तब उसने अब्राहम को बुलाकर उनसे कहा, ‘यह आपने हमारे साथ क्या किया? मैंने आपके प्रति कौन सा पाप किया था कि आपने मुझसे और मेरे राज्य के निवासियों से इतना बड़ा पाप करवाया? आपने मेरे साथ जो व्यवहार किया है, वह आपको नहीं करना चाहिए था।’
1 इतिहास 21:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु योआब ने कहा, ‘प्रभु अपनी प्रजा की आबादी को सौ गुना बढ़ाए। मेरे स्वामी, महाराज, क्या वे सब-के-सब आपके सेवक नहीं हैं? तब मेरे स्वामी, आप यह काम क्यों करना चाहते हैं? आप इस्राएली राष्ट्र को प्रभु की दृष्टि में क्यों दोषी बनाना चाहते हैं?’ पवित्र बाइबल किन्तु योआब ने उत्तर दिया, “यहोवा अपने राष्ट्र को सौ गुना विशाल बनाए। महामहिम इस्राएल के सभी लोग तेरे सेवक हैं। मेरे स्वामी यहोवा और राजा, आप यह कार्य क्यों करना चाहते हैं आप इस्राएल के सभी लोगों को पाप करने का अपराधी बनाएंगे!” Hindi Holy Bible योआब ने कहा, यहोवा की प्रजा के कितने ही क्यों न हों, वह उन को सौ गुना बढ़ा दे; परन्तु हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या वे सब राजा के आधीन नहीं हैं? मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है? वह इस्राएल पर दोष लगने का कारण क्यों बने? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) योआब ने कहा, “यहोवा की प्रजा कितनी ही क्यों न हो, वह उसको सौ गुना बढ़ा दे; परन्तु हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या वे सब राजा के अधीन नहीं हैं? मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है? वह इस्राएल पर दोष लगने का कारण क्यों बने?” सरल हिन्दी बाइबल मगर योआब ने मना किया, “आज प्रजा की जो गिनती है, याहवेह उसे सौ गुणा बढ़ाएं. महाराज मेरे स्वामी, क्या उनमें से हर एक मेरे स्वामी का सेवक नहीं है? तब मेरे स्वामी को इसकी क्या ज़रूरत है? यह क्यों इस्राएल के दोष का कारण बने?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 योआब ने कहा, “यहोवा की प्रजा के कितने ही क्यों न हों, वह उनको सौ गुना बढ़ा दे; परन्तु हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या वे सब राजा के अधीन नहीं हैं? मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है? वह इस्राएल पर दोष लगने का कारण क्यों बने?” |
तब उसने अब्राहम को बुलाकर उनसे कहा, ‘यह आपने हमारे साथ क्या किया? मैंने आपके प्रति कौन सा पाप किया था कि आपने मुझसे और मेरे राज्य के निवासियों से इतना बड़ा पाप करवाया? आपने मेरे साथ जो व्यवहार किया है, वह आपको नहीं करना चाहिए था।’
यारोबआम के पापों के कारण, जो स्वयं यारोबआम ने किए, और इस्राएल प्रदेश की जनता से कराए, प्रभु इस्राएल प्रदेश को त्याग देगा।’
अत: राजा योआश ने राजपुरोहित यहोयादा तथा अन्य पुरोहितों को बुलाया। उसने उनसे पूछा, ‘आप भवन की मरम्मत क्यों नहीं कर रहे हैं? अब से आप अपने परिचितों से स्वयं चन्दा नहीं लेंगे, परन्तु उसको आप भवन की मरम्मत के लिए कोष में जमा करेंगे।’
शक्तिशाली बनो! हम अपनी जनता और अपने परमेश्वर के नगरों के लिए युद्ध करें। प्रभु वही करे, जो उसकी दृष्टि में उचित है।’
किन्तु योआब राजा दाऊद का आदेश मानने को बाध्य हुआ। अत: योआब चला गया। उसने समस्त इस्राएली देश का भ्रमण किया। तत्पश्चात् वह यरूशलेम नगर को लौटा।
‘जब तू इस्राएली समाज की जनगणना करे तब प्रत्येक व्यक्ति गणना के समय अपने प्राणों के उद्धार का शुल्क प्रभु को देगा, जिससे गणना के समय उस पर किसी महामारी का प्रकोप न हो।
मूसा ने हारून से पूछा, ‘इन लोगों ने तुम्हारे साथ क्या किया था, जो तुमने उनको ऐसे घोर पाप में फंसाया?’
किन्तु प्रभु, तूने हमारे राष्ट्र को बढ़ाया; निस्सन्देह तूने हमारे राष्ट्र को बढ़ाया, और यों अपने नाम की महिमा की। तूने हमारे देश की सब सीमाओं को बढ़ाया।
तेरे वंशज रेत के सदृश असंख्य होते, तेरी सन्तान उसके कणों के समान अगणित होती। उनका नाम मेरे सम्मुख से न कभी काटा जाता, और न मिटाया जाता।’
तुम्हारे पूर्वजों का प्रभु परमेश्वर अपने वचन के अनुसार तुम्हें हजार गुना और बढ़ाए तथा तुम्हें आशिष दे।
ये गिलआद प्रदेश में आए। उन्होंने रूबेन और गाद कुल के तथा अर्ध मनश्शे के गोत्र के लोगों से कहा,
नहीं, मेरे पुत्रो! जिन बातों को प्रभु के लोग सर्वत्र फैला रहे हैं, और जिन्हें मैं सुन रहा हूँ, वे अच्छी नहीं है।