प्रत्येक खम्भा अढ़ाई मीटर मोटा था। प्रवेश-द्वार की चौड़ाई सात मीटर थी। द्वार के दोनों ओर दीवारें थीं। प्रत्येक दीवार डेढ़ मीटर चौड़ी थी।
फिर उसने आंगन के सामने पश्चिमी भवन की तथा उसके दोनों ओर की दीवारों की चौड़ाई नापी। वह भी पचास मीटर निकली। मन्दिर के अन्तर्गृह, मध्यभाग और बाहरी ड्योढ़ी