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यिर्मयाह 35:7 - पवित्र बाइबल

तुम्हें कभी घर बनाना, पौधे रोपना और अंगूर की बेल नहीं लगानी चाहिये। तुम्हें उनमे से कुछ भी नहीं करना चाहिये। तुम्हें केवल तम्बुओं में रहना चाहिये। यदि तुम ऐसा करोगे तो उस प्रदेश में अधिक समय तक रहोगे जहाँ तुम एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हो।’

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Hindi Holy Bible

न घर बनाना, न बीज बोना, न दाख की बारी लगाना, और न उनके अधिकारी होना; परन्तु जीवन भर तम्बुओं ही में रहना जिस से जिस देश में तुम परदेशी हो, उस में बहुत दिन तक जीते रहो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

न तो तुम स्‍थायी रूप से रहने के लिए घर बनाना, और न खेती करने के लिए बोना। तुम अंगूर-उद्यान मत लगाना, और न उनके स्‍वामी बनने के लिए उनको खरीदना। तुम हमेशा तम्‍बुओं में रहना ताकि तुम इस देश में, जहां तुम प्रवासी हो, बहुत समय तक रह सको।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

न घर बनाना, न बीज बोना, न दाख की बारी लगाना, और न उनके अधिकारी होना; परन्तु जीवन भर तम्बुओं ही में रहना जिस देश में तुम परदेशी हो, उस में बहुत दिन तक जीते रहो।’

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सरल हिन्दी बाइबल

न तो तुम अपने लिए आवास का निर्माण करोगे, न तुम बीजारोपण करोगे; न तुम द्राक्षाउद्यान रोपित करोगे और न कभी किसी द्राक्षाउद्यान का स्वामित्व प्राप्‍त करोगे, बल्कि तुम आजीवन तंबुओं में निवास करोगे, कि जिस देश में तुम प्रवास करो, उसमें तुम दीर्घायु हो.’

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

न घर बनाना, न बीज बोना, न दाख की बारी लगाना, और न उनके अधिकारी होना; परन्तु जीवन भर तम्बुओं ही में रहना जिससे जिस देश में तुम परदेशी हो, उसमें बहुत दिन तक जीते रहो।’

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यिर्मयाह 35:7
11 क्रॉस रेफरेंस  

लड़के बड़े हुए। एसाव एक कुशल शिकारी हुआ। वह मैदानों में रहना पसन्द करने लगा। किन्तु याकूब शान्त व्यक्ति था। वह अपने तम्बू में रहता था।


“अपने माता और अपने पिता का आदर करो। यह इसलिए करो कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा जिस धरती को तुम्हें दे रहा है, उसमें तुम दीर्घ जीवन बिता सको।


हम तम्बूओं में रहे हैं और वह सब माना है जो हमारे पूर्वज योनादाब ने आदेश दिया है।


हम दाखमधु कभी नहीं पीते और हमारी पत्नियाँ पुत्र और पुत्रियाँ दाखमधु कभी नहीं पीते। हम रहने के लिये घर कभी नहीं बनाते और हम लोगों के अंगूर के बाग या खेत कभी नहीं होते और हम फसलें कभी नहीं उगाते।


मदिरा पान करके मतवाले मत बने रहो क्योंकि इससे कामुकता पैदा होती है। इसके विपरीत आत्मा से परिपूर्ण हो जाओ।


हे प्रिय मित्रों, मैं तुम से, जो इस संसार में अजनबियों के रूप में हो, निवेदन करता हूँ कि उन शारीरिक इच्छाओं से दूर रहो जो तुम्हारी आत्मा से जूझती रहती हैं।