बल्कि पत्र लिख कर उन्हें बताया जाये कि वे मूर्तियों की अशुद्धताओं से, व्यभिचार से, गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से और रक्त के खान-पान से परहेज करें;
1 कुरिन्थियों 8:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु यह ज्ञान सब को प्राप्त नहीं है। कुछ लोग हाल में मूर्तिपूजक थे। वे मांस, देवता को अर्पित समझ कर खाते हैं और उनका अन्त:करण दुर्बल होने के कारण दूषित हो जाता है। पवित्र बाइबल किन्तु यह ज्ञान हर किसी के पास नहीं है। कुछ लोग जो अब तक मूर्ति उपासना के आदी हैं, ऐसी वस्तुएँ खाते हैं और सोचते है जैसे मानो वे वस्तुएँ मूर्ति का प्रसाद हों। उनके इस कर्म से उनकी आत्मा निर्बल होने के कारण दूषित हो जाती है। Hindi Holy Bible परन्तु सब को यह ज्ञान नही; परन्तु कितने तो अब तक मूरत को कुछ समझने के कारण मूरतों के साम्हने बलि की हुई को कुछ वस्तु समझकर खाते हैं, और उन का विवेक निर्बल होकर अशुद्ध होता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर सब को यह ज्ञान नहीं, परन्तु कुछ तो अब तक मूर्ति को कुछ समझने के कारण मूर्तियों के सामने बलि की हुई वस्तु को कुछ समझकर खाते हैं, और उनका विवेक निर्बल होने के कारण अशुद्ध हो जाता है। नवीन हिंदी बाइबल परंतु यह ज्ञान सब मनुष्यों को नहीं है। कुछ लोग मूर्तिपूजा के अब तक इतने आदी हो गए हैं कि वे मूर्ति को चढ़ाए गए भोजन को कुछ विशेष समझकर खाते हैं और उनका विवेक निर्बल होने के कारण अशुद्ध हो जाता है। सरल हिन्दी बाइबल किंतु सभी को यह बात मालूम नहीं हैं. कुछ व्यक्ति ऐसे हैं, जो अब तक मूर्तियों से जुड़े हैं तथा वे उस भोजन को मूर्तियों को भेंट किया हुआ भोजन मानते हुए खाते हैं. उनका कमजोर विवेक अशुद्ध हो गया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु सब को यह ज्ञान नहीं; परन्तु कितने तो अब तक मूरत को कुछ समझने के कारण मूरतों के सामने बलि की हुई को कुछ वस्तु समझकर खाते हैं, और उनका विवेक निर्बल होकर अशुद्ध होता है। |
बल्कि पत्र लिख कर उन्हें बताया जाये कि वे मूर्तियों की अशुद्धताओं से, व्यभिचार से, गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से और रक्त के खान-पान से परहेज करें;
मैं जानता हूँ और प्रभु येशु का शिष्य होने के नाते मेरा विश्वास है कि कोई भी वस्तु अपने में अशुद्ध नहीं है; किन्तु यदि कोई यह समझता है कि अमुक वस्तु अशुद्ध है, तो वह उसके लिए अशुद्ध हो जाती है।
मेरे भाइयो और बहिनो! मुझे दृढ़ विश्वास है कि आप लोग, सद्भाव और हर प्रकार के ज्ञान से परिपूर्ण हो कर, एक-दूसरे को सत्परामर्श देने योग्य हैं।
बाजार में जो मांस बिकता है, उसे आप अन्त:करण की शान्ति के लिए पूछताछ किये बिना खा सकते हैं;
अब मूर्तियों को अर्पित मांस के विषय में। इसके संबंध में हम सब को ज्ञान प्राप्त है-यह मानी हुई बात है; किन्तु वह ‘ज्ञान’ मनुष्य को अहंकारी बनाता है, जब कि प्रेम निर्माण करता है।
मूर्तियों को अर्पित मांस खाने के विषय में हम जानते हैं कि संसार में मूर्ति की कोई वास्तविकता नहीं है-एकमात्र परमेश्वर के अतिरिक्त कोई और परमेश्वर नहीं है।
भाइयो और बहिनो! हम आप से अनुरोध करते हैं कि आप आलसियों को चेतावनी दें, भीरुओं को सान्त्वना दें, दुर्बलों को संभालें और सब के साथ सहनशीलता का व्यवहार करें।