मैंने फिर यह भी देखा है कि कुछ लोगों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। मैंने उनके आँसू देखे हैं और फिर यह भी देखा है कि उन दुःखी लोगों को ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है। मैंने देखा है कि कठोर लोगों के पास समूची शक्ति है और ये लोग जिन लोगों को क्षति पहुँचाते हैं उन्हें ढाढ़स बँधाने वाला भी कोई नहीं है।
अत: सर्वशक्तिमान यहोवा नबियों के बारे में ये बातें कहता है, “मैं उन नबियों को दण्ड दूँगा। वह दण्ड विषैला भोजन पानी खाने पीने जैसा होगा। नबियों ने आध्यात्मिक बीमारी उत्पन्न की और वह बीमारी पूरे देश में फैल गई। अत: मैं उन नबियों को दण्ड दूँगा। वह बीमारी यरूशलेम में नबियों से आई।”
“‘हम यहाँ खाली क्यों बैठे हैं आओ, दृढ़ नगरों को भाग निकलो। यदि हमारा परमेश्वर यहोवा हमें मारने ही जा रहा है, तो हम वहीं मरें। हमने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है अत: परमेश्वर ने हमें पीने को जहरीला पानी दिया है।
रात में वह बुरी तरह रोती है और उसके अश्रु गालों पर टिके हुए है! उसके पास कोई नहीं है जो उसको ढांढस दे। उसके मित्र देशों में कोई ऐसा नहीं है जो उसको चैन दे। उसके सभी मित्रों ने उससे मुख फेर लिया। उसके मित्र उसके शत्रु बन गये।
यरूशलेम के वस्त्र गंदे थे। उसने नहीं सोचा था कि उसके साथ क्या कुछ घटेगा। उसका पतन विचित्र था, उसके पास कोई नहीं था जो उसको शांति देता। वह कहा करती है, “हे यहोवा, देख मैं कितनी दु:खी हूँ! देख मेरा शत्रु कैसा सोच रहा है कि वह कितना महान है!”
तब एक व्यक्ति दौड़ कर सिरके में डुबोया हुआ स्पंज एक छड़ी पर टाँग कर लाया और उसे यीशु को पीने के लिए दिया और कहा, “ठहरो, देखते हैं कि इसे नीचे उतारने के लिए एलिय्याह आता है कि नहीं।”
निश्चय कर लो कि आज यहाँ हम लोगों में कोई ऐसा पुरुष, स्त्री, परिवार या परिवार समूह नहीं है जो यहोवा, अपने परमेश्वर के विपरीत जाता हो। कोई भी व्यक्ति उन राष्ट्रों के देवताओं की सेवा करने नहीं जाना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं वे उस पौधे की तरह हैं जो कड़वा, जहरीला फसल पैदा करता है।