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1 पतरस 4:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मुख्‍य बात यह है कि आप आपस में गहरा प्रेम बनाये रखें, क्‍योंकि प्रेम बहुत-से पाप ढाँक देता है।

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पवित्र बाइबल

और सबसे बड़ी बात यह है कि एक दूसरे के प्रति निरन्तर प्रेम बनाये रखो क्योंकि प्रेम से अनगिनत पापों का निवारण होता है।

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Hindi Holy Bible

और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सब में श्रेष्‍ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढाँप देता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

सब से बढ़कर, एक दूसरे के प्रति गहरा प्रेम रखो, क्योंकि प्रेम बहुत से पापों को ढाँप देता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

सबसे उत्तम तो यह है कि आपस में उत्तम प्रेम रखो क्योंकि प्रेम अनगिनत पापों पर पर्दा डाल देता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढाँप देता है। (नीति. 10:12)

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1 पतरस 4:8
17 क्रॉस रेफरेंस  

घृणा लड़ाई-झगड़ों को जन्‍म देती है; पर प्रेम सब अपराधों को क्षमा कर देता है।


मूर्ख मनुष्‍य अपनी चिढ़ तत्‍काल प्रकट कर देता है, किन्‍तु व्‍यवहार-कुशल मनुष्‍य अपना अपमान पी जाता है।


जो मनुष्‍य दूसरे के अपराध क्षमा करता है, वह प्रेम का खोजी कहलाता है; पर दूसरों की बातें यहाँ-वहाँ फैलानेवाला मित्रों में फूट कराता है।


जो मनुष्‍य प्रश्‍न सुनने के पहले उत्तर देता है, वह लज्‍जित होता, और मूर्ख कहलाता है।


मैं भले ही मनुष्‍यों तथा स्‍वर्गदूतों की भाषाओं में बोलूँ; किन्‍तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं ठनठनाता पीतल अथवा झनझनाती झाँझ मात्र हूँ।


प्रेम सहनशील और दयालु है। प्रेम न तो ईष्‍र्या करता है, न डींग मारता, न घमण्‍ड करता है।


परन्‍तु सब से बड़ी बात यह है कि आपस में प्रेम-भाव बनाये रखें। वह सब कुछ एकता में बाँध कर पूर्णता तक पहुँचा देता है।


प्रभु ऐसा करें कि जिस तरह हम आप लोगों को प्‍यार करते हैं, उसी तरह आपका प्रेम एक दूसरे के प्रति सब के प्रति बढ़ता और उमड़ता रहे।


भाइयो और बहिनो! आप लोगों के विषय में परमेश्‍वर को निरन्‍तर धन्‍यवाद देना हमारा उचित कर्त्तव्‍य है; क्‍योंकि आपका विश्‍वास बहुत अच्‍छी तरह फल-फूल रहा है और आप-सब का एक दूसरे के प्रति प्रेम बढ़ रहा है।


इस आदेश का लक्ष्य वह प्रेम है, जो शुद्ध हृदय, निर्दोष अन्‍त:करण और निष्‍कपट विश्‍वास से उत्‍पन्न होता है।


आपका भ्रातृप्रेम बना रहे।


मेरे भाइयो और बहिनो! सब से बड़ी बात यह है कि आप शपथ नहीं खायें − न तो स्‍वर्ग की, न पृथ्‍वी की और न किसी अन्‍य वस्‍तु की। आपकी बात इतनी हो : हाँ की हाँ, नहीं की नहीं। कहीं ऐसा न हो कि आप दण्‍ड के योग्‍य हो जायें।


तो यह समझिए कि जो किसी पापी को कुमार्ग से वापस ले आता है, वह उसकी आत्‍मा को मृत्‍यु से बचाता है और बहुत-से पाप ढांप देता है।


आप लोगों ने आज्ञाकारी बन कर सत्‍य को स्‍वीकार किया और इस प्रकार निष्‍कपट भ्रातृप्रेम के लिए अपनी आत्‍मा को पवित्र कर लिया है; इसलिए अब आप लोगों को शुद्ध हृदय और सच्‍ची लगन से एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।


प्रियवर! मेरी हार्दिक कामना है कि सब तरह से आपका कल्‍याण हो और आपकी आत्‍म की तरह, आपका शरीर भी पूर्ण स्‍वस्‍थ रहे;