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उत्पत्ति 25:27 - पवित्र बाइबल

27 लड़के बड़े हुए। एसाव एक कुशल शिकारी हुआ। वह मैदानों में रहना पसन्द करने लगा। किन्तु याकूब शान्त व्यक्ति था। वह अपने तम्बू में रहता था।

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Hindi Holy Bible

27 फिर वे लड़के बढ़ने लगे और ऐसाव तो वनवासी हो कर चतुर शिकार खेलने वाला हो गया, पर याकूब सीधा मनुष्य था, और तम्बुओं में रहा करता था।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

27 जब दोनों बालक युवा हुए तब एसाव जंगल में रहनेवाला एक कुशल शिकारी बना। किन्‍तु याकूब तम्‍बुओं का निवासी एक सीधा-सादा मनुष्‍य था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

27 फिर वे लड़के बढ़ने लगे, और एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया, पर याक़ूब सीधा मनुष्य था और तम्बुओं में रहा करता था।

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नवीन हिंदी बाइबल

27 जब लड़के बड़े हुए तो एसाव एक कुशल शिकारी बन गया जो खुले मैदान में रहा करता था; जबकि याकूब शांत स्वभाव का मनुष्य था और तंबुओं में रहा करता था।

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सरल हिन्दी बाइबल

27 दोनों बच्‍चे बड़े होते गये, और एसाव खुले मैदान का एक कुशल शिकारी बन गया, जबकि याकोब घर में तंबुओं के बीच रहकर संतुष्ट रहता था.

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उत्पत्ति 25:27
14 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा के सामने निम्रोद एक बड़ा शिकारी था। इसलिए लोग दूसरे व्यक्तियों की तुलना निम्रोद से करते हैं और कहते है, “यह व्यक्ति यहोवा के सामने बड़ा शिकारी निम्रोद के समान है।”


बच्चा जब तक बड़ा न हुआ तब तक परमेश्वर उसके साथ रहा। इश्माएल मरुभूमि में रहा और एक शिकारी बन गया। उसने बहुत अच्छा तीर चलाना सीख लिया।


तुम्हें जीने के लिए संघर्ष करना होगा। और तुम अपने भाई के दास होगे। किन्तु तुम आज़ादी के लिए लड़ोगे, और उसके शासन से आज़ाद हो जाओगे।”


आप लोग उनसे कहना, ‘हम लोग चरवाहे हैं। हम लोगों ने पूरा जीवन अपने जानवरों की देखभाल में बिताया है। हम लोगों से पहले हमारे पूर्वज भी ऐसे ही रहे।’ तब फ़िरौन तुम लोगों को गीशोन प्रदेश में रहने की आज्ञा दे देगा। मिस्री लोग चरवाहों को पसन्द नहीं करते, इसलिए अच्छा यही होगा कि आप लोग गीशोन में ही ठहरें।”


यह कहानी नूह के परिवार की है। अपने पूरे जीवन में नूह ने सदैव परमेश्वर का अनुसरण किया।


ऊज नाम के प्रदेश में एक व्यक्ति रहा करता था। उसका नाम अय्यूब था। अय्यूब एक बहुत अच्छा और विश्वासी व्यक्ति था। अय्यूब परमेश्वर की उपासना किया करता था और अय्यूब बुरी बातों से दूर रहा करता था।


इस पर यहोवा ने शैतान से कहा, “क्या तूने मेरे सेवक अय्यूब को देखा? पृथ्वी पर उसके जैसा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं है। अय्यूब एक खरा और विश्वासी व्यक्ति है। वह परमेश्वर की उपासना करता है और बुरी बातों से सदा दूर रहता है।”


इस पर यहोवा ने शैतान से पूछा, “क्या तू मेरे सेवक अय्यूब पर ध्यान देता रहा है? उसके जैसा विश्वासी धरती पर कोई नहीं है। सचमुच वह अच्छा और वह बहुत विश्वासी व्यक्ति है। वह परमेश्वर की उपासना करता है, बुरी बातें से दूर रहता है। वह अब भी आस्थावान है। यद्यपि तूने मुझे प्रेरित किया था कि मैं अकारण ही उसे नष्ट कर दूँ।”


सच्चे और खरे बनो, क्योंकि इसी से शांति मिलती है।


तुम्हें कभी घर बनाना, पौधे रोपना और अंगूर की बेल नहीं लगानी चाहिये। तुम्हें उनमे से कुछ भी नहीं करना चाहिये। तुम्हें केवल तम्बुओं में रहना चाहिये। यदि तुम ऐसा करोगे तो उस प्रदेश में अधिक समय तक रहोगे जहाँ तुम एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते हो।’


विश्वास के कारण ही जिस धरती को देने का उसे वचन दिया गया था, उस पर उसने एक अनजाने परदेसी के समान अपना घर बनाकर निवास किया। वह तम्बुओं में वैसे ही रहा जैसे इसहाक और याकूब रहे थे जो उसके साथ परमेश्वर की उसी प्रतिज्ञा के उत्तराधिकारी थे।


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