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1 तीमुथियुस 2:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

फिर भी यदि स्‍त्रियाँ संयम से विश्‍वास, प्रेम और पवित्रता में दृढ़ बनी रहेंगी, तो वे अपने मातृत्‍व द्वारा मुक्‍ति प्राप्‍त करेंगी।

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पवित्र बाइबल

किन्तु यदि वे माता के कर्तव्यों को निभाते हुए विश्वास, प्रेम, पवित्रता और परमेश्वर के प्रति समर्पण में बनी रहें तो उद्धार को अवश्य प्राप्त करेंगी।

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Hindi Holy Bible

तौभी बच्चे जनने के द्वारा उद्धार पाएंगी, यदि वे संयम सहित विश्वास, प्रेम, और पवित्रता में स्थिर रहें॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तौभी स्त्री बच्‍चे जनने के द्वारा उद्धार पाएगी, यदि वह संयम सहित विश्‍वास, प्रेम, और पवित्रता में स्थिर रहे।

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नवीन हिंदी बाइबल

फिर भी यदि वह संयम के साथ विश्‍वास, प्रेम और पवित्रता में बनी रहे तो संतान उत्पन्‍न‍ करने के द्वारा उद्धार पाएगी।

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु स्त्रियां संतान पैदा करने के द्वारा उद्धार प्राप्‍त करेंगी—यदि वे संयम के साथ विश्वास, प्रेम तथा पवित्रता में स्थिर रहती हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तो भी स्त्री बच्चे जनने के द्वारा उद्धार पाएगी, यदि वह संयम सहित विश्वास, प्रेम, और पवित्रता में स्थिर रहे।

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1 तीमुथियुस 2:15
14 क्रॉस रेफरेंस  

अत: स्‍वयं स्‍वामी तुम्‍हें एक संकेत-चिह्‍न देगा: देखो, एक कन्‍या गर्भवती होगी और वह एक पुत्र को जन्‍म देगी। वह उसका नाम ‘इम्‍मानुएल’ रखेगी।


देखो, हमारे लिए एक बालक का जन्‍म हुआ है; हमें एक पुत्र दिया गया है। राज-सत्ता उसके कंधों पर है। उसका यह नाम रखा जाएगा : ‘अद्भुत् परामर्शदाता’, ‘शक्‍तिमान ईश्‍वर’, ‘शाश्‍वत पिता’, ‘शान्‍ति का शासक’।


ओ चंचल पुत्री! तू कब तक यहां-वहां भटकती रहेगी? मैं-प्रभु ने पृथ्‍वी पर एक नई व्‍यवस्‍था की है : नारी पुरुष की रक्षा करेगी।’


और उसने अपने पहिलौठे पुत्र को जन्‍म दिया और उसे कपड़ों में लपेट कर चरनी में लिटा दिया; क्‍योंकि उनके लिए सराय में जगह नहीं थी।


शरीर के जिन अंगों को हम कम आदरणीय समझते हैं, उनका अधिक आदर करते हैं और अपने अशोभनीय अंगों की लज्‍जा का अधिक ध्‍यान रखते हैं।


हमारे प्रभु का अनुग्रह प्रचुर मात्रा में मुझे प्राप्‍त हुआ और साथ ही वह विश्‍वास और प्रेम भी, जो हमें येशु मसीह द्वारा मिलता है।


इस आदेश का लक्ष्य वह प्रेम है, जो शुद्ध हृदय, निर्दोष अन्‍त:करण और निष्‍कपट विश्‍वास से उत्‍पन्न होता है।


मैं यह भी चाहता हूँ कि स्‍त्रियाँ शिष्‍ट वेशभूषा में मर्यादा और शालीनता का ध्‍यान रखें और कृत्रिम केश-विन्‍यास, स्‍वर्ण, मोतियों एवं कीमती वस्‍त्रों से नहीं,


वह हमें यह शिक्षा देती है कि अधार्मिकता तथा विषय-वासना त्‍याग कर हम इस युग-संसार में संयम, न्‍याय तथा भक्‍ति का जीवन बितायें


सब का अन्‍त निकट आ गया है। आप लोग सन्‍तुलन तथा संयम रखें, जिससे आप प्रार्थना कर सकें।