भय मनुष्य के लिये फँदा प्रमाणित होता है, किन्तु जिसकी आस्था यहोवा पर रहती है, सुरक्षित रहता है।
यूहन्ना 19:38 - पवित्र बाइबल इसके बाद अरमतियाह के यूसुफ़ ने जो यीशु का एक अनुयायी था किन्तु यहूदियों के डर से इसे छिपाये रखता था, पिलातुस से विनती की कि उसे यीशु के शव को वहाँ से ले जाने की अनुमति दी जाये। पिलातुस ने उसे अनुमति दे दी। सो वह आकर उसका शव ले गया। Hindi Holy Bible इन बातों के बाद अरमतियाह के यूसुफ ने, जो यीशु का चेला था, ( परन्तु यहूदियों के डर से इस बात को छिपाए रखता था), पीलातुस से बिनती की, कि मैं यीशु की लोथ को ले जाऊं, और पीलातुस ने उस की बिनती सुनी, और वह आकर उस की लोथ ले गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसके पश्चात् अरिमतियाह गाँव के यूसुफ ने, जो यहूदी धर्मगुरुओं के भय के कारण येशु का गुप्त शिष्य था, पिलातुस से येशु के शरीर को उतार लेने की अनुमति माँगी। पिलातुस ने अनुमति दे दी। अत: यूसुफ आ कर येशु के शरीर को ले गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इन बातों के बाद अरिमतिया के यूसुफ ने जो यीशु का चेला था, परन्तु यहूदियों के डर से इस बात को छिपाए रखता था, पिलातुस से विनती की कि क्या वह यीशु का शव ले जा सकता है। पिलातुस ने उसकी विनती सुनी, और वह आकर उसका शव ले गया। नवीन हिंदी बाइबल इन बातों के बाद अरिमतिया के यूसुफ ने, जो यहूदियों के डर के कारण गुप्त रूप से यीशु का शिष्य था, पिलातुस से विनती की कि उसे यीशु का शव ले जाने दे; और पिलातुस ने उसे अनुमति दे दी। अतः वह आकर उसका शव ले गया। सरल हिन्दी बाइबल अरिमथियावासी योसेफ़ यहूदी अगुओं के भय के कारण मसीह येशु का गुप्त शिष्य था. उसने पिलातॉस से मसीह येशु का शव ले जाने की अनुमति चाही. पिलातॉस ने स्वीकृति दे दी और वह आकर मसीह येशु का शव ले गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इन बातों के बाद अरिमतियाह के यूसुफ ने, जो यीशु का चेला था, (परन्तु यहूदियों के डर से इस बात को छिपाए रखता था), पिलातुस से विनती की, कि मैं यीशु के शव को ले जाऊँ, और पिलातुस ने उसकी विनती सुनी, और वह आकर उसका शव ले गया। |
भय मनुष्य के लिये फँदा प्रमाणित होता है, किन्तु जिसकी आस्था यहोवा पर रहती है, सुरक्षित रहता है।
फिर भी बहुत थे यहाँ तक कि यहूदी नेताओं में से भी ऐसे अनेक थे जिन्होंने उसमें विश्वाश किया। किन्तु फरीसियों के कारण अपने विश्वास की खुले तौर पर घोषणा नहीं की, क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें आराधनालय से निकाले जाने का भय था।
कोई भी उसके बारे में खुलकर बातें नहीं कर पा रहा था क्योंकि वे लोग यहूदी नेताओं से डरते थे।
उसके माता-पिता ने यह बात इसलिये कही थी कि वे यहूदी नेताओं से डरते थे। क्योंकि वे इस पर पहले ही सहमत हो चुके थे कि यदि कोई यीशु को मसीह माने तो उसे आराधनालय से निकाल दिया जाये।
“उसके विषय में जो कुछ लिखा था, जब वे उस सब कुछ को पूरा कर चुके तो उन्होंने उसे क्रूस पर से नीचे उतार लिया और एक कब्र में रख दिया।
इसके अतिरिक्त प्रभु में स्थित अधिकतर भाई मेरे बंदी होने के कारण उत्साहित हुए हैं और अधिकाधिक साहस के साथ सुसमाचार को निर्भयतापूर्वक सुना रहे हैं।