1 इतिहास 21:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)3 योआब ने कहा, “यहोवा की प्रजा कितनी ही क्यों न हो, वह उसको सौ गुना बढ़ा दे; परन्तु हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या वे सब राजा के अधीन नहीं हैं? मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है? वह इस्राएल पर दोष लगने का कारण क्यों बने?” अध्याय देखेंपवित्र बाइबल3 किन्तु योआब ने उत्तर दिया, “यहोवा अपने राष्ट्र को सौ गुना विशाल बनाए। महामहिम इस्राएल के सभी लोग तेरे सेवक हैं। मेरे स्वामी यहोवा और राजा, आप यह कार्य क्यों करना चाहते हैं आप इस्राएल के सभी लोगों को पाप करने का अपराधी बनाएंगे!” अध्याय देखेंHindi Holy Bible3 योआब ने कहा, यहोवा की प्रजा के कितने ही क्यों न हों, वह उन को सौ गुना बढ़ा दे; परन्तु हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या वे सब राजा के आधीन नहीं हैं? मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है? वह इस्राएल पर दोष लगने का कारण क्यों बने? अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)3 किन्तु योआब ने कहा, ‘प्रभु अपनी प्रजा की आबादी को सौ गुना बढ़ाए। मेरे स्वामी, महाराज, क्या वे सब-के-सब आपके सेवक नहीं हैं? तब मेरे स्वामी, आप यह काम क्यों करना चाहते हैं? आप इस्राएली राष्ट्र को प्रभु की दृष्टि में क्यों दोषी बनाना चाहते हैं?’ अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल3 मगर योआब ने मना किया, “आज प्रजा की जो गिनती है, याहवेह उसे सौ गुणा बढ़ाएं. महाराज मेरे स्वामी, क्या उनमें से हर एक मेरे स्वामी का सेवक नहीं है? तब मेरे स्वामी को इसकी क्या ज़रूरत है? यह क्यों इस्राएल के दोष का कारण बने?” अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20193 योआब ने कहा, “यहोवा की प्रजा के कितने ही क्यों न हों, वह उनको सौ गुना बढ़ा दे; परन्तु हे मेरे प्रभु! हे राजा! क्या वे सब राजा के अधीन नहीं हैं? मेरा प्रभु ऐसी बात क्यों चाहता है? वह इस्राएल पर दोष लगने का कारण क्यों बने?” अध्याय देखें |