1 कुरिन्थियों 4:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भाइयो और बहिनो! मैंने आप लोगों के लिए अपने और अपुल्लोस के विषय में यह स्पष्टीकरण दिया है, जिससे आप हमारे उदाहरण से यह शिक्षा ग्रहण करें कि “कोई भी व्यक्ति धर्मग्रन्थ की मर्यादा का उल्लंघन न करे” और आप एक का पक्ष लेते हुए और दूसरे का तिरस्कार करते हुए अहंकारी न बनें। पवित्र बाइबल हे भाईयों, मैंने इन बातों को अपुल्लोस पर और स्वयं अपने पर तुम लोगों के लिये ही चरितार्थ किया है ताकि तुम हमारा उदाहरण देखते हुए उन बातों को न उलाँघ जाओ जो शास्त्र में लिखी हैं। ताकि एक व्यक्ति का पक्ष लेते हुए और दूसरे का विरोध करते हुए अहंकार में न भर जाओ। Hindi Holy Bible हे भाइयों, मैं ने इन बातों में तुम्हारे लिये अपनी और अपुल्लोस की चर्चा, दृष्टान्त की रीति पर की है, इसलिये कि तुम हमारे द्वारा यह सीखो, कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना, और एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में गर्व न करना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे भाइयो, मैं ने इन बातों में तुम्हारे लिये अपनी और अपुल्लोस की चर्चा दृष्टान्त की रीति पर की है, इसलिये कि तुम हमारे द्वारा यह सीखो कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना, और एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में गर्व न करना। नवीन हिंदी बाइबल अब हे भाइयो, मैंने तुम्हारे लिए इन बातों को अपने पर और अपुल्लोस पर लागू किया है ताकि तुम हमसे यह सीखो कि लिखी हुई बातों से आगे न बढ़ना, और यह कि तुममें से कोई किसी एक के पक्ष में दूसरे के विरुद्ध होकर घमंड से न फूले। सरल हिन्दी बाइबल प्रिय भाई बहनो, मैंने तुम्हारे ही हित में अपना तथा अपोल्लॉस का उदाहरण प्रस्तुत किया है कि इसके द्वारा तुम इस बात से संबंधित शिक्षा ले सको, “पवित्र अभिलेख की मर्यादा का उल्लंघन न करना.” कि तुम एक का पक्ष ले दूसरे का तिरस्कार न करने लगो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे भाइयों, मैंने इन बातों में तुम्हारे लिये अपनी और अपुल्लोस की चर्चा दृष्टान्त की रीति पर की है, इसलिए कि तुम हमारे द्वारा यह सीखो, कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना, और एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में गर्व न करना। |
उस समय अपुल्लोस नामक यहूदी इफिसुस नगर पहुँचा। उसका जन्म सिकन्दरिया में हुआ था। वह शक्तिशाली वक्ता और धर्मग्रन्थ का पण्डित था।
जिस समय अपुल्लोस कुरिन्थुस नगर में था, पौलुस भीतरी प्रदेशों का दौरा समाप्त कर इफिसुस पहुँचे। वहां उन्हें कुछ शिष्य मिले।
उस कृपा के अधिकार से, जो मुझे प्राप्त हुई है, मैं आप लोगों में हर एक से यह कहता हूँ: अपने को औचित्य से अधिक महत्व मत दीजिए। परमेश्वर द्वारा प्रदत्त विश्वास की मात्रा के अनुरूप हर एक को अपने विषय में सन्तुलित विचार रखना चाहिए।
मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि आप में से कोई कहता है, “मैं पौलुस का हूँ” ; कोई कहता है, “मैं अपुल्लोस का हूँ” ; तीसरा कहता है, “मैं कैफा का हूँ” और कोई कहता है, “मैं तो मसीह का हूँ।”
क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “मैं ज्ञानियों का ज्ञान नष्ट करूंगा और समझदारों की समझ व्यर्थ कर दूँगा।”
इसलिए, जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “यदि कोई गर्व करना चाहे, तो वह प्रभु पर गर्व करे।”
क्योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्वर की दृष्टि में ‘मूर्खता’ है। धर्मग्रन्थ में यह लिखा है, “वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में ही फंसाता है”
तब भी आप घमण्ड में फूले हुए हैं! आप को शोक मनाना और जिसने यह काम किया, उसका बहिष्कार करना चाहिए था।
आप लोगों का आत्मसन्तोष आप को शोभा नहीं देता। क्या आप यह नहीं जानते कि थोड़ा-सा ख़मीर सारे गूंधे हुए आटे को ख़मीरा बना देता है?
अब मूर्तियों को अर्पित मांस के विषय में। इसके संबंध में हम सब को ज्ञान प्राप्त है-यह मानी हुई बात है; किन्तु वह ‘ज्ञान’ मनुष्य को अहंकारी बनाता है, जब कि प्रेम निर्माण करता है।
मैं यह सब शुभसमाचार के कारण कर रहा हूँ, जिससे मैं भी अन्यों के साथ उसके कृपादानों का भागीदार बन जाऊं।
जो लोग अपनी ही सिफारिश करते हैं, हम उनके बराबर होने या उनसे अपनी तुलना करने का साहस नहीं करते। वे अपने ही मापदण्ड से अपना मूल्यांकन करते और अपने से अपनी तुलना करते हैं। इस प्रकार वे अपनी मूर्खता का परिचय देते हैं।
हम अपनी सीमा का उल्लंघन करते हुए दूसरे के परिश्रम पर गर्व नहीं करते, बल्कि हम आशा करते हैं कि ज्यों-ज्यों आप लोगों का विश्वास बढ़ता जाएगा, आप लोगों में हमारे कार्य-क्षेत्र का भी विस्तार होगा
जो बात आँखों के सामने स्पष्ट है, उसे आप लोग देख लें। यदि कोई समझता है कि वह मसीह का है, तो वह फिर विचार करने पर यह समझ लेगा कि जिस तरह वह मसीह का है, उसी तरह हम भी मसीह के हैं।
क्योंकि जब कोई आप लोगों के पास एक ऐसे येशु का प्रचार करने आता है, जो हमारे द्वारा प्रचारित येशु से भिन्न हैं, या एक ऐसा आत्मा अथवा शुभ समाचार ग्रहण करने को कहता है, जो आप के द्वारा स्वीकृत आत्मा अथवा शुभ समाचार से भिन्न है, तो आप लोग उस व्यक्ति का तुरन्त स्वागत करते हैं।
आप लोग यह समझते होंगे कि अब तक हम आप के सामने अपनी सफ़ाई दे रहे हैं। बात ऐसी नहीं है। हम यह सब मसीह में, परमेश्वर की उपस्थिति में कह रहे हैं। प्रिय भाइयो और बहिनो! सब कुछ आपके आध्यात्मिक निर्माण के लिए हो रहा है।
मुझे आशंका है-कहीं ऐसा न हो कि आने पर मैं आप लोगों को जैसा पाना चाहता, वैसा नहीं पाऊं और आप मुझे जैसा नहीं चाहते, वैसा ही पाएँ। कहीं ऐसा न हो कि मैं आपके यहाँ फूट, ईष्र्या, बैर, स्वार्थपरता, परनिन्दा, चुगलख़ोरी, अहंकार और उपद्रव पाऊं।
यदि मैं गर्व करना चाहूँ, तो यह नादानी नहीं होगी, क्योंकि मैं सत्य ही बोलता। किन्तु मैं यह नहीं करूँगा। लोग जैसा मुझे देखते और मुझसे सुनते हैं, उससे बढ़ कर मुझे कुछ भी नहीं समझें।
सब कुछ आप लोगों के लिए हो रहा है, ताकि जिस प्रकार परमेश्वर का अनुग्रह अधिक से अधिक लोगों में फैलता जा रहा है, उसी प्रकार परमेश्वर की महिमा के लिए धन्यवाद की प्रार्थना करने वालों की संख्या बढ़ती जाये।
आप अपने को ऐसे लोगों द्वारा अपने पुरस्कार से वंचित न होने दें, जो तपस्या, स्वर्गदूतों की पूजा और अपने तथा-कथित दिव्य दृश्यों को अनुचित महत्व देते हैं। वे लोग अपनी सांसारिक बुद्धि के कारण घमण्ड से फूल जाते हैं
क्योंकि हमने निरे शब्दों द्वारा नहीं, बल्कि सामर्थ्य, पवित्र आत्मा तथा दृढ़ विश्वास के साथ आप लोगों के बीच शुभ समाचार का प्रचार किया। आप जानते हैं कि आपके कल्याण के लिए आप के बीच हमारा आचरण कैसा था।
मैं चुने हुए लोगों के लिए सब कुछ सहता हूँ, जिससे वे भी येशु मसीह के द्वारा मुक्ति तथा सदा बनी रहने वाली महिमा प्राप्त करें।