इस्राएली के सभी परिवार समूहों के लोग आपस में तर्क—विर्तक करने लगे। उन्होंने कहा, “राजा दाऊद ने हमें पलिश्तियों और हमारे अन्य शत्रुओं से बचाया। दाऊद अबशालोम के सामने भाग खड़ा हुआ।
सभोपदेशक 4:16 - पवित्र बाइबल बहुत से लोग इस युवक के पीछे हो लेते हैं। किन्तु आगे चलकर वे लोग भी उसे पसन्द नहीं करते इसलिये यह सब भी व्यर्थ हैं। यह वैसे ही है जैसा कि वायु को पकड़ने का प्रयत्न करना। Hindi Holy Bible वे सब लोग अनगिनित थे जिन पर वह प्रधान हुआ था। तौभी भविष्य में होने वाले लोग उसके कारण आनन्दित न होंगे। नि:सन्देह यह भी व्यर्थ और मन का कुढ़ना है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसके अनुगामियों कि संख्या, जिनका उसने नेतृत्व किया, अगणित थी। फिर भी आनेवाली पीढ़ी उससे प्रसन्न नहीं होगी। अत: निस्सन्देह यह भी व्यर्थ है, यह मानो हवा को पकड़ना है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे सब लोग अनगिनित थे जिन पर वह प्रधान हुआ था। तौभी भविष्य में होनेवाले लोग उसके कारण आनन्दित न होंगे। नि:सन्देह यह भी व्यर्थ और मन का कुढ़ना है। नवीन हिंदी बाइबल वे सब लोग अनगिनित थे जिन पर वह प्रधान हुआ था। परंतु जो बाद में आए वे उससे आनंदित नहीं हुए। यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ने के समान है। सरल हिन्दी बाइबल अनगिनत थे वे लोग जिनका वह राजा था. फिर भी जो इनके बाद आएंगे उससे खुश न होंगे. निश्चित ही यह भी बेकार और हवा से झगड़ना है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे सब लोग अनगिनत थे जिन पर वह प्रधान हुआ था। तो भी भविष्य में होनेवाले लोग उसके कारण आनन्दित न होंगे। निःसन्देह यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है। |
इस्राएली के सभी परिवार समूहों के लोग आपस में तर्क—विर्तक करने लगे। उन्होंने कहा, “राजा दाऊद ने हमें पलिश्तियों और हमारे अन्य शत्रुओं से बचाया। दाऊद अबशालोम के सामने भाग खड़ा हुआ।
सभी लोग नगर में सुलैमान के पीछे आए। वे बीन बजा रहे थे और उल्लास के नारे लगा रहे थे। वे इतना उद्घोष कर रहे थे कि धरती काँप उठी।
इस पृथ्वी पर की सभी वस्तुओं पर मैंने दृष्टि डाली और देखा कि यह सब कुछ व्यर्थ है। यह वैसा ही है जैसा वायु को पकड़ना।
किन्तु मैंने जो कुछ किया था जब उस पर दृष्टि डाली और अपने किये कठिन परिश्रम के बारे में विचार किया तो मुझे लगा यह सब समय की बर्बादी थी! यह ऐसा ही था जैसा वायु को पकड़ना। इस जीवन में हम जो कुछ श्रम करते हैं उस सबकुछ का उचित परिणाम हमें नहीं मिलता।
इसके कारण मुझे जीवन से घृणा हो गई। इस विचार से मैं बहुत दुःखी हुआ कि इस जीवन में जो कुछ है सब व्यर्थ है। बिल्कुल वैसा ही जैसे वायु को पकड़ने की कोशिश करना।
यदि कोई व्यक्ति परमेश्वर को प्रसन्न करता है तो परमेश्वर उसे बुद्धि, ज्ञान और आनन्द प्रदान करता है। किन्तु वह व्यक्ति जो उसे अप्रसन्न करता है, वह तो बस वस्तुओं के संचय और उन्हें ढोने का ही काम करता रहेगा। परमेश्वर बुरे व्यक्तियों से लेकर अच्छे व्यक्तियों को देता रहता है। इस प्रकार यह समग्र कर्म व्यर्थ है। यह वैसा ही है जैसे वायु को पकड़ने का प्रयत्न करना।
किन्तु इस जीवन में मैंने लोगों को देखा है और मैं यह जानता हूँ कि लोग उस दूसरे युवानेता का ही अनुसरण करते हैं और वही नया राजा बन जाता हैं।