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नीतिवचन 29:25 - पवित्र बाइबल

25 भय मनुष्य के लिये फँदा प्रमाणित होता है, किन्तु जिसकी आस्था यहोवा पर रहती है, सुरक्षित रहता है।

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Hindi Holy Bible

25 मनुष्य का भय खाना फन्दा हो जाता है, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह ऊंचे स्थान पर चढ़ाया जाता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

25 जो आदमी से डरता है, वह मानो अपने लिए जाल फैलाता है; किन्‍तु प्रभु से डरनेवाला मनुष्‍य सुरक्षित रहता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

25 मनुष्य का भय खाना फन्दा हो जाता है, परन्तु जो यहोवा पर भरोसा रखता है उसका स्थान ऊँचा किया जाएगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

25 जो मनुष्य का भय मानता है वह अपने लिए जाल बिछाता है, परंतु जो यहोवा पर भरोसा रखता है, वह सुरक्षित रहता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

25 लोगों से भयभीत होना उलझन प्रमाणित होता है, किंतु जो कोई याहवेह पर भरोसा रखता है, सुरक्षित रहता है.

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नीतिवचन 29:25
38 क्रॉस रेफरेंस  

तब इब्राहीम ने कहा, “मैं डरता था। क्योंकि मैंने सोचा कि यहाँ कोई भी परमेश्वर का आदर नहीं करता। मैंने सोचा कि सारा को पाने के लिए कोई मुझे मार डालेगा।


गरार में इब्राहीम ने लोगों से कहा कि सारा मेरी बहन है। गरार के राजा अबीमेलेक ने यह बात सुनी। अबीमेलेक सारा को चाहता था इसलिए उसने कुछ नौकर उसे लाने के लिए भेजे।


इसहाक की पत्नी रिबका बहुत ही सुन्दर थी। उस जगह के लोगों ने इसहाक से रिबका के बारे में पूछा। इसहाक ने कहा, “यह मेरी बहन है।” इसहाक यह कहने से डर रहा था कि रिबका मेरी पत्नी है। इसहाक डरता था कि लोग उसकी पत्नी को पाने के लिए उसको मार डालेंगे।


जब एलिय्याह ने यह सुना तो वह डर गया। अत: वह अपनी जान बचाने के लिये भाग गया। वह अपने साथ अपने सेवक को ले गया। वे बेर्शेबा पहुँचे जो यहूदा में है। एलिय्याह ने अपने सेवक को बेर्शेबा में छोड़ा।


मनश्शे, रूबेन और गाद परिवार समूह के उन लोगों ने युद्ध में परमेश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने परमेश्वर से सहायता मांगी क्योंकि वे उस पर विश्वास करते थे। अतः परमेश्वर ने उनकी सहायता की। परमेश्वर ने उन्हें हग्री लोगों को पराजित करने दिया और उन लोगों ने अन्य लोगों को हराया जो हग्री के साथ थे।


मनुष्यों पर भरोसा रखने से यहोवा पर भरोसा रखना उत्तम है।


हे यहोवा, मुझको सहारा दे कि मेरा उद्धार हो। मैं सदा तेरी आदेशों का पाठ किया करूँगा।


जो लोग यहोवा के भरोसे रहते हैं, वे सिय्योन पर्वत के जैसे होंगे। उनको कभी कोई भी डिगा नहीं पाएगा। वे सदा ही अटल रहेंगे।


मैं दु:खी हूँ और दर्द में हूँ। हे परमेश्वर, मुझको उबार ले। मेरी रक्षा कर!


तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो। तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।


यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा। मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।”


जो भी सुधार संस्कार पर ध्यान देगा फूलेगा—फलेगा; और जिसका भरोसा यहोवा पर है वही धन्य है।


यहोवा का नाम एकगढ़ सुदृढ़ है। उस ओर धर्मी बढ़ जाते हैं और सुरक्षित रहते हैं।


लालची मनुष्य तो मतभेद भड़काता, किन्तु वह मनुष्य जिसका भरोसा यहोवा पर है फूलेगा—फलेगा।


वचन परमेश्वर का दोष रहित होता है, जो उसकी शरण में जाते हैं वह उनकी ढाल होता है।


थोड़ा यह बनों और थोड़ा वह। यहाँ तक कि परमेश्वर के अनुयायी भी कुछ अच्छा करेंगे तो बुरा भी।


तूने मुझको कभी नहीं याद किया यहाँ तक कि तूने मुझ पर ध्यान तक नहीं दिया! सो तू किसके विषय में चिन्तित रहा करता था तू किससे भयभीत रहता था तू झूठ क्यों कहता था देख मैं बहुत दिनों से चुप रहता आया हूँ और फिर भी तूने मेरा आदर नहीं किया।


फिर नबूकदनेस्सर ने कहा, “शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्वर की प्रस्तुति करो। उनके परमेश्वर ने अपने स्वर्गदूत को भेजकर, अपने सवकों की आग से रक्षा की है! इन तीनों पुरूषों की अपने परमेश्वर में आस्था थी। इन्होंने मेरे अदेश को मानने से मना कर दिया और दूसरे किसी देवता की सेवा या पूजा करने के बजाय उन्होंने मरना स्वीकार किया।


राजा दारा बहुत प्रसन्न था। राजा ने अपने सेवकों को आदेश दिया कि वे दानिय्येल को शेरों की माँद से बाहर खींच लें। जब दानिय्येल को शेरों की माँद से बाहर लाया गया तो उन्हें उस पर कहीं कोई घाव नहीं दिखाई दिया। शेरों ने दानिय्येल को कोई हानि नहीं पहुँचाई थी क्योंकि दानिय्येल को अपने परमेश्वर पर विश्वास था।


“उनसे मत डरो जो तुम्हारे शरीर को नष्ट कर सकते हैं किन्तु तुम्हारी आत्मा को नहीं मार सकते। बस उस परमेश्वर से डरो जो तुम्हारे शरीर और तुम्हारी आत्मा को नरक में डालकर नष्ट कर सकता है।


तब यीशु के शिष्य उसके पास आये और बोले, “क्या तुझे पता है कि तेरी बात का फरीसियों ने बहुत बुरा माना है?”


“किन्तु मेरे मित्रों! मैं तुमसे कहता हूँ उनसे मत डरो जो बस तुम्हारे शरीर को मार सकते हैं और उसके बाद ऐसा कुछ नहीं है जो उनके बस में हो।


वह यीशु के पास रात में आया और उससे बोला, “हे गुरु, हम जानते हैं कि तू गुरु है और परमेश्वर की ओर से आया है, क्योंकि ऐसे आश्चर्यकर्म जिसे तू करता है परमेश्वर की सहायता के बिना कोई नहीं कर सकता।”


उसके माता-पिता ने यह बात इसलिये कही थी कि वे यहूदी नेताओं से डरते थे। क्योंकि वे इस पर पहले ही सहमत हो चुके थे कि यदि कोई यीशु को मसीह माने तो उसे आराधनालय से निकाल दिया जाये।


जब तुम फैसला करो तब यह न सोचो कि कोई व्यक्ति दूसरे की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है। तुम्हें हर एक व्यक्ति का फैसला एक समान समझकर करना चाहिए। किसी से डरो नहीं क्योंकि तुम्हारा फैसला परमेश्वर से आया है। किन्तु यदि कोई मुकदमा इतना जटिल हो कि तुम फैसला ही न कर सको तो उसे मेरे पास लाओ और इसका फैसला मैं करूँगा।’


उस मसीह के कारण ही तुम उस परमेश्वर में विश्वास करते रहे जिसने उसे मरे हुओं में से पुनर्जीवित कर दिया और उसे महिमा प्रदान की। इस प्रकार तुम्हारी आशा और तुम्हारा विश्वास परमेश्वर में स्थिर हो।


शिमशोन ने कहा, “कोई व्यक्ति मुझे नयी रस्सियों से बांध सकता है। वे मुझे उन रस्सियों से बांध सकते हैं जिनका उपयोग पहले न हुआ हो। यदि कोई ऐसा करेगा तो मैं इतना कमज़ोर हो जाऊँगा, जितना कोई अन्य व्यक्ति होता है।”


तब शाऊल ने शमूएल से कहा, “मैंने पाप किया है। मैंने यहोवा के आदेशों को नहीं माना है और मैंने वह नहीं किया है जो तुमने करने को कहा। मैं लोगों से डरता था इसलिए मैंने वह किया जो उन्होंने कहा।


इसलिए दाऊद ने आकीश और उसके अधिकारियों के सामने अपने को विक्षिप्त दिखाने का बहाना किया। जब तक दाऊद उनके साथ रहा उसने विक्षिप्तों जैसा व्यवहार किया। वह द्वार के दरवाजों पर थूक देता था। वह अपने थूक को अपनी दाढ़ी पर गिरने देता था।


किन्तु दाऊद ने अपने मन में सोचा, “शाऊल मुझे किसी दिन पकड़ लेगा। सर्वोत्तम बात मैं यही कर सकता हूँ कि पलिश्तियों के देश में बच निकलूँ। तब शाऊल मेरी खोज इस्राएल में बन्द कर देगा। इस प्रकार मैं शाऊल से बच निकलूँगा।”


दाऊद गत में कभी जीवित स्त्री या पुरुष नहीं लाया। दाऊद ने सोचा, “यदि हम किसी व्यक्ति को जीवित रहने देते हैं तो वह आकीश से कह सकता है कि वस्तुतः मैंने क्या किया है।” दाऊद ने पूरे समय, जब तक पलिश्तियों के देश में रहा, यही किया।


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