रोगियों को स्वस्थ करो, मुरदों को जिलाओ, कुष्ठरोगियों को शुद्ध करो, भूतों को निकालो। तुम्हें मुफ्त में मिला है, मुफ्त में दे दो।
1 कुरिन्थियों 12:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और किसी को उसी आत्मा द्वारा विश्वास करने का वरदान मिलता है। एक ही आत्मा किसी को रोगियों को स्वस्थ करने का, पवित्र बाइबल और किसी को उसी आत्मा द्वारा विश्वास का वरदान दिया गया है तो किसी को चंगा करने की क्षमताएँ उसी आत्मा के द्वारा दी गयी हैं। Hindi Holy Bible और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का वरदान दिया जाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) किसी को उसी आत्मा से विश्वास, और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का वरदान दिया जाता है। नवीन हिंदी बाइबल किसी को उसी आत्मा के द्वारा विश्वास, और किसी को उसी आत्मा के द्वारा चंगाई के वरदान, सरल हिन्दी बाइबल किसी को उन्हीं आत्मा द्वारा विश्वास की तथा किसी को उन्हीं आत्मा द्वारा चंगा करने की क्षमता प्रदान की जाती है; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और किसी को उसी आत्मा से विश्वास; और किसी को उसी एक आत्मा से चंगा करने का वरदान दिया जाता है। |
रोगियों को स्वस्थ करो, मुरदों को जिलाओ, कुष्ठरोगियों को शुद्ध करो, भूतों को निकालो। तुम्हें मुफ्त में मिला है, मुफ्त में दे दो।
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : यदि तुम विश्वास करो और सन्देह न करो, तो तुम न केवल वह करोगे, जो मैंने अंजीर के पेड़ के साथ किया है; परन्तु यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, ‘उठ और समुद्र में जा गिर’, तो वैसा ही हो जाएगा।
और साँपों को हाथ से उठा लेंगे। यदि वे विष पिएँगे, तो उस से उन्हें कोई हानि नहीं होगी। वे रोगियों पर हाथ रखेंगे और रोगी स्वस्थ हो जाएँगे।” [
वहाँ के रोगियों को स्वस्थ करना और उन से कहना, ‘परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ गया है।’
तब येशु ने उन्हें परमेश्वर के राज्य का संदेश सुनाने और रोगियों को स्वस्थ करने भेजा।
परमेश्वर ने उन्हीं येशु को पवित्र आत्मा और सामर्थ्य से अभिषिक्त किया था और वह चारों ओर घूम-घूम कर भलाई करते रहे और शैतान के वश में आये हुए लोगों को स्वस्थ करते रहे, क्योंकि परमेश्वर उनके साथ था।
सच तो यह है कि लोग रोगियों को मुख्य सड़कों पर ले जा कर खटोलों तथा चारपाइयों पर लिटा देते थे, ताकि जब पतरस उधर से गुजरें, तो उनकी छाया ही उन में से किसी पर पड़ जाये।
परमेश्वर ने कलीसिया में भिन्न-भिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया है : पहले प्रेरितों को, दूसरे नबियों को, तीसरे शिक्षकों और तब आश्चर्य कर्म करने वालों को; तब उन व्यक्तियों को, जिनको स्वस्थ करने का वरदान मिला है; परोपकारकों, प्रशासकों और विभिन्न अध्यात्म भाषाओं में बोलने वालों को।
क्या सब को स्वस्थ करने का वरदान मिला है? सब अध्यात्म भाषाओं में बोलते हैं? सब व्याख्या करने वाले हैं?
मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ।
धर्मग्रन्थ में लिखा है, “मैंने विश्वास किया और इसलिए मैं बोला।” हम विश्वास के उसी मनोभाव से प्रेरित हैं। हम विश्वास करते हैं और इसलिए हम बोलते हैं।
परमेश्वर की कृपा ने विश्वास द्वारा आप लोगों का उद्धार किया है। यह आपके किसी पुण्य का फल नहीं है। यह तो परमेश्वर का वरदान है।
उन्होंने अपने विश्वास द्वारा राज्यों को अपने अधीन कर लिया, न्याय का पालन किया, प्रतिज्ञाओं का फल पाया, सिंहों का मुँह बन्द किया