7 “इस्राएल के लोगों का परमेश्वर यहोवा जो कहता है, वह यह है: ‘यहूकल और सपन्याह मैं जानता हूँ कि यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने तुम्हें मेरे पास प्रश्न पूछने को भेजा है। राजा सिदकिय्याह को यह उत्तर दो, फिरौन की सेना यहाँ आने और बाबुल की सेना के विरुद्ध तुम्हारी सहायता के लिये मिस्र से कूच कर चुकी है। किन्तु फिरौन की सेना मिस्र लौट जाएगी।
7 इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, यहुदा के जिस राजा ने तुम को प्रार्थना करने के लिये मेरे पास भेजा है, उस से यों कहो, कि देख, फिरौन की जो सेना तुम्हारी सहायता के लिये निकली है वह अपने देश मिस्र में लौट जाएगी।
7 ‘इस्राएल का प्रभु परमेश्वर यों कहता है; यहूदा प्रदेश के राजा ने मेरी इच्छा जानने के लिए तेरे पास यहूकल और पुरोहित सफन्याह को भेजा है। अत: तू उनसे यह कहना: “जो फरओ की सेना तुम्हारी सहायता के लिए आयी है, वह अपने देश मिस्र को लौटने पर है।
7 “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है : यहूदा के जिस राजा ने तुम को प्रार्थना करने के लिये मेरे पास भेजा है, उससे यों कहो, ‘देख, फ़िरौन की जो सेना तुम्हारी सहायता के लिये निकली है वह अपने देश मिस्र में लौट जाएगी।
7 “इस्राएल के परमेश्वर याहवेह का संदेश यह है: तुम्हें यहूदिया के राजा से यह कहना होगा, जिसने तुम्हें मेरे पास इसलिये भेजा है कि वह मेरी बातें ज्ञात कर सके, ‘तुम यह देख लेना, कि तुम्हारी सहायता के लिए आई हुई फ़रोह की सेना अपने देश मिस्र को लौट जाएगी.
7 “इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है: यहूदा के जिस राजा ने तुम को प्रार्थना करने के लिये मेरे पास भेजा है, उससे यह कहो, ‘देख, फ़िरौन की जो सेना तुम्हारी सहायता के लिये निकली है वह अपने देश मिस्र में लौट जाएगी।
“यहूदा के राजा योशिय्याह ने तुम्हें यहोवा से सलाह लेने को भेजा है। योशिय्याह से यह कहोः ‘यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर ने जो कहा उसे तुमने सुना। तुमने वह सुना जो मैंने इस स्थान और इस स्थान पर रहने वाले लोगों के बारे में कहा। तुम्हारा हृदय कोमल है और जब तुमने यह सुना तो तुम्हें दु:ख हुआ। मैंने कहा कि भयंकर घटनायें इस स्थान (यरूशलेम) के साथ घटित होंगी। और तुमने अपने दुःख को प्रकट करने के लिये अपने वस्त्रों को फाड़ डाला और तुम रोने लगे। यही कारण है कि मैंने तुम्हारी बात सुनी।’ यहोवा यह कहता है,
मिस्र का राजा मिस्र से और अधिक बाहर नहीं निकल सका, क्योंकि बाबेल के राजा ने मिस्र के नाले से परात नदी तक सारे देश पर जिस पर मिस्र के राजा का आधिपत्य था, अधिकार कर लिया था।
अब मैं तुमसे पूछता हूँ, तुम सहायता पाने के लिये किस पर भरोसा करते हो क्या तुम सहायता के लिये मिस्र पर निर्भर हो मिस्र तो एक टूटी हुई लाठी के समान है। यदि तुम सहारा पाने को उस पर टिकोगे तो वह तुम्हें बस हानि ही पहुँचायेगी और तुम्हारे हाथ में एक छेद बना देगी। मिस्र के राजा फिरौन पर किसी भी व्यक्ति के द्वारा सहायता पाने के लिये भरोसा नहीं किया जा सकता।
यहूदा के लोगों, इसके बारे में सोचो: क्या उसने मिस्र जाने में सहायता की क्या इसने नील नदी का पानी पीने में सहायता की नहीं! क्या इसने अश्शूर जाने में सहायता की क्या इसने परात नदी का जल पीने में सहायता की नहीं!
तुम्हारे लिये इरादे को बदलना बहुत आसान हैं। अश्शूर ने तुम्हें हताश किया! अत: तुमने अश्शूर को छोड़ा और सहायता के लिये मिस्र पहुँचे। मिस्र तुम्हें हताश करेगा।
ऐसा होगा कि तुम मिस्र भी छोड़ोगे और तुम्हारे हाथ लज्जा से तुम्हारी आँखों पर होंगे। तुमने उन देशों पर विश्वास किया। किन्तु तुम्हें उन देशों में कोई सफलता नहीं मिलेगी। क्यों क्योंकि यहोवा ने उन देशों को अस्वीकार कर दिया है।
यह यहोवा का वह सन्देश है जो यिर्मयाह को मिला। यह सन्देश तब आया जब यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने पशहूर नामक एक व्यक्ति तथा सपन्याह नामक एक याजक को यिर्मयाह के पास भेजा। पशहूर मल्किय्याह नामक व्यक्ति का पुत्र था। सपन्याह मासेयाह नामक व्यक्ति का पुत्र था। पशहूर और सपन्याह यिर्मयाह के लिये एक सन्देश लेकर आए।
पशहूर और सपन्याह ने यिर्मयाह से कहा, “यहोवा से हम लोगों के लिए प्रार्थना करो। यहोवा से पूछो कि क्या होगा हम जानना चाहते हैं क्योंकि बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर हम लोगों पर आक्रमण कर रहा है। सम्भव है यहोवा हम लोगों के लिये वैसे ही महान कार्य करे जैसा उसने बीते समय में किया। सम्भव है कि यहोवा नबूकदनेस्सर को आक्रमण करने से रोक दे या उसे चले जाने दे।”
राजा सिदकिय्याह ने यहूकल नामक एक व्यक्ति और याजक सपन्याह को यिर्मयाह नबी के पास एक सन्देश लेकर भेजा। यहूकल शेलेम्याह का पुत्र था। याजक सपन्याह मासेयाह का पुत्र था। जो सन्देश वे यिर्मयाह के लिये लाये थे वह यह है: “यिर्मयाह, हमारे परमेश्वर यहोवा से हम लोगों के लिये प्रार्थना करो।”
उस समय ही फिरौन की सेना मिस्र से यहूदा को प्रस्थान कर चुकी थी। बाबुल सेना ने पराजित करने के लिये, यरूशलेम नगर के चारों ओर घेरा डाल रखा था। तब उन्होंने मिस्र से उनकी ओर कूच कर चुकी हुई सेना के बारे में सुना था। अत: बाबुल की सेना मिस्र से आने वाली सेना से लड़ने के लिये, यरूशलेम से हट गई थी।)
यरूशलेम बीती बात सोचा करती है, उन दिनों की बातें जब उस पर प्रहार हुआ था और वह बेघर—बार हुई थी। उसे बीते दिनों के सुख याद आते थे। वे पुराने दिनों में जो अच्छी वस्तुएं उसके पास थीं, उसे याद आती थीं। वह ऐसे उस समय को याद करती है जब उसके लोग शत्रुओं के द्वारा बंदी किये गये। वह ऐसे उस समय को याद करती है जब उसे सहारा देने को कोई भी व्यक्ति नहीं था। जब शत्रु उसे देखते थे, वे उसकी हंसी उड़ाते थे। वे उसकी हंसी उड़ाते थे क्योंकि वह उजड़ चुकी थी।
सहायता पाने की बाट जोहते—जोहते अपनी आँखों ने काम करना बंद किया, और अब हमारी आँखें थक गई है। किन्तु कोई भी सहायता नहीं आई। हम प्रतीक्षा करते रहे कि कोई ऐसी जाति आये जो हमको बचा ले। हम अपनी निगरानी बुर्ज से देखते रह गये। किन्तु किसी ने भी हम को बचाया नहीं।
मिस्र का राजा यहूदा के राजा की रक्षा करने में समर्थ नहीं होगा। वह बड़ी संख्या में सैनिक भेज सकता है किन्तु मिस्र की महान शक्ति यहूदा की रक्षी नहीं कर सकेगी। नबूकदनेस्सर की सेनायें नगर पर अधिकार के लिये कच्ची सड़कें और मिट्टी की दीवारें बनाएंगी। बड़ी संख्या में लोग मरेंगे।
और इस्राएल का परिवार फिर कभी मिस्र पर आश्रित नहीं रहेगा। इस्राएली अपने पाप को याद रखेंगे। वे याद रखेंगे कि वे सहायता के लिये मिस्र की ओर मुड़े, परमेश्वर की ओर नहीं और वे समझेंगे कि मैं यहोवा और स्वामी हूँ।”
मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “मैं मिस्र के राजा फिरौन के विरुद्ध हूँ। मैं उसकी दोनों भुजाओं शक्तिशाली भुजा और पहले से टूटी भुजा को तोड़ डालूँगा। मैं उसके हाथ से तलवार को गिरा दूँगा।