उन्होंने उत्तर दिया, “यह इसलिए है कि स्वर्गराज्य के रहस्यों का ज्ञान तुम्हें दिया गया है, उन लोगों को नहीं;
1 कुरिन्थियों 13:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ। पवित्र बाइबल यदि मुझमें परमेश्वर की ओर से बोलने की शक्ति हो और मैं परमेश्वर के सभी रहस्यों को जानता होऊँ तथा समूचा दिव्य ज्ञान भी मेरे पास हो और इतना विश्वास भी मुझमें हो कि पहाड़ों को अपने स्थान से सरका सकूँ, किन्तु मुझमें प्रेम न हो Hindi Holy Bible और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूँ, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूँ, और मुझे यहाँ तक पूरा विश्वास हो कि मैं पहाड़ों को हटा दूँ, परन्तु प्रेम न रखूँ, तो मैं कुछ भी नहीं। नवीन हिंदी बाइबल यदि मेरे पास भविष्यवाणी करने का वरदान हो, और मैं सब भेदों और समस्त ज्ञान को समझूँ, और यहाँ तक कि मुझे पूरा विश्वास हो कि पहाड़ों को हटा दूँ, पर प्रेम न रखूँ, तो मैं कुछ भी नहीं। सरल हिन्दी बाइबल यदि मुझे भविष्यवाणी करने की क्षमता प्राप्त है, मैं भेद जानने वाला तथा ज्ञानी हूं और मेरा विश्वास ऐसा मजबूत हो कि मेरे वचन मात्र से पर्वत अपने स्थान से हट जाएं किंतु मैं प्रेम न रखूं तो मैं कुछ भी नहीं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूँ, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूँ, और मुझे यहाँ तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूँ, परन्तु प्रेम न रखूँ, तो मैं कुछ भी नहीं। |
उन्होंने उत्तर दिया, “यह इसलिए है कि स्वर्गराज्य के रहस्यों का ज्ञान तुम्हें दिया गया है, उन लोगों को नहीं;
येशु ने उन से कहा, “अपने विश्वास की कमी के कारण। मैं तुम से सच कहता हूँ − यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो, तो यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, ‘यहाँ से वहाँ हट जा’, तो यह हट जाएगा; और तुम्हारे लिए कुछ भी असम्भव नहीं होगा।
उन्होंने मार्ग के किनारे अंजीर का एक पेड़ देखा। वह उसके पास आए। परन्तु उन्होंने उस में पत्तों को छोड़कर और कुछ नहीं पाया। येशु ने पेड़ से कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और उसी क्षण अंजीर का वह पेड़ सूख गया।
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : यदि तुम विश्वास करो और सन्देह न करो, तो तुम न केवल वह करोगे, जो मैंने अंजीर के पेड़ के साथ किया है; परन्तु यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, ‘उठ और समुद्र में जा गिर’, तो वैसा ही हो जाएगा।
महानगर अन्ताकिया की स्थानीय कलीसिया में कई नबी और शिक्षक थे : जैसे बरनबास, शिमोन जो ‘कलुआ’ कहलाता था, कुरेने-निवासी लूकियुस, शासक हेरोदेस का दूध-भाई मनाहेन और शाऊल।
भाइयो और बहिनो! कहीं ऐसा न हो कि आप अपने को बहुत बुद्धिमान समझ बैठें। इसलिए मैं आप लोगों पर यह रहस्य प्रकट करना चाहता हूँ—इस्राएल का एक भाग तब तक अन्धा बना रहेगा, जब तक गैर-यहूदियों की पूरी जनसंख्या का प्रवेश न हो जाये।
मेरे भाइयो और बहिनो! मुझे दृढ़ विश्वास है कि आप लोग, सद्भाव और हर प्रकार के ज्ञान से परिपूर्ण हो कर, एक-दूसरे को सत्परामर्श देने योग्य हैं।
उस परमेश्वर की स्तुति हो, जो आप लोगों को मेरे शुभसमाचार तथा येशु मसीह के संदेश के अनुसार सुदृढ़ रखने में समर्थ है। यह शुभसंदेश उस रहस्य का उद्घाटन है, जो युगों से छिपा हुआ था,
परमेश्वर ने कलीसिया में भिन्न-भिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया है : पहले प्रेरितों को, दूसरे नबियों को, तीसरे शिक्षकों और तब आश्चर्य कर्म करने वालों को; तब उन व्यक्तियों को, जिनको स्वस्थ करने का वरदान मिला है; परोपकारकों, प्रशासकों और विभिन्न अध्यात्म भाषाओं में बोलने वालों को।
मैं भले ही मनुष्यों तथा स्वर्गदूतों की भाषाओं में बोलूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं ठनठनाता पीतल अथवा झनझनाती झाँझ मात्र हूँ।
मैं भले ही अपनी सारी सम्पत्ति दान कर दूँ और प्रसिद्धि पाने के लिए अपना शरीर अर्पित करूँ; किन्तु यदि मुझमें प्रेम का अभाव है, तो इससे मुझे कुछ भी लाभ नहीं।
नबूवतें जाती रहेंगी, अध्यात्म भाषाएँ मौन हो जायेंगी और ज्ञान मिट जायेगा, किन्तु प्रेम का कभी अन्त नहीं होगा;
मेरे भाइयो और बहिनो! निष्कर्ष यह है : आप नबूवत के वरदान की अभिलाषा किया करें और अध्यात्म भाषाओं में बोलने वालों को न रोकें।
जो अध्यात्म भाषा में बोलता है, वह अपना ही आध्यात्मिक निर्माण करता है; किन्तु जो नबूवत करता है, वह कलीसिया का आध्यात्मिक निर्माण करता है।
मैं आप को एक रहस्य बता रहा हूँ। हम सब नहीं मरेंगे, बल्कि क्षण भर में, पलक मारते, अन्तिम तुरही बजते ही हम सब-के-सब रूपान्तरित हो जायेंगे। तुरही बजेगी, मृतक अनश्वर बन कर पुनर्जीवित होंगे और हम रूपान्तरित हो जायेंगे;
न तो ख़तने का कोई महत्व है और न उसके अभाव का। महत्व परमेश्वर की आज्ञाओं के पालन का है।
मूर्तियों को अर्पित मांस खाने के विषय में हम जानते हैं कि संसार में मूर्ति की कोई वास्तविकता नहीं है-एकमात्र परमेश्वर के अतिरिक्त कोई और परमेश्वर नहीं है।
मैं मूर्खतापूर्ण बातें कर रहा हूँ-आप लोगों ने मुझे इसके लिए बाध्य किया। आप को मेरी सिफारिश करनी चाहिए थी, क्योंकि यद्यपि मैं कुछ भी नहीं हूँ, फिर भी मैं उन महान् प्रेरितों से किसी भी तरह कम नहीं हूँ।
मैं यह कहना चाहता हूँ, आप लोग पवित्र आत्मा की प्रेरणा के अनुसार चलेंगे तो शरीर की वासनाओं को तृप्त नहीं करेंगे।
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
क्योंकि यदि कोई समझता है कि मैं कुछ हूं, जब कि वह कुछ नहीं है, तो वह अपने को धोखा देता है।
आप मेरे लिए भी प्रार्थना करें, जिससे बोलते समय मुझे शब्द दिये जायें और मैं निर्भीकता से उस शुभ समाचार का रहस्य घोषित कर सकूँ,
परमेश्वर का रहस्य सुनाऊं, जो युगों तथा पीढ़ियों तक गुप्त रहा और अब उसके सन्तों के लिए प्रकट किया गया है।
धर्म का यह रहस्य निस्सन्देह महान् है : मसीह मनुष्य के रूप में प्रकट हुए, पवित्र आत्मा के द्वारा सत्य प्रमाणित हुए, और स्वर्गदूतों को दिखाई दिये। अन्यजातियों में उनका प्रचार हुआ, संसार भर में उन पर विश्वास किया गया और वह महिमा में ऊपर उठा लिये गये।