मैं उन्हें एक साथ लाऊँगा और उन्हें एक व्यक्ति सा बनाऊँगा। मैं उनमें नयी आत्मा भरूँगा। मैं उनके पत्थर के हृदय को दूर करुँगा और उसके स्थान पर सच्चा हृदय दूँगा।
रोमियों 7:6 - पवित्र बाइबल किन्तु अब हमें व्यवस्था से छुटकारा दे दिया गया है क्योंकि जिस व्यवस्था के अधीन हमें बंदी बनाया हुआ था, हम उसके लिये मर चुके हैं। और अब पुरानी लिखित व्यवस्था से नहीं, बल्कि आत्मा की नयी रीति से प्रेरित होकर हम अपने स्वामी परमेश्वर की सेवा करते हैं। Hindi Holy Bible परन्तु जिस के बन्धन में हम थे उसके लिये मर कर, अब व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन आत्मा की नई रीति पर सेवा करते हैं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु अब हम उन बातों के लिए मर गये हैं, जो हमें बन्धन में जकड़ती थीं, इसलिए हम व्यवस्था से मुक्त हो गये हैं। इस प्रकार हम पुरानी लिखित व्यवस्था के अनुसार नहीं, बल्कि आत्मा की नवीन पद्धति के अनुसार परमेश्वर की सेवा करते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जिस के बन्धन में हम थे उसके लिये मर कर, अब व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन् आत्मा की नई रीति पर सेवा करते हैं। नवीन हिंदी बाइबल परंतु अब जिस व्यवस्था से हम बँधे थे उसके प्रति मरकर हम उससे स्वतंत्र हो गए हैं, ताकि हम लेख की पुरानी रीति से नहीं बल्कि आत्मा की नई रीति से सेवा करें। सरल हिन्दी बाइबल किंतु अब हम उसके प्रति मरे सरीखे होकर, जिसने हमें बांध रखा था, व्यवस्था से स्वतंत्र कर दिए गए हैं कि हम व्यवस्था द्वारा स्थापित पुरानी रीति पर नहीं परंतु पवित्र आत्मा द्वारा एक नई रीति में सेवा करने लग जाएं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जिसके बन्धन में हम थे उसके लिये मरकर, अब व्यवस्था से ऐसे छूट गए, कि लेख की पुरानी रीति पर नहीं, वरन् आत्मा की नई रीति पर सेवा करते हैं। |
मैं उन्हें एक साथ लाऊँगा और उन्हें एक व्यक्ति सा बनाऊँगा। मैं उनमें नयी आत्मा भरूँगा। मैं उनके पत्थर के हृदय को दूर करुँगा और उसके स्थान पर सच्चा हृदय दूँगा।
परमेश्वर ने कहा, “मैं तुम में नयी आत्मा भी भरूँगा और तुम्हारे सोचने के ढंग को बदलूँगा। मैं तुम्हारे शरीर से कठोर हृदय को बाहर करुंगा और तुम्हें एक कोमल मानवी हृदय दूँगा।
प्रभु जिसकी सेवा उसके पुत्र के सुसमाचार का उपदेश देते हुए मैं अपने हृदय से करता हूँ, प्रभु मेरा साक्षी है, कि मैं तुम्हें लगातार याद करता रहता हूँ।
अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।
इसी तरह तुम अपने लिए भी सोचो कि तुम पाप के लिए मर चुके हो किन्तु यीशु मसीह में परमेश्वर के लिए जीवित हो।
(मैं एक उदाहरण दे रहा हूँ जिसे सभी लोग समझ सकें क्योंकि उसे समझना तुम लोगों के लिए कठिन है।) क्योंकि तुमने अपने शरीर के अंगों को अपवित्रता और व्यवस्था हीनता के आगे उनके दास के रूप में सौंप दिया था जिससे व्यवस्था हीनता पैदा हूई, अब तुम लोग ठीक वैसे ही अपने शरीर के अंगों को दास के रूप में धार्मिकता के हाथों सौंप दो ताकि सम्पूर्ण समर्पण उत्पन्न हो।
किन्तु अब तुम्हें पाप से छुटकारा मिल चुका है और परमेश्वर के दास बना दिये गये हो तो जो खेती तुम काट रहे हो, तुम्हें परमेश्वर के प्रति सम्पूर्ण समर्पण में ले जायेगी। जिसका अंतिम परिणाम है अनन्त जीवन।
सो उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लेने से हम भी उसके साथ ही गाड़ दिये गये थे ताकि जैसे परमपिता की महिमामय शक्ति के द्वारा यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला दिया गया था, वैसे ही हम भी एक नया जीवन पायें।
हे भाईयों, क्या तुम नहीं जानते (मैं उन लोगों से कह रहा हूँ जो व्यवस्था को जानते है) कि व्यवस्था का शासन किसी व्यक्ति पर तभी तक है जब तक वह जीता हैं?
उदाहरण के लिए एक विवाहिता स्त्री अपने पति के साथ विधान के अनुसार तभी तक बँधी है जब तक वह जीवित है किन्तु यदि उसका पति मर जाता है, तो वह विवाह सम्बन्धी नियमों से छूट जाती है।
हे मेरे भाईयों, ऐसे ही मसीह की देह के द्वारा व्यवस्था के लिए तुम भी मर चुके हो। इसलिए अब तुम भी किसी दूसरे से नाता जोड़ सकते हो। उससे जिसे मरे हुओं में से पुनर्जीवित किया गया है। ताकि हम परमेश्वर के लिए कर्मो की उत्तम खेती कर सकें।
उसी ने हमें एक नये करार का सेवक बनने योग्य ठहराया है। यह कोई लिखित संहिता नहीं है बल्कि आत्मा की वाचा है क्योंकि लिखित संहिता तो मारती है जबकि आत्मा जीवन देती है।
इसलिए यदि कोई मसीह में स्थित है तो अब वह परमेश्वर की नयी सृष्टि का अंग है। पुरानी बातें जाती रही हैं। सब कुछ नया हो गया है
मसीह ने हमारे शाप को अपने ऊपर ले कर व्यवस्था के विधान के शाप से हमें मुक्त कर दिया। शास्त्र कहता है: “हर कोई जो वृक्ष पर टाँग दिया जाता है, शापित है।”
क्योंकि न तो ख़तने का कोई महत्त्व है और न बिना ख़तने का। यदि महत्त्व है तो वह नयी सृष्टि का है।
और तुम उस नये स्वरूप को धारण कर सको जो परमेश्वर के अनुरूप सचमुच धार्मिक और पवित्र बनने के लिए रचा गया है।
क्योंकि सच्चे ख़तना युक्त व्यक्ति तो हम है जो अपनी उपासना को परमेश्वर की आत्मा द्वारा अर्पित करते हैं। और मसीह यीशु पर गर्व रखते हैं तथा जो कुछ शारीरिक है, उस पर भरोसा नहीं करते हैं।
और नये व्यक्तित्व को धारण कर लिया है जो अपने रचयिता के स्वरूप में स्थित होकर परमेश्वर के सम्पूर्ण ज्ञान के निमित्त निरन्तर नया होता जा रहा है।