“काश! मेरा जीवन वैसा ही होता जैसा गुजरे महीनों में था। जब परमेश्वर मेरी रखवाली करता था, और मेरा ध्यान रखता था।
विलापगीत 1:7 - पवित्र बाइबल यरूशलेम बीती बात सोचा करती है, उन दिनों की बातें जब उस पर प्रहार हुआ था और वह बेघर—बार हुई थी। उसे बीते दिनों के सुख याद आते थे। वे पुराने दिनों में जो अच्छी वस्तुएं उसके पास थीं, उसे याद आती थीं। वह ऐसे उस समय को याद करती है जब उसके लोग शत्रुओं के द्वारा बंदी किये गये। वह ऐसे उस समय को याद करती है जब उसे सहारा देने को कोई भी व्यक्ति नहीं था। जब शत्रु उसे देखते थे, वे उसकी हंसी उड़ाते थे। वे उसकी हंसी उड़ाते थे क्योंकि वह उजड़ चुकी थी। Hindi Holy Bible यरूशलेम ने, इन दु:ख भरे और संकट के दिनों में, जब उसके लोग द्रोहियों के हाथ में पड़े और उसका कोई सहायक न रहा, तब अपनी सब मनभावनी वस्तुओं को जो प्राचीनकाल से उसकी थीं, स्मरण किया है। उसके द्रोहियों ने उसको उजड़ा देखकर ठट्ठों में उड़ाया है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ऐसे संकट और दु:ख-भरे दिनों में यरूशलेम को धन-समृद्धि की, वैभवपूर्ण दिनों की, उन वस्तुओं की याद आ रही है, जब प्राचीनकाल में ये वस्तुएँ उसके अधिकार में थीं। अब यरूशलेम के निवासी बैरियों के हाथ में पड़ गए; उनकी सहायता करनेवाला कोई न था; उसके पतन को देखकर उसके बैरी उसका मजाक उड़ाने लगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यरूशलेम ने, इन दु:ख भरे और संकट के दिनों में, जब उसके लोग द्रोहियों के हाथ में पड़े और उसका कोई सहायक न रहा, तब अपनी सब मनभावनी वस्तुओं को जो प्राचीनकाल से उसकी थीं, स्मरण किया है। उसके द्रोहियों ने उसको उजड़ा देखकर ठट्ठों में उड़ाया है। सरल हिन्दी बाइबल अब इन पीड़ा के दिनों में, इन भटकाने के दिनों में येरूशलेम को स्मरण आ रहा है वह युग, जब वह अमूल्य वस्तुओं की स्वामिनी थी. जब उसके नागरिक शत्रुओं के अधिकार में जा पड़े, जब सहायता के लिए कोई भी न रह गया. उसके शत्रु बड़े ही संतोष के भाव में उसे निहार रहे हैं, वस्तुतः वे उसके पतन का उपहास कर रहे हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यरूशलेम ने, इन दुःख भरे और संकट के दिनों में, जब उसके लोग द्रोहियों के हाथ में पड़े और उसका कोई सहायक न रहा, अपनी सब मनभावनी वस्तुओं को जो प्राचीनकाल से उसकी थीं, स्मरण किया है। उसके द्रोहियों ने उसको उजड़ा देखकर उपहास में उड़ाया है। |
“काश! मेरा जीवन वैसा ही होता जैसा गुजरे महीनों में था। जब परमेश्वर मेरी रखवाली करता था, और मेरा ध्यान रखता था।
सो मुझे इन सब बातों को याद करने दे। मुझे अपना हृदय बाहर ऊँडेलने दे। मुझे याद है मैं परमेश्वर के मन्दिर में चला और भीड़ की अगुवाई करता था। मुझे याद है वह लोगों के साथ आनन्द भरे प्रशंसा गीत गाना और वह उत्सव मनाना।
मैं परमेश्वर का मनन करता हूँ, और मैं जतन करता रहता हूँ कि मैं उससे बात करूँ और बता दूँ कि मुझे कैसा लग रहा है। किन्तु हाय मैं ऐसा नहीं कर पाता।
हमारे पड़ोसी देशों ने हमें अपमानित किया है। हमारे आस पास के लोग सभी हँसते हैं, और हमारी हँसी उड़ाते हैं।
तेरी पवित्र नगरियाँ उजड़ी हुई हैं। आज वे नगरियाँ ऐसी हो गई हैं जैसे रेगिस्तान हों। सिय्योन रेगिस्तान हो गया है! यरूशलेम ढह गया है!
हमारा पवित्र मन्दिर आग से भस्म हुआ है। वह मन्दिर हमारे लिये बहुत ही महान था। हमारे पूर्वज वहाँ तेरी उपासना करते थे। वे सभी उत्तम वस्तु जिनके हम स्वामी थे, अब बर्बाद हो गई हैं।
“इस्राएल के लोगों का परमेश्वर यहोवा जो कहता है, वह यह है: ‘यहूकल और सपन्याह मैं जानता हूँ कि यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने तुम्हें मेरे पास प्रश्न पूछने को भेजा है। राजा सिदकिय्याह को यह उत्तर दो, फिरौन की सेना यहाँ आने और बाबुल की सेना के विरुद्ध तुम्हारी सहायता के लिये मिस्र से कूच कर चुकी है। किन्तु फिरौन की सेना मिस्र लौट जाएगी।
“मोआब तुमने इस्राएल का मजाक उड़ाया था। इस्राएल चोरों के गिरोह द्वारा पकड़ा गया था। हर बार तुम इस्राएल के बारे में कहते थे। तुम अपना सिर हिलाते थे ऐसा अभिनय करते थे मानो तुम इस्राएल से श्रेष्ठ हो
सहायता पाने की बाट जोहते—जोहते अपनी आँखों ने काम करना बंद किया, और अब हमारी आँखें थक गई है। किन्तु कोई भी सहायता नहीं आई। हम प्रतीक्षा करते रहे कि कोई ऐसी जाति आये जो हमको बचा ले। हम अपनी निगरानी बुर्ज से देखते रह गये। किन्तु किसी ने भी हम को बचाया नहीं।
अम्मोन के लोगो से कहो: ‘मेरे स्वामी यहोवा का कथन सुनो! मेरा स्वामी यहोवा कहता है: तुम तब प्रसन्न थे जब मेरा पवित्र स्थान नष्ट हुआ था। तुम लोग तब इस्राएल देश के विरुद्ध थे जब यह दूषित हुआ था। तुम यहूदा के परिवार के विरुद्ध थे जब वे लोग बन्दी बनाकर ले जाए गए।
यहोवा यह कहता है: तुम प्रसन्न थे कि यरूशलेम नष्ट हुआ। तुमने तालियाँ बजाई और पैरों पर थिरके। तुमने इस्राएल प्रदेश को अपमानित करने वाले मज़ाक किये।
वह अपने प्रेमियों के पीछे भागेगी किन्तु वह उन्हें प्राप्त नही कर सकेगी। वह अपने प्रेमियों को ढूँढ़ती फिरेगी किन्तु उन्हे ढूँढ़ नहीं पायेगी। फिर वह कहेगी, ‘मैं अपने पहले पति (परमेश्वर) के पास लौट जाऊँगी। जब मैं उसके साथ थी, मेरी जीवन बहुत अच्छा था। आज की अपेक्षा, उन दिनों मेरा जीवन अधिक सुखी था।’
“फिर जब उसके होश ठिकाने आये तो वह बोला, ‘मेरे पिता के पास कितने ही ऐसे मज़दूर हैं जिनके पास खाने के बाद भी बचा रहता है, और मैं यहाँ भूखों मर रहा हूँ।
“किन्तु इब्राहीम ने कहा, ‘हे मेरे पुत्र, याद रख, तूने तेरे जीवन काल में अपनी अच्छी वस्तुएँ पा लीं जबकि लाज़र को बुरी वस्तुएँ ही मिलीं। सो अब वह यहाँ आनन्द भोग रहा है और तू यातना।