ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




सभोपदेशक 7:23 - पवित्र बाइबल

इन सब बातों के बारे में मैंने अपनी बुद्धि और विचारों का प्रयोग किया है। मैंने सच्चे अर्थ में बुद्धिमान बनना चाहा है। किन्तु यह तो असम्भव था।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

यह सब मैं ने बुद्धि से जांच लिया है; मैं ने कहा, मैं बुद्धिमान हो जाऊंगा; परन्तु यह मुझ से दूर रहा।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यह सब मैंने बुद्धि से परखा है। मैंने सोचा, ‘मैं बुद्धिमान बनूंगा’, किन्‍तु बुद्धि मुझसे दूर ही रही।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यह सब मैं ने बुद्धि से जाँच लिया है; मैं ने कहा, “मैं बुद्धिमान हो जाऊँगा;” परन्तु यह मुझ से दूर रहा।

अध्याय देखें

नवीन हिंदी बाइबल

मैंने बुद्धि के द्वारा इन सब बातों को जाँचा; मैंने कहा, “मैं बुद्धिमान बनूँगा,” परंतु यह मुझसे दूर रहा।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

इन सभी कामों की छानबीन मैंने बुद्धि द्वारा की और मैंने कहा, “मैं बुद्धिमान बनूंगा,” मगर यह मुझसे बहुत दूर थी.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यह सब मैंने बुद्धि से जाँच लिया है; मैंने कहा, “मैं बुद्धिमान हो जाऊँगा;” परन्तु यह मुझसे दूर रहा।

अध्याय देखें



सभोपदेशक 7:23
9 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्वर जानता है कि यदि तुम लोग उस पेड़ से फल खाओगे तो अच्छे और बुरे के बारे में जान जाओगे और तब तुम परमेश्वर के समान हो जाओगे।”


मैंने यह जानने का निश्चय किया कि मूर्खतापूर्ण चिन्तन से विवेक और ज्ञान किस प्रकार श्रेष्ठ हैं। किन्तु मुझे ज्ञात हुआ कि विवेकी बनने का प्रयास वैसा ही है जैसे वायु को पकड़ने का प्रयत्न।


अपने संसार के बारे में सोचने के लिये परमेश्वर ने हमें क्षमता प्रदान की है। परन्तु परमेश्वर जो करता है, उन बातों को पूरी तरह से हम कभी नहीं समझ सकते। फिर भी परमेश्वर हर बात, उचित और उपयुक्त समय पर करता है।


और तुम जानते हो कि तुमने भी अनेक अवसरों पर दूसरों के बारे में बुरी बातें कही हैं।


परमेश्वर जो करता है उन बहुत सी बातों को भी मैंने देखा है कि इस धरती पर परमेश्वर जो कुछ करता है, लोग उसे समझ नहीं सकते। उसे समझने के लिये मनुष्य बार बार प्रयत्न करता है। किन्तु फिर भी समझ नहीं पाता। यदि कोई बुद्धिमान व्यक्ति भी यह कहे कि वह परमेश्वर के कामों को समझता है तो यह भी सत्य नहीं है। उन सब बातों को तो कोई भी व्यक्ति समझ ही नहीं सकता।


वे बुद्धिमान होने का दावा करके मूर्ख ही रह गये।


कहाँ है ज्ञानी व्यक्ति? कहाँ है विद्वान? और इस युग का षास्त्रर्थी कहाँ है? क्या परमेश्वर ने सांसारिक बुद्धिमानी को मूर्खता नहीं सिद्ध किया?