अत: वे सामरी नगर के प्रवेश द्वार पर आए। उन्होंने द्वारपालों को पुकारा, ‘हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर गए थे। वहां एक भी सैनिक नहीं है। हमने वहां किसी आदमी की आवाज भी नहीं सुनी। वहां केवल बन्धे हुए घोड़े और गधे हैं। तम्बू जैसे के तैसे खड़े हैं।’
1 इतिहास 26:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पितृकुलों के अगुओं से ही द्वारपालों के दल संगठित किए गए थे। ये अपने चचेरे भाई-बन्धुओं के साथ प्रभु के भवन में सेवा-कार्य करते थे। पवित्र बाइबल ये द्वारपालों के समूह के प्रमुख थे। द्वारपालों का यहोवा के मन्दिर में सेवा करने का विशेष ढंग था, जैसा कि उनके सम्बन्धी करते थे। Hindi Holy Bible द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे। सरल हिन्दी बाइबल द्वारपालों के इन दलों को उनके अगुओं की अगुवाई में उन्हीं के संबंधियों के समान याहवेह के भवन में सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे। |
अत: वे सामरी नगर के प्रवेश द्वार पर आए। उन्होंने द्वारपालों को पुकारा, ‘हम सीरियाई सेना के पड़ाव पर गए थे। वहां एक भी सैनिक नहीं है। हमने वहां किसी आदमी की आवाज भी नहीं सुनी। वहां केवल बन्धे हुए घोड़े और गधे हैं। तम्बू जैसे के तैसे खड़े हैं।’
उन्होंने, छोटे-बड़े, गुरु-शिष्य ने सेवा-कार्य की अपनी बारी निश्चित करने के लिए चिट्ठी निकाली।
दूसरा पुत्र हिल्किय्याह था, तीसरा टबल्याह और चौथा जकर्याह था। होसाह के पुत्र और भाई कुल मिलाकर तेरह जन थे।
उन्होंने सेवा-कार्य के लिए चिट्ठी डालकर द्वारों का चुनाव किया था। छोटे-बड़े, एक परिवार के बाद दूसरे परिवार ने चिट्ठी निकाली थी।
अत: वे और उनके बाद उनके पुत्र बारी-बारी से प्रभु-मन्दिर में शिविर के द्वारों पर पहरा देते थे। वे प्रहरी थे।
परमेश्वर को अर्पित स्वेच्छा-बलि का प्रबन्ध करनेवाला अधिकारी कोरे बेन-यिम्नाह था। वह लेवीय उप-पुरोहित था, और पूर्वी दरवाजे का द्वारपाल था। वह प्रभु के लिए सुरक्षित भेंट तथा परम पवित्र भेंट बांटता था।
राजा दाऊद, आसाफ, हेमान और राज-द्रष्टा यदूतून के निर्देश के अनुसार आसाफ-वंशीय गायक निर्धारित स्थान पर उपस्थित थे। हर एक द्वारपाल अपने द्वार पर उपस्थित था। उनको अपना कार्य बीच में छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ी; क्योंकि उनके सहयोगी उपपुरोहितों ने उनके लिए बलि-भोज का प्रबन्ध कर दिया।