किन्तु मेरे बन्धुओं, तुम विश्वासयोग्य नहीं रहे। मैं तुम पर निर्भर नहीं रह सकता हूँ। तुम ऐसी जलधाराओं के सामान हो जो कभी बहती है और कभी नहीं बहती है। तुम ऐसी जलधाराओं के समान हो जो उफनती रहती है।
विलापगीत 1:2 - पवित्र बाइबल रात में वह बुरी तरह रोती है और उसके अश्रु गालों पर टिके हुए है! उसके पास कोई नहीं है जो उसको ढांढस दे। उसके मित्र देशों में कोई ऐसा नहीं है जो उसको चैन दे। उसके सभी मित्रों ने उससे मुख फेर लिया। उसके मित्र उसके शत्रु बन गये। Hindi Holy Bible रात को वह फूट फूट कर रोती है, उसके आंसू गालों पर ढलकते हैं; उसके सब यारों में से अब कोई उसे शान्ति नहीं देता; उसके सब मित्रों ने उस से विश्वासघात किया, और उसके शत्रु बन गए हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह रात में फूट-फूटकर रोती है। उसके गालों पर आंसू बहते हैं। उसके अनेक चाहनेवाले थे, पर अब उनमें से एक भी उसको सांत्वना नहीं देता, उसके मित्रों ने उसके साथ विश्वासघात किया। वे उसके शत्रु बन गए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) रात को वह फूट फूटकर रोती है, उसके आँसू गालों पर ढलकते हैं; उसके सब यारों में से अब कोई उसे शान्ति नहीं देता; उसके सब मित्रों ने उससे विश्वासघात किया, और उसके शत्रु बन गए हैं। सरल हिन्दी बाइबल रात्रि में बिलख-बिलखकर रोती रहती है, अश्रु उसके गालों पर सूखते ही नहीं. उसके अनेक-अनेक प्रेमियों में अब उसे सांत्वना देने के लिए कोई भी शेष न रहा. उसके सभी मित्रों ने उससे छल किया है; वस्तुतः वे तो अब उसके शत्रु बन बैठे हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 रात को वह फूट फूटकर रोती है, उसके आँसू गालों पर ढलकते हैं; उसके सब यारों में से अब कोई उसे शान्ति नहीं देता; उसके सब मित्रों ने उससे विश्वासघात किया, और उसके शत्रु बन गए हैं। |
किन्तु मेरे बन्धुओं, तुम विश्वासयोग्य नहीं रहे। मैं तुम पर निर्भर नहीं रह सकता हूँ। तुम ऐसी जलधाराओं के सामान हो जो कभी बहती है और कभी नहीं बहती है। तुम ऐसी जलधाराओं के समान हो जो उफनती रहती है।
मेरे शत्रु मुझसे घृणा रखते हैं। मेरे पड़ोसी मेरे बैरी बने हैं। मेरे सभी सम्बन्धी मुझे राह में देख कर मुझसे डर जाते हैं और मुझसे वे सब कतराते हैं।
हे यहोवा, सारी रात मैं तुझको पुकारता रहता हूँ। मेरा बिछौना मेरे आँसुओं से भीग गया है। मेरे बिछौने से आँसु टपक रहे हैं। तेरे लिये रोते हुए मैं क्षीण हो गया हूँ।
निर्धन के सभी सम्बंधी उससे कतराते हैं। उसके मित्र उससे कितना बचते फिरते हैं, यद्यपि वह उन्हें अनुनय—विनय से मनाता रहता है किन्तु वे उसे कहीं मिलते ही नहीं हैं।
यहूदा के लोगों, यदि तुम यहोवा की अनसुनी करते हो तो मैं छिप जाऊँगा और रोऊँगा। तुम्हारा घमण्ड मुझे रूलायेगा। मैं फूट—फूट कर रोऊँगा। मेरा आँखें आँसुओं से भर जाएंगी। क्यों क्योंकि यहोवा की रेवड़ पकड़ी जाएगी।
यहूदा, देवमूर्तियों के पीछे दौड़ना बन्द करो। उन अन्य देवताओं के लिये प्यास को बुझ जाने दो। किन्तु तुम कहते हो, ‘यह व्यर्थ है! मैं छोड़ नहीं सकता! मैं उन अन्य देवताओं से प्रेम करता हूँ। मैं उनकी पूजा करना चाहता हूँ।’
“यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को तलाक देता है, और वह पत्नी उसे छोड़ देती है तथा अन्य व्यक्ति से विवाह कर लेती है तो क्या वह व्यक्ति अपनी पत्नी के पास फिर आ सकता है नहीं! यदि वह व्यक्ति उस स्त्री के पास लौटेगा तो देश पूरी तरह गन्दा हो जाएगा। यहूदा, तुमने वेश्या की तरह अनेक प्रेमियों (असत्य देवताओं) के साथ काम किये और अब तुम मेरे पास लौटना चाहते हो!” यह सन्देश यहोवा का था।
तुम अनेक राष्ट्रों के मित्र बने हो, किन्तु वे राष्ट्र तुम्हारी परवाह नहीं करते। तुम्हारे मित्र तुम्हें भूल गए हैं। मैंने तुम्हें शत्रु जैसी चोट पहुँचाई। मैंने तुम्हें कठोर दण्ड दिया। मैंने यह तुम्हारे बड़े अपराध के लिये किया।
हे यहूदा, तुम नष्ट कर दिये गये हो, तुम क्या कर रहे हो तुम अपने सुन्दरतम लाल वस्त्र क्यों पहनते हो तुम अपने सोने के आभूषण क्यों पहने हो तुम अपनी आँखों में अन्जन क्यों लगाते हो। तुम अपने को सुन्दर बनाते हो, किन्तु यह सब व्यर्थ है। तुम्हारे प्रेमी तुमसे घृणा करते हैं, वे मार डालने का प्रयत्न कर रहे हैं।
यदि मेरा सिर पानी से भरा होता, और मेरी आँखें आँसू का झरना होतीं तो मैं अपने नष्ट किये गए लोगों के लिए दिन रात रोता रहता।
मैंने अपने प्रेमियों को पुकारा। किन्तु वे आँखें बचा कर चले गये। मेरे याजक और बुजुर्ग मेरे नगर में मर गये। वे अपने लिये भोजन को तरसते थे। वे चाहते थे कि वे जीवित रहें।
“मेरी सुन, क्योंकि मैं कराह रही हूँ! मेरे पास कोई नहीं है जो मुझको चैन दे, मेरे सब शत्रुओं ने मेरी दु:खों की बात सुन ली है। वे बहुत प्रसन्न हैं। वे बहुत ही प्रसन्न हैं क्योंकि तूने मेरे साथ ऐसा किया। अब उस दिन को ले आ जिसकी तूने घोषणा की थी। उस दिन तू मेरे शत्रुओं को वैसी ही बना दे जैसी मैं अब हूँ।
यरूशलेम के वस्त्र गंदे थे। उसने नहीं सोचा था कि उसके साथ क्या कुछ घटेगा। उसका पतन विचित्र था, उसके पास कोई नहीं था जो उसको शांति देता। वह कहा करती है, “हे यहोवा, देख मैं कितनी दु:खी हूँ! देख मेरा शत्रु कैसा सोच रहा है कि वह कितना महान है!”
मेरे नयन आँसुओं से दु:ख रहे हैं! मेरा अंतरंग व्याकुल है! मेरे मन को ऐसा लगता है जैसे वह बाहर निकल कर धरती पर गिरा हो! मुझको इसलिये ऐसा लगता है कि मेरे अपने लोग नष्ट हुए हैं। सन्तानें और शिशु मूर्छित हो रहें हैं। वे नगर के गलियों और बाजारों में मूर्छित पड़े हैं।
इसलिये मैं तुम्हारे सभी प्रेमियों को एक साथ इकट्ठा कर रहा हूँ। मैं उन सभी को लाऊँगा जिनसे तुमने प्रेम किया तथा जिन मनुष्यों से घृणा की। मैं सभी को एक साथ ले आऊँगा और उन्हें तुम्हें नग्न देखने दूँगा। वे तुम्हें पूरी तरह नग्न देखेंगे।
वह अपने प्रेमियों के पीछे भागेगी किन्तु वह उन्हें प्राप्त नही कर सकेगी। वह अपने प्रेमियों को ढूँढ़ती फिरेगी किन्तु उन्हे ढूँढ़ नहीं पायेगी। फिर वह कहेगी, ‘मैं अपने पहले पति (परमेश्वर) के पास लौट जाऊँगी। जब मैं उसके साथ थी, मेरी जीवन बहुत अच्छा था। आज की अपेक्षा, उन दिनों मेरा जीवन अधिक सुखी था।’
तुम अपने पड़ोसी का भरोसा मत करो! तुम मित्र का भरोसा मत करो! अपनी पत्नी तक से खुलकर बात मत करो!
वे दस सींग जिन्हें तुमने देखा, और वह पशु उस वेश्या से घृणा करेंगे तथा उससे सब कुछ छीन कर उसे नंगा छोड़ जायेंगे। वे शरीर को खा जायेंगे और उसे आग में जला डालेंगे।