1 इतिहास 13:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: दाऊद ने किर्यत-यहारीम नगर से परमेश्वर की मंजूषा लाने के लिए इस्राएली कुलों के सब पुरुषों को एकत्र किया। उसने मिस्र देश की सीमा शीहोर नदी से हमात घाटी के प्रवेश-द्वार तक के भूमि-क्षेत्रों में रहने वाले सब इस्राएलियों को इकट्ठा किया। पवित्र बाइबल अतः दाऊद ने मिस्र की शीहोर नदी से हमात के प्रवेश द्वार तक के सभी इस्राएल के लोगों को इकट्ठा किया। वे किर्यत्यारीम नगर से साक्षीपत्र के सन्दूक को वापस ले जाने के लिये एक साथ आये। Hindi Holy Bible तब दाऊद ने मिस्र के शीहोर से ले हमात की घाटी तब के सब इस्राएलियों को इसलिये इकट्ठा किया, कि परमेश्वर के सन्दूक को किर्यत्यारीम से ले आए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: दाऊद ने मिस्र के शीहोर से ले हमात की घाटी तक के सब इस्राएलियों को इसलिये इकट्ठा किया, कि परमेश्वर के सन्दूक को किर्यत्यारीम से ले आए। सरल हिन्दी बाइबल इस प्रकार दावीद ने मिस्र देश की शीख़ोर नदी से लेकर लबो-हामाथ तक के सभी इस्राएलियों को इकट्ठा किया, कि परमेश्वर के संदूक को किरयथ-यआरीम से लाया जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब दाऊद ने मिस्र के शीहोर से ले हमात की घाटी तक के सब इस्राएलियों को इसलिए इकट्ठा किया, कि परमेश्वर के सन्दूक को किर्यत्यारीम से ले आए। |
सुलेमान फरात नदी से पलिश्ती देश तक तथा मिस्र देश की सीमा तक आने वाले समस्त राज्यों पर शासन करता था। ये राज्य उसको कर देते थे। ये उसके जीवन-भर उसके अधीन बने रहे।
सुलेमान ने उस समय प्रभु परमेश्वर के सम्मुख सात दिन तक यात्रा-पर्व मनाया। उसने एक विशाल भोज का आयोजन किया। पर्व में विशाल जनसमूह उपस्थित हुआ। हमात घाटी की सीमा से मिस्र देश की बरसाती नदी तक के समस्त इस्राएली एकत्र हुए।
वहां हमात देश के रिब्लाह नगर में बेबीलोन के राजा ने उनको कोड़े मारे, और मृत्यु-दण्ड दिया। यों यहूदा प्रदेश के निवासी अपने देश से निष्कासित हो गए।
समस्त धर्मसभा यह कार्य करने को सहमत हो गई; क्योंकि लोगों को अपनी दृष्टि में यह कार्य उचित लगा था।
तत्पश्चात् दाऊद और सब इस्राएली पुरुष यहूदा प्रदेश के बहलाह नगर को, किर्यत-यहारीम नगर को गए कि वहां से परमेश्वर की मंजूषा को लाएं। उसको करूबों पर विराजने वाले प्रभु की मंजूषा के नाम से पुकारा जाता है।
दाऊद ने प्रभु की मंजूषा को वापस लाने, और उसको उस स्थान पर प्रतिष्ठित करने के लिए, जिसको उसने मंजूषा के लिए तैयार किया था, समस्त इस्राएलियों की धर्मसभा यरूशलेम नगर में बुलाई।
वे अनेक सागरों की यात्रा करते थे। शिहोर का अनाज, नील नदी की फसल उन्हें आय में प्राप्त होती थी। वे अनेक राष्ट्रों से व्यापार करते थे।
अब मिस्र की ओर ताकने से क्या लाभ? नील नदी का पानी पीने से तुझे कुछ फायदा न होगा। असीरिया देश से संधि करने से तेरा भला न होगा। फरात नदी का जल भी तुझ में नवजीवन नहीं डाल सकेगा।
इस्राएलियों ने प्रस्थान किया, और वे तीन दिन के पश्चात् उनके नगरों में पहुँच गए। उनके ये नगर थे : गिब्ओन, कपीराह, बएरोत और किर्यत-यआरीम।
अत: उन्होंने किर्यत-यआरीम नगर के निवासियों को दूतों के हाथ यह संदेश भेजा: ‘पलिश्तियों ने प्रभु की मंजूषा लौटा दी है। आओ, और उसको अपने नगर में ले जाओ।’
किर्यत-यआरीम नगर के लोग आए। वे प्रभु की मंजूषा उठाकर चले गए। वे उसको लेकर अबीनादब के घर में लाए, जो पहाड़ी पर स्थित था। उन्होंने प्रभु की मंजूषा का उत्तरदायित्व संभालने के लिए उसके पुत्र एलआजर को पुरोहित पद पर प्रतिष्ठित किया।
मंजूषा किर्यत-यआरीम नगर में बहुत समय तक, प्राय: बीस वर्ष तक रही। इस्राएल के सब कुल प्रभु के दर्शन के लिए तरसने लगे।