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होशे 2:15 - पवित्र बाइबल

वहाँ मैं उसे अंगूर के बगीचे दूँगा। आशा के द्वार के रूप में मैं उसे आकोर की घाटी दे दूँगा। फिर वह मुझे उसी प्रकार उत्तर देगी जैसे उस समय दिया करती थी, जव वह मिस्र से बाहर आयी थी।”

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Hindi Holy Bible

और वहीं मैं उसको दाख की बारियां दूंगा, और आकोर की तराई को आशा का द्वार कर दूंगा और वहां वह मुझ से ऐसी बातें कहेगी जैसी अपनी जवानी के दिनों में अर्थात मिस्र देश से चले आने के समय कहती थी।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वहाँ उसके अंगूर-उद्यान उसे लौटा दूंगा; मैं कष्‍ट की घाटी को आशा के द्वार में बदल दूंगा। वहाँ वह मेरे प्रेम का प्रत्‍युत्तर देगी; जैसे वह किशोरावस्‍था में मुझे प्रत्‍युत्तर देती थी, जब वह मिस्र देश से बाहर निकली थी।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वहीं मैं उसको दाख की बारियाँ दूँगा, और आकोर की तराई को आशा का द्वार कर दूँगा और वहाँ वह मुझ से ऐसी बातें कहेगी जैसी अपनी जवानी के दिनों में अर्थात् मिस्र देश से चले आने के समय कहती थी।

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सरल हिन्दी बाइबल

वहां मैं उसे उसकी अंगूर की बारियां लौटा दूंगा, और आकोर घाटी को आशा का द्वार बना दूंगा. वहां वह ऐसे जवाब देगी जैसे वह अपने जवानी के दिनों में दिया करती थी, अर्थात् जैसे वह मिस्र देश से निकलकर आने के समय दिया करती थी.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वहीं मैं उसको दाख की बारियाँ दूँगा, और आकोर की तराई को आशा का द्वार कर दूँगा और वहाँ वह मुझसे ऐसी बातें कहेगी जैसी अपनी जवानी के दिनों में अर्थात् मिस्र देश से चले आने के समय कहती थी।

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होशे 2:15
33 क्रॉस रेफरेंस  

अहाब के लिये इतना ही काफी नहीं था कि वह वैसे ही पाप करे जैसे नबात के पुत्र यारोबाम ने किये थे। अत: अहाब ने एतबाल की पुत्री ईजेबेल से विवाह किया। एतबाल सीदोन के लोगों का राजा था। तब अहाब ने बाल की सेवा और पुजा करनी आरम्भ की।


फिर हमारे पूर्वजों ने परमेश्वर पर विश्वास किया। उन्होंने उसके गुण गाये।


पूरे जीवन भर मेरे अनेक शत्रु रहे हैं। इस्राएल हमें उन शत्रुओं के बारे में बता।


फिर तो शारोन की घाटी हमारी भेड़—बकरियों की चरागाह होगी तथा आकोर की तराई हमारे मवेशियों के आराम करने की जगह बन जायेगी। ये सब बातें मेरे लोगों के लिये होंगी। उन लोगों के लिये जो मेरी खोज में हैं।


“देखो, उस नगरी में यदि कोई व्यक्ति अपना घर बनायेगा तो वह व्यक्ति अपने घर में बसेगा। यदि कोई व्यक्ति वहाँ अंगूर का बाग लगायेगा तो वह अपने बाग के अँगूर खायेगा।


यहोवा का सन्देश यिर्मयाह को मिला। यहोवा का सन्देश यह था:


“यिर्मयाह, जाओ और यरूशलेम के लोगों को सन्देश दो। उनसे कहो: “जिस समय तुम नव राष्ट्र थे, तुम मेरे विश्वासयोग्य थे। तुमने मेरा अनुगमन नयी दुल्हन सा किया। तुमने मेरा अनुगमन मरुभूमि में से होकर किया, उस प्रदेश में अनुगमन किया जिसे कभी कृषि भूमि न बनाया गया था।


मैं यह इसलिये कहता हूँ क्योंकि मैं उन अपनी योजनाओं को जानता हूँ जो तुम्हारे लिये हैं।” यह सन्देश यहोवा का है। “तुम्हारे लिये मेरी अच्छी योजनाएं हैं। मैं तुम्हें चोट पहुँचाने की योजना नहीं बना रहा हूँ। मैं तुम्हें आशा और उज्जवल भविष्य देने की योजना बना रहा हूँ।


किन्तु अब तुम मुझे बुलाती हो। ‘मेरे पिता, तू मेरे बचपन से मेरे प्रिय मित्र रहा है।’


इस्राएल का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, ‘भविष्य में मेरे लोग एक बार फिर घर, खेत और अंगूर के बाग इस्राएल देश में खरीदेंगे।’”


किन्तु उसी समय जब मैं सोचता हूँ, तो मुझको आशा होने लगती हैं। मैं ऐसा सोचा करता हूँ:


तुमने मुझे छोड़ा और वे भयानक काम किये और तुमने अपना वह समय कभी याद नहीं किया जब तुम बच्ची थीं। तुमने याद नहीं किया कि जब मैंने तुम्हें पाया तब तुम नंगी थीं और रक्त में छटपटा रही थीं।


किन्तु मुझे वह वाचा याद है जो उस समय की गई थी जब तुम बच्ची थीं। मैंने तुम्हारे साथ वाचा की थी जो सदैव चलती रहने वाली थी।


मैंने तुम पर दृष्टि डाली। मैंने देखा कि तुम प्रेम के लिये तैयार थीं। इसलिये मैंने तुम्हारे ऊपर अपने वस्त्र डाले और तुम्हारी नग्नता को ढका। मैंने तुमसे विवाह करने का वचन दिया। मैंने तुम्हारे साथ वाचा की और तुम मेरी बनीं।’” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।


मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “मैंने इस्राएल के लोगों को अन्य राष्ट्रों में बिखेर दिया। किन्तु मैं फिर इस्राएल के परिवार को एक साथ इकट्ठा करूँगा। तब वे राष्ट्र समझेंगे कि मैं पवित्र हूँ और वे मुझे उसी रूप में लेंगे। उस समय इस्राएल के लोग अपने देश में रहेंगे अर्थात जिस देश को मैंने अपने सेवक याकूब को दिया।


वे उस देश में सुरक्षित रहेंगे। वे घर बनायेंगे तथा अंगूर की बेलें लगाएंगे। मैं उसके चारों ओर के राष्ट्रों को दण्ड दूँगा जिन्होंने उससे घृणा की। तब इस्राएल के लोग सुरक्षित रहेंगे। तब वे समझेंगे कि मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ।”


“जब इस्राएल अभी बच्चा था, मैंने, (यहोवा ने) उसको प्रेम किया था। मैंने अपने बच्चे को मिस्र से बाहर बुला लिया था।


किन्तु यहोवा एक नबी के द्वारा इस्राएल को मिस्र से ले आया। यहोवा ने एक नबी के द्वारा इस्राएल को सुरक्षित रखा।


“किन्तु मैं तो तभी से तुम्हारा परमेश्वर यहोवा रहा हूँ जब तुम मिस्र की धरती पर हुआ करते थे। मैं तुझे तम्बुओं में वैसे ही रखा करूँगा जैसे तू मिलाप के तम्बू के अवसर पर रहा करता था।


“तुम जब मिस्र में हुआ करते थे, मैं तभी से तुम्हारा परमेश्वर यहोवा रहा हूँ। मुझे छोड़ तुम किसी दुसरे परमेश्वर को नहीं जानते थे। वह मैं ही हूँ जिसने तुम्हें बचाया था।


उसकी अँगूर की बेलों और अंजीर के वृक्षों को मैं नष्ट कर दूँगा। उसने कहा था, ‘ये वस्तुएँ मेरे प्रेमियों ने मुझे दी थीं।’ किन्तु अब मैं उसके बगीचों को बदल डालूँगा। वे किसी उजड़े जंगल जैसा हो जायेंगे। उन वृक्षों से जंगली जानवर आकर अपनी भूख मिटाया करेंगे।


मैं अपने लोगों इस्राएलियों को देश निकाले से वापस लाऊँगा। वे नष्ट हुए नगरों को फिर से बनाएंगे और उन नगरों में रहेंगे। वे अंगूर की बेलों के बाग लगाएंगे और वे उन बागों से प्राप्त दाखमधु पीएंगे। वे बाग लगाएंगे और वे उन बागों के फलों को खाएंगे।


बन्दियों, अपने घर जाओ! अब तुम्हारे लिये कुछ आशा का अवसर है। अब मैं तुमसे कह रहा हूँ, मैं तुम्हारे पास लौट रहा हूँ!


तब इस्राएल के लोगों ने यह गीत गायाः “कुएँ! पानी से उमड़ बहो! इसका गीत गाओ!


मैं द्वार हूँ। यदि कोई मुझमें से होकर प्रवेश करता है तो उसकी रक्षा होगी वह भीतर आयेगा और बाहर जा सकेगा और उसे चरागाह मिलेगी।


सो जब वे पहुँचे तो उन्होंने कलीसिया के लोगों को इकट्ठा किया और परमेश्वर ने उनके साथ जो कुछ किया था, उसका विवरण कह सुनाया। और उन्होंने घोषणा की कि परमेश्वर ने विधर्मियों के लिये भी विश्वास का द्वार खोल दिया है।


आकान को जलाने के बाद उसके शरीर पर उन्होंने कई शिलायें रखीं। वे शिलायें आज भी वहाँ हैं। इस तरह यहोवा ने आकान पर विपत्ति ढाई। यही कारण है कि वह स्थान आकोर घाटी कहा जाता है। इसके बाद, यहोवा लोगों से अप्रसन्न नहीं रहा।


इस्राएल के लोग यहोवा, अपने परमेश्वर को याद नहीं करते थे, यद्यपि उसने उन्हें उन सभी शत्रुओं से बचाया जो इस्राएल के लोगों के चारों ओर रहते थे।