उसने प्रत्येक को उसकी योग्यता के अनुसार दिया : एक सेवक को सोने के पाँच सिक्के दूसरे को सोने के दो सिक्के और तीसरे को सोने का एक सिक्का दिया। इसके बाद वह विदेश चला गया।
1 कुरिन्थियों 3:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अपुल्लोस क्या है? पौलुस क्या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्यम से आप लोग विश्वासी बने, हममें प्रत्येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा। पवित्र बाइबल अच्छा तो बताओ अपुल्लोस क्या है और पौलुस क्या है? हम तो केवल वे सेवक हैं जिनके द्वारा तुमने विश्वास को ग्रहण किया है। हममें से हर एक ने बस वह काम किया है जो प्रभु ने हमें सौंपा था। Hindi Holy Bible अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिनके द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। नवीन हिंदी बाइबल तो फिर अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिनके द्वारा तुमने विश्वास किया, जैसा कि प्रभु ने हर एक को दिया। सरल हिन्दी बाइबल तो फिर, क्या है, अपोल्लॉस और क्या है पौलॉस? केवल सेवक, जिनके द्वारा तुमने विश्वास किया—हर एक ने प्रभु द्वारा सौंपी गई ज़िम्मेदारी को निभाया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अपुल्लोस कौन है? और पौलुस कौन है? केवल सेवक, जिनके द्वारा तुम लोगों ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। |
उसने प्रत्येक को उसकी योग्यता के अनुसार दिया : एक सेवक को सोने के पाँच सिक्के दूसरे को सोने के दो सिक्के और तीसरे को सोने का एक सिक्का दिया। इसके बाद वह विदेश चला गया।
योहन ने उत्तर दिया, “जब तक मनुष्य को स्वर्ग से न दिया जाए, वह कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता है।
उस समय अपुल्लोस नामक यहूदी इफिसुस नगर पहुँचा। उसका जन्म सिकन्दरिया में हुआ था। वह शक्तिशाली वक्ता और धर्मग्रन्थ का पण्डित था।
जिस समय अपुल्लोस कुरिन्थुस नगर में था, पौलुस भीतरी प्रदेशों का दौरा समाप्त कर इफिसुस पहुँचे। वहां उन्हें कुछ शिष्य मिले।
कि मैं, गैर-यहूदियों को लिए येशु मसीह का जन्म-सेवक बनकर, परमेश्वर के शुभ समाचार की सेवा पुरोहित के रूप में करूँ, जिससे गैर-यहूदी, पवित्र आत्मा द्वारा पवित्र किये जाने के बाद, परमेश्वर को अर्पित और सुग्राह्य हो जायें।
परमेश्वर ने कलीसिया में भिन्न-भिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया है : पहले प्रेरितों को, दूसरे नबियों को, तीसरे शिक्षकों और तब आश्चर्य कर्म करने वालों को; तब उन व्यक्तियों को, जिनको स्वस्थ करने का वरदान मिला है; परोपकारकों, प्रशासकों और विभिन्न अध्यात्म भाषाओं में बोलने वालों को।
भाई अपुल्लोस के विषय में मुझे यह कहना है कि मैंने उनसे बहुत अनुरोध किया कि वह भाइयों के साथ आप के यहाँ जायें, किन्तु वह अभी एकदम जाना नहीं चाहते। अवकाश मिलने पर वह आयेंगे।
परमेश्वर से प्राप्त अनुग्रह के अनुसार मैंने गृह निर्माण के कुशल कारीगर की तरह नींव डाली है। कोई दूसरा ही इसके ऊपर भवन का निर्माण कर रहा है। हर एक को सावधान रहना है कि वह किस तरह निर्माण करता है।
चाहे वह पौलुस, अपुल्लोस अथवा कैफा हो, संसार हो, जीवन अथवा मृत्यु हो, भूत अथवा भविष्य हो-वह सब आपका ही है।
न तो रोपने वाले का कोई महत्व है और न सींचने वाले का, बल्कि बढ़ाने वाले अर्थात परमेश्वर का ही महत्व है।
यदि मैं अपनी इच्छा से यह करता, तो मुझे पुरस्कार का अधिकार होता। किन्तु मैं अपनी इच्छा से यह नहीं करता। मुझे जो कार्य सौंपा गया है, मैं उसे पूरा करता हूँ।
वे मसीह के सेवक हैं? मैं नादानी की झोंक में कहता हूँ कि मैं इस में उन से बढ़ कर हूँ। मैंने उन से अधिक परिश्रम किया, अधिक समय बन्दीगृह में बिताया और अधिक बार कोड़े खाए। मैं बारम्बार मौत के मुँह में पड़ा।
आप लोग निश्चय ही मसीह का वह पत्र हैं, जिसे उन्होंने हमारी सेवा द्वारा लिखवाया है। वह पत्र स्याही से नहीं, बल्कि जीवन्त परमेश्वर के आत्मा से, पत्थर की पट्टियों पर नहीं, बल्कि मानव हृदय की पट्टियों पर लिखा हुआ है।
उसने हमें एक नये विधान के सेवक होने के योग्य बनाया है और यह विधान अक्षरों में लिखी हुई व्यवस्था का नहीं, बल्कि आत्मा का है; क्योंकि अक्षर तो मृत्यु-जनक है, किन्तु आत्मा जीवनदायक है।
हम अपना नहीं, बल्कि प्रभु येशु मसीह का प्रचार करते हैं। हम येशु के कारण अपने को आप लोगों का दास समझते हैं।
यह अमूल्य निधि हममें-मिट्टी के पात्रों में रखी रहती है, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि यह अलौकिक सामर्थ्य हमारा अपना नहीं, बल्कि परमेश्वर का है।
परमेश्वर ने यह सब किया है-उसने मसीह के द्वारा अपने से हमारा मेल कराया और इस मेल-मिलाप का सेवा-कार्य हमें सौंपा है।
परमेश्वर के सहकर्मी होने के नाते हम आप लोगों से यह अनुरोध करते हैं कि परमेश्वर की जो कृपा आप को मिली है, उसे व्यर्थ न होने दें;
किन्तु हम हर परिस्थिति में स्वयं को परमेश्वर के योग्य सेवक प्रमाणित करते हैं : हम कष्ट, अभाव और संकट को बड़े धीरज से सहन करते हैं।
परमेश्वर ने अपने सामर्थ्य के प्रभाव से मुझे यह कृपा प्रदान की कि मैं उस शुभसमाचार का सेवक बनूँ।
किन्तु आप को विश्वास के आधार पर दृढ़ और अटल बना रहना चाहिए और उस आशा से विचलित नहीं होनी चाहिए, जो आप को शुभसमाचार द्वारा दिलायी गयी है। वह शुभसमाचार आकाश के नीचे की समस्त सृष्टि को सुनाया गया है और मैं, पौलुस, उसका सेवक बना हूँ।
मैं परमेश्वर के प्रबन्ध के अनुसार कलीसिया का सेवक नियुक्त हुआ, ताकि मैं आप लोगों के हित के लिए
हमारे प्रभु येशु मसीह को मैं धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने मुझे बल दिया और मुझे विश्वास के योग्य समझ कर अपनी सेवा में नियुक्त किया है।
जिसे जो वरदान मिला है, वह-परमेश्वर के बहुविध अनुग्रह के सुयोग्य भण्डारी की तरह-दूसरों की सेवा में उसका उपयोग करे।