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तीतुस 2:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 वह हमें यह शिक्षा देती है कि अधार्मिकता तथा विषय-वासना त्‍याग कर हम इस युग-संसार में संयम, न्‍याय तथा भक्‍ति का जीवन बितायें

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पवित्र बाइबल

12 इससे हमें सीख मिलती है कि हम परमेश्वर विहीनता को नकारें और सांसारिक इच्छाओं का निषेध करते हुए ऐसा जीवन जीयें जो विवेकपूर्ण नेक, भक्ति से भरपूर और पवित्र हो। आज के इस संसार में

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Hindi Holy Bible

12 और हमें चिताता है, कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेर कर इस युग में संयम और धर्म और भक्ति से जीवन बिताएं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 और हमें चेतावनी देता है कि हम अभक्‍ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम और धर्म और भक्‍ति से जीवन बिताएँ;

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नवीन हिंदी बाइबल

12 और हमें सिखाता है कि हम अभक्‍ति और सांसारिक अभिलाषाओं का इनकार करके इस युग में संयम, धार्मिकता और भक्‍ति का जीवन बिताएँ,

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सरल हिन्दी बाइबल

12 जिसकी हमारे लिए शिक्षा है कि हम “गलत” कामों और सांसारिक अभिलाषाओं का त्याग कर इस युग में संयम, धार्मिकता और परमेश्वर भक्ति का जीवन जिए,

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तीतुस 2:12
59 क्रॉस रेफरेंस  

कि वे अंत तक प्रभु की संविधि का पालन करें; उसकी व्‍यवस्‍था को मानते रहें। प्रभु की स्‍तुति करो!


जान लो कि प्रभु अपने भक्‍त के लिए अद्भुत कार्य करता है: जब मैं प्रभु को पुकारता हूँ, तब वह निस्‍सन्‍देह सुनता है।


मैं तुम्‍हारे भीतर अपना आत्‍मा प्रतिष्‍ठित करूंगा। तब तुम मेरी संविधियों के अनुसार आचरण करोगे, और मेरे आदेशों का तत्‍परतापूर्वक पालन करोगे।


जो कोई मानव-पुत्र के विरुद्ध कुछ कहेगा, उसे क्षमा मिल जाएगी; परन्‍तु जो पवित्र आत्‍मा के विरुद्ध बोलेगा, उसे क्षमा नहीं मिलेगी − न इहलोक में और न परलोक में।


इसके पश्‍चात् येशु ने अपने शिष्‍यों से कहा, “जो मेरा अनुसरण करना चाहता है, वह आत्‍मत्‍याग करे और अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले;


मैंने तुम्‍हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्‍हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्‍त तक सदा तुम्‍हारे साथ हूँ।”


वे दोनों परमेश्‍वर की दृष्‍टि में धार्मिक थे। वे प्रभु की सब आज्ञाओं और नियमों का निर्दोष अनुसरण करते थे।


जिससे हम निर्भयता, पवित्रता और धार्मिकता से जीवन भर उसके सम्‍मुख उसकी सेवा कर सकें।


“अब मैं तुम से और अधिक बातें नहीं करूँगा, क्‍योंकि इस संसार का अधिपति आ रहा है। वह मेरा कुछ नहीं कर सकता,


उन्‍होंने झील पार की और येशु को वहाँ पा कर उन से कहा, “गुरुजी! आप यहाँ कब आए?”


इसलिए मैं परमेश्‍वर तथा मनुष्‍यों की दृष्‍टि में अपना अन्‍त:करण निर्दोष बनाये रखने का निरन्‍तर प्रयत्‍न करता रहता हूँ।


जब पौलुस धार्मिकता, आत्‍मसंयम और अंतिम न्‍याय के विषय में बोलने लगे, तो फ़ेलिक्‍स पर भय छा गया और उसने कहा, “तुम इस समय जा सकते हो। अवसर मिलने पर मैं तुमको फिर बुलाऊंगा।”


आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्‍कि सब कुछ नयी दृष्‍टि से देखें और अपना स्‍वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्‍वर क्‍या चाहता है और उसकी दृष्‍टि में क्‍या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।


अब आप लोग अपने मरणशील शरीर में पाप का राज्‍य स्‍वीकार नहीं करें और उसकी वासनाओं के अधीन नहीं रहें।


मैं आपकी मानवीय दुर्बलता के कारण साधारण मानव जीवन का उदाहरण दे रहा हूँ। आप लोगों ने जिस तरह पहले अपने शरीर को अशुद्धता और अधर्म के अधीन किया था, जिससे वह दूषित हो गया था, उसी तरह अब आप अपने शरीर को धार्मिकता के अधीन कर दीजिए, जिससे वह पवित्र हो जाये।


यदि आप शारीरिक स्‍वभाव के अनुसार ही जीवन बितायेंगे, तो अवश्‍य मर जायेंगे। लेकिन यदि आप आत्‍मा की प्रेरणा से शरीर की प्रवृत्तियों का दमन करेंगे, तो आप को जीवन प्राप्‍त होगा।


हमें एक बात का गर्व है-हमारा अन्‍त:करण हमें विश्‍वास दिलाता है कि हमने मनुष्‍यों के साथ और विशेष कर आप लोगों के साथ जो व्‍यवहार किया है, वह संसार की बुद्धिमानी के अनुसार नहीं, बल्‍कि उस सच्‍चाई और ईमानदारी के अनुसार था जो परमेश्‍वर की कृपा का वरदान है।


प्रिय भाइयो और बहिनो! हमें इस प्रकार की प्रतिज्ञाएं मिली हैं। इसलिए हम शरीर और मन के हर प्रकार के दूषण से अपने को शुद्ध करें और परमेश्‍वर पर श्रद्धा-भक्‍ति रखते हुए पवित्रता की परिपूर्णता तक पहुँचने का प्रयत्‍न करते रहें।


मसीह ने हमारे पापों के कारण अपने को अर्पित किया, जिससे वह हमारे पिता परमेश्‍वर की इच्‍छानुसार वर्तमान पापमय युग-संसार से हमारा उद्धार करें।


जो लोग येशु मसीह के हैं, उन्‍होंने वासनाओं तथा कामनाओं सहित अपने शारीरिक स्‍वभाव को क्रूस पर चढ़ा दिया है।


उसने संसार की सृष्‍टि से पहले मसीह में हम को चुना, जिससे हम मसीह से संयुक्‍त हो कर उसकी दृष्‍टि में पवित्र तथा निष्‍कलंक बनें।


क्‍योंकि आपका आचरण पहले इस युग-संसार की रीति के अनुकूल, आकाश में अधिकार जमाने वाले नायक के अनुकूल था। आप उस आत्‍मा के वश में थे, जो अब तक परमेश्‍वर के विरोधियों में क्रियाशील है।


किन्‍तु अब परमेश्‍वर ने अपने पुत्र के मानव शरीर में मृत्‍यु द्वारा आपके साथ मेल कर लिया है, जिससे वह आप को पवित्र, निर्दोष और अनिन्‍दनीय बना कर अपने सामने प्रस्‍तुत कर सके।


क्‍योंकि परमेश्‍वर ने हमें अशुद्धता के लिए नहीं, बल्‍कि पवित्रता के लिए बुलाया है।


भ्रातृ-प्रेम के विषय में आप लोगों को लिखने की कोई आवश्‍यकता नहीं; क्‍योंकि आप लोग परमेश्‍वर से ही एक दूसरे को प्‍यार करना सीख चुके हैं


तुम्‍हारी युवावस्‍था के कारण कोई तुम्‍हारा तिरस्‍कार न करे। तुम वचन, कर्म, प्रेम, विश्‍वास और शुद्धता में विश्‍वासियों के आदर्श बनो।


इस वर्तमान संसार के धनवानों से अनुरोध करो कि वे घमण्‍ड न करें और नश्‍वर धन-सम्‍पत्ति पर नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर पर भरोसा रखें, जो हमारे उपभोग की सब वस्‍तुएं पर्याप्‍त मात्रा में देता है।


जो लोग धन बटोरना चाहते हैं और ऐसी मूर्खतापूर्ण तथा हानिकर वासनाओं के शिकार बनते हैं, जो मनुष्‍यों को पतन और विनाश के गर्त्त में ढकेल देती हैं;


वास्‍तव में जो लोग येशु मसीह के शिष्‍य बन कर भक्‍तिपूर्वक जीवन बिताना चाहेंगे, उन सबको अत्‍याचार सहना ही पड़ेगा।


क्‍योंकि देमास इस वर्तमान युग-संसार की ओर आकर्षित हो गया और वह मुझे छोड़ कर थिस्‍सलुनीके नगर चला गया है। क्रेसेन्‍स गलातिया प्रदेश को चला गया और तीतुस, दलमतिया प्रदेश को।


क्‍योंकि हम भी तो पहले नासमझ, अवज्ञाकारी, भटके हुए, हर प्रकार की वासनाओं और भोगों के वशीभूत थे। हम विद्वेष और ईष्‍र्या में जीवन बिताते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से बैर करते थे।


इसकी आवश्‍यकता नहीं रहेगी कि सहनागरिक एक-दूसरे को शिक्षा दें अथवा भाई-बहिन एक-दूसरे से कहें, ‘प्रभु का ज्ञान प्राप्‍त कीजिए’, क्‍योंकि छोटे और बड़े, सब-के-सब मुझे जानेंगे।


पिता परमेश्‍वर की दृष्‍टि में शुद्ध और निर्मल धर्म यह है : विपत्ति में पड़े हुए अनाथों और विधवाओं की सहायता करना और अपने को संसार के दूषण से बचाये रखना।


इस प्रकार हम देखते हैं कि प्रभु धर्मात्‍माओं को संकटों से छुड़ाने और विधर्मियों को दण्‍ड देने के लिए उन्‍हें न्‍याय के दिन तक रख छोड़ने में समर्थ है,


यदि यह सब इस प्रकार नष्‍ट होने को है, तो आप लोगों को चाहिए कि पवित्र तथा भक्‍तिपूर्ण जीवन व्‍यतीत करें।


जो अभिषेक तुम लोगों ने मसीह से प्राप्‍त किया है, वह तुम में विद्यमान रहता है; इसलिए तुम को आवश्‍यकता नहीं कि कोई व्यक्‍ति तुम्‍हें सिखाए। मसीह से प्राप्‍त हुआ अभिषेक ही तुम्‍हें सब कुछ सिखलाता है। उसकी शिक्षा सत्‍य है, असत्‍य नहीं। उस शिक्षा के अनुसार तुम मसीह में बने रहो।


जो व्यक्‍ति कहता है कि मैं उस में निवास करता हूँ, उसे वैसा ही आचरण करना चाहिए, जैसा आचरण मसीह ने किया।


हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं, जब कि समस्‍त संसार उस दुष्‍ट के वश में है।


उन्‍होंने आप से यह कहा है, “अन्‍तिम समय में उपहास करने वाले नास्‍तिक प्रकट होंगे, जो अपनी अधर्मपूर्ण वासनाओं के अनुरूप आचरण करेंगे।”


अब सन्‍तों के धैर्य का समय है, जो परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करते और येशु में विश्‍वास बनाये रखते हैं।


हमारे पर का पालन करें:

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