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1 थिस्सलुनीकियों 5:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

आप इस बात का ध्‍यान रखें कि बुराई के बदले कोई भी किसी के साथ बुराई नहीं करे। आप सदैव एक दूसरे की और सब मनुष्‍यों की भी भलाई करने का प्रयत्‍न करें।

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पवित्र बाइबल

देखते रहो कोई बुराई का बदला बुराई से न दे, बल्कि सब लोग सदा एक दूसरे के साथ भलाई करने का ही जतन करें।

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Hindi Holy Bible

सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्टा करो।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो, आपस में और सबसे भी भलाई ही की चेष्‍टा करो।

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नवीन हिंदी बाइबल

ध्यान रखो कि बुराई के बदले कोई किसी से बुराई न करे, परंतु सदा एक दूसरे और सब लोगों के साथ भलाई करने का प्रयत्‍न करो।

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सरल हिन्दी बाइबल

यह ध्यान रखो कि कोई भी बुराई का बदला बुराई से न लेने पाए किंतु हमेशा वही करने का प्रयास करो, जिसमें पारस्परिक और सभी का भला हो.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

देखो की कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो आपस में और सबसे भी भलाई ही की चेष्टा करो। (1 पत. 3:9)

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1 थिस्सलुनीकियों 5:15
39 क्रॉस रेफरेंस  

तत्‍पश्‍चात् उसने अपने भाइयों को भेज दिया। जब वे प्रस्‍थान करने लगे, यूसुफ ने उनसे कहा, ‘मार्ग में लड़ाई-झगड़ा मत करना।’


जो भलाई का प्रतिकार बुराई से करते हैं, वे मेरे बैरी हैं- क्‍योंकि मैं भलाई का अनुसरण करता हूँ।


यदि मैंने अपने मित्र से बदले में बुराई की, अथवा अपने शत्रु को अकारण लूटा,


जो मनुष्‍य भलाई के बदले में बुराई करता है, उसके घर में बुराई सदा निवास करती है।


यह मत कहो, “मैं बुराई का बदला लूंगा,” पर प्रभु पर भरोसा रखो, वही तुम्‍हारी सहायता करेगा।


मेरे पुत्र, अपने शत्रु के पतन से आनन्‍दित मत होना; जब उसको ठोकर लगे तब तू हृदय में आनन्‍द मत मनाना।


उसके विषय में यह मत कहना: ‘जैसा उसने मेरे साथ किया है वैसा ही मैं उसके साथ करूँगा। जो व्‍यवहार उसने मेरे साथ किया है, उसका प्रतिफल मैं उसको दूंगा।’


यदि तेरा शत्रु भूखा है तो उसको खाने के लिए भोजन दे। यदि वह प्‍यासा है तो उसको पीने के लिए पानी दे।


तुम अपने जाति-भाई-बहिनों से प्रतिशोध न लेना, और न उनके प्रति शत्रुता रखना, वरन् अपने पड़ोसी को अपने ही समान प्रेम करना। मैं प्रभु हूँ।


परन्‍तु मैं तुम से कहता हूँ − दुष्‍ट का सामना नहीं करो। यदि कोई तुम्‍हारे दाहिने गाल पर थप्‍पड़ मारे, तो दूसरा भी उसके सामने कर दो।


परन्‍तु तुम अपने शत्रुओं से प्रेम करो, उनकी भलाई करो और वापस पाने की आशा न रख कर उधार दो। तभी तुम्‍हारा पुरस्‍कार महान् होगा और तुम सर्वोच्‍च परमेश्‍वर की संतान बन जाओगे, क्‍योंकि वह भी कृतघ्‍नों और दुष्‍टों पर कृपा करता है।


किन्‍तु पौलुस ने ऊंचे स्‍वर से पुकार कर कहा, “अपने आपको कोई हानि न पहुँचाओ। हम सब यहीं हैं।”


आप लोगों का प्रेम निष्‍कपट हो। आप बुराई से घृणा करें तथा भलाई में लगे रहें।


हम ऐसी बातों में लगे रहें, जिन से शान्‍ति को बढ़ावा मिलता है और जिनके द्वारा हम एक-दूसरे का निर्माण कर सकें।


आप प्रेम की साधना करते रहें। आप आध्‍यात्‍मिक वरदानों की धुन में रहें; किन्‍तु विशेष रूप से नबूवत के वरदान की अभिलाषा किया करें।


जब तिमोथी आयेंगे, तो इसका ध्‍यान रखियेगा कि उन्‍हें आप के यहाँ कोई चिन्‍ता न हो, क्‍योंकि वह मेरी तरह प्रभु के कार्य में लगे रहते हैं।


वास्‍तव में पहला दोष तो यह है कि आप एक दूसरे पर मुक़दमा चलाते हैं। इसकी अपेक्षा आप अन्‍याय क्‍यों नहीं सह लेते? अपनी हानि क्‍यों नहीं होने देते?


इसलिए जब तक हमें अवसर मिल रहा है, हम सब की भलाई करते रहें, विशेष रूप से उन लोगों की, जो विश्‍वास के कारण हमारे परिवार के हैं।


अपने आचरण का पूरा-पूरा ध्‍यान रखें। मूर्खों की तरह नहीं, बल्‍कि बुद्धिमानों की तरह चल कर।


जो भी हो, आप लोगों में हर एक पति अपनी पत्‍नी को अपने समान प्रेम करे और पत्‍नी अपने पति का आदर-सम्‍मान करे।


तू न्‍याय, केवल न्‍याय का अनुसरण करना, जिससे तू उस देश में, जिसको तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे दे रहा है, जीवित रहे और उस पर अधिकार करे।


उपदेश और सान्‍त्‍वना देते और अनुरोध करते थे कि आप उस परमेश्‍वर के योग्‍य जीवन बितायें, जो आप को अपने राज्‍य की महिमा के लिए बुलाता है।


बल्‍कि सब कुछ परखें और जो अच्‍छा हो, उसे स्‍वीकार करें।


परमेश्‍वर का सेवक होने के नाते तुम इन सब बातों से अलग रह कर धार्मिकता, भक्‍ति, विश्‍वास, प्रेम, धैर्य तथा विनम्रता की साधना करो।


और प्रभु के सेवक को झगड़ालू नहीं, बल्‍कि सबके प्रति मिलनसार तथा सहनशील होना चाहिए। वह शिक्षा देने के लिए तैयार रहे


किसी की निन्‍दा न करें, झगड़ालू नहीं, बल्‍कि सहनशील हों और सब लोगों के साथ नम्र व्‍यवहार करें।


सब के साथ शान्‍ति बनायें रखें और पवित्रता की साधना करें। इसके बिना कोई व्यक्‍ति प्रभु के दर्शन नहीं कर पायेगा।


आप लोगों ने आज्ञाकारी बन कर सत्‍य को स्‍वीकार किया और इस प्रकार निष्‍कपट भ्रातृप्रेम के लिए अपनी आत्‍मा को पवित्र कर लिया है; इसलिए अब आप लोगों को शुद्ध हृदय और सच्‍ची लगन से एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।


सब मनुष्‍यों का सम्‍मान करें। भाई-बहिनों से प्रेम करें, परमेश्‍वर पर श्रद्धा रखें और सम्राट् का सम्‍मान करें।


आप बुराई के बदले बुराई न करें और गाली के बदले गाली नहीं, बल्‍कि आशीर्वाद दें। ऐसा ही करने के लिए आप बुलाये गये हैं, जिससे आप विरासत के रूप में आशीर्वाद प्राप्‍त कर सकें;


प्रियवर! आप बुराई का नहीं, बल्‍कि भलाई का अनुकरण करें। जो भलाई करता है, वह परमेश्‍वर से है; किन्‍तु जो बुराई करता है, वह परमेश्‍वर के विषय में कुछ नहीं जानता।


तब मैं उसकी आराधना करने के लिए उसके चरणों पर गिर पड़ा, लेकिन उस ने मुझ से यह कहा, “आप ऐसा नहीं करें। मैं भी आपका और आपके उन भाई-बहिनों का, जो येशु की दी हुई साक्षी सुरक्षित रखते हैं, साथी सेवक हूँ। आप परमेश्‍वर की ही आराधना करें, क्‍योंकि येशु की साक्षी नबूवत की आत्‍मा है।”


लेकिन उसने मुझ से यह कहा, “आप ऐसा नहीं करें। मैं भी आपका, आपके भाई-बहिन नबियों का और उन लोगों का, जो इस पुस्‍तक की बातों का पालन करते हैं, साथी सेवक मात्र हूँ। आप परमेश्‍वर की ही आराधना करें।”


जैसी प्राचीन काल की यह कहावत है : “दुर्जन व्यक्‍ति से दुष्‍टता का जन्‍म होता है।” मेरा हाथ आप पर कभी नहीं उठेगा।