क्या यहोवा के लिए कुछ भी असम्भव है? नही, मैं फिर बसन्त में अपने बताए समय पर आऊँगा और तुम्हारी पत्नी सारा पुत्र जनेगी।”
यिर्मयाह 32:17 - पवित्र बाइबल “परमेश्वर यहोवा, तूने पृथ्वी और आकाश बनाया। तूने उन्हें अपनी महान शक्ति से बनाया। तेरे लिये कुछ भी करना अति कठिन नहीं है। Hindi Holy Bible हे प्रभु यहोवा, तू ने बड़े सामर्थ और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आह! मेरे स्वामी, मेरे प्रभु! तूने ही अपने महान सामर्थ्य से, अपने भुजबल से आकाश और पृथ्वी की रचना की है। तेरे लिए कुछ भी असंभव नहीं है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ‘हे प्रभु यहोवा, तू ने बड़ी सामर्थ्य और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है। सरल हिन्दी बाइबल “प्रभु याहवेह, आपने, मैं जानता हूं आपने अपने विलक्षण सामर्थ्य तथा विस्तीर्ण भुजा के द्वारा आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की है. असंभव तो आपके समक्ष कुछ भी नहीं है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ‘हे प्रभु यहोवा, तूने बड़े सामर्थ्य और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है। |
क्या यहोवा के लिए कुछ भी असम्भव है? नही, मैं फिर बसन्त में अपने बताए समय पर आऊँगा और तुम्हारी पत्नी सारा पुत्र जनेगी।”
हिजकिय्याह ने यहोवा के सामने प्रार्थना की और कहा, “यहोवा इस्राएल का परमेश्वर! तू करूब (स्वर्गदूतों) पर सम्राट की तरह बैठता है। तू ही केवल सारी पृथ्वी के राज्यों का परमेश्वर है। तूने पृथ्वी और आकाश को बनाया।
तू तो परमेश्वर है! यहोवा, बस तू ही परमेश्वर है! आकाश को तूने बनाया है! सर्वोच्च आकाशों की रचना की तूने, और जो कुछ है उनमें सब तेरा बनाया है! धरती की रचना की तूने ही, और जो कुछ धरती पर है! सागर को, और जो कुछ है सागर में! तूने बनाया है हर किसी वस्तु को जीवन तू देता है! सितारे सारे आकाश के, झुकते हैं सामने तेरे और उपासना करते हैं तेरी!
“यहोवा, मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है। तू योजनाऐं बना सकता है और तेरी योजनाओं को कोई भी नहीं बदल सकता और न ही उसको रोका जा सकता है।
परमेश्वर ने अपना सामर्थ्य और अपनी महाशक्ति को प्रकटाया। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।
क्यों? क्योंकि यहोवा ने छ: दिन काम किया और आकाश, धरती, सागर और उनकी हर चीज़ें बनाईं। और सातवें दिन परमेश्वर ने आराम किया। इस प्रकार यहोवा ने शनिवार को वरदान दिया कि उसे आराम के पवित्र दिन के रूप में मनाया जाएगा। यहोवा ने उसे बहुत ही विशेष दिन के रूप में स्थापित किया।
सच्चे परमेश्वर यहोवा ने ये बातें कही हैं: (यहोवा ने आकाशों को बनाया है। यहोवा ने आकाश को धरती पर ताना है। धरती पर जो कुछ है वह भी उसी ने बनाया है। धरती पर सभी लोगों में वही प्राण फूँकता है। धरती पर जो भी लोग चल फिर रहे हैं, उन सब को वही जीवन प्रदान करता है।)
जो कुछ भी तू है वह यहोवा ने तुझे बनाया। यहोवा ने यह किया जब तू अभी माता के गर्भ में ही था। यहोवा तेरा रखवाला कहता है। “मैं यहोवा ने सब कुछ बनाया! मैंने ही वहाँ आकाश ताना है, और अपने सामने धरती को बिछाया!”
सो देख, मैंने धरती बनायी और वे सभी लोग जो इस पर रहते हैं, मेरे बनाये हुए हैं। मैंने स्वयं अपने हाथों से आकाशों की रचना की, और मैं आकाश के सितारों को आदेश देता हूँ।
देखो, तुम्हारी रक्षा के लिये यहोवा की शक्ति पर्याप्त है। जब तुम सहायता के लिये उसे पुकारते हो तो वह तुम्हारी सुन सकता है।
तब मैंने अर्थात् यिर्मयाह ने कहा, “किन्तु सर्वशक्तिमान यहोवा, मैं तो बोलना भी नहीं जानता। मैं तो अभी बालक ही हूँ।”
किन्तु मैंने यहोवा से कहा, “हमारे स्वामी यहोवा! नबी लोगों से कुछ और ही कह रहे थे। वे यहूदा के लोगों से कह रहे थे, ‘तुम लोग शत्रु की तलवार से दु:ख नहीं उठाओगे। तुम लोगों को कभी भूख से कष्ट नहीं होगा। यहोवा तुम्हें इस देश में शान्ति देगा।’”
पशहूर और सपन्याह ने यिर्मयाह से कहा, “यहोवा से हम लोगों के लिए प्रार्थना करो। यहोवा से पूछो कि क्या होगा हम जानना चाहते हैं क्योंकि बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर हम लोगों पर आक्रमण कर रहा है। सम्भव है यहोवा हम लोगों के लिये वैसे ही महान कार्य करे जैसा उसने बीते समय में किया। सम्भव है कि यहोवा नबूकदनेस्सर को आक्रमण करने से रोक दे या उसे चले जाने दे।”
मैंने पृथ्वी और इस पर रहने वाले सभी लोगों को बनाया। मैंने पृथ्वी के सभी जानवरों को बनाया। मैंने यह अपनी बड़ी शक्ति और शक्तिशाली भुजा से किया। मैं यह पृथ्वी किसी को भी जिसे चाहूँ दे सकता हूँ।
“यिर्मयाह, मैं यहोवा हूँ। मैं पृथ्वी के हर एक व्यक्ति का परमेश्वर हूँ। यिर्मयाह, तुम जानते हो कि मेरे लिये कुछ भी असंभव नहीं है।”
‘यहूदा, मुझसे प्रार्थना करो और मैं उसे पूरा करूँगा। मैं तुम्हें महत्वपूर्ण रहस्य बताऊँगा। तुमने उन्हें कभी पहले नहीं सुना है।’
तब मैंने अर्थात् यिर्मयाह ने कहा, “मेरे स्वामी यहोवा, तूने सचमुच यहूदा और यरूशलेम के लोगों को धोखे में रखा है। तूने उनसे कहा, ‘तुम शान्तिपूर्वक रहोगे।’ किन्तु अब उनके गले तर तलवार खिंची हुई है।”
यहोवा ने अपनी महान शक्ति का उपयोग किया और पृथ्वी को बनाया। उसने विश्व को बनाने के लिये अपनी बुद्धि का उपयोग किया। उसने अपनी समझ का उपयोग आकाश को फैलाने में किया।
किन्तु याकूब का अँश (परमेश्वर) उन व्यर्थ देवमूर्तियों सा नहीं है। लोगों ने परमेश्वर को नहीं बनाया, परमेश्वर ने लोगों को बनाया। परमेश्वर ने ही सब कुछ बनाया। उसका नाम सर्वशक्तिमान यहोवा है।
जैसे ही मैंने परमेश्वर के लिये बोलना समाप्त किया, बनायाह का पुत्र पलत्याह मर गया! मैं धरती पर गिर पड़ा। मैंने धरती पर माथा टेका और कहा, “हे मेरे स्वामी यहोवा, तू क्या इस्राएल के सभी बचे हुओं को पूरी तरह नष्ट करने पर तुला हुआ है!”
जब वे लोग, लोगों को मारने गए, तो मैं वहीं रूका रहा। मैंने भूमि पर अपना माथा टेकते हुए कहा, “हे मेरे स्वामी यहोवा, यरूशलेम के विरुद्ध अपना क्रोध प्रकट करने के लिये, क्या तू इस्राएल में बचे हुये सभी लोगों को मार रहा है”
वह गहन और छिपे रहस्यों का ज्ञाता है जो समझ पाना कठिन है। उसके संग प्रकाश बना रहता है, सो इसी से वह जानता है कि अंधेर में और रहस्य भरे स्थानों में क्या है!
राजा बहुत चिंतित था। राजा जब शेरों की मांद के पास गया तो वहाँ उसने दानिय्येवल को ज़ोर से आवाज़ लगाई। राजा ने कहा, “हे दानिय्येल, हे जीवित परमेश्वर के सेवक, क्या तेरा परमेश्वर तुझे शेरों से बचा पाने में समर्थ हो सका है तू तो सदा ही अपने परमेश्वर की सेवा करता रहा है।”
इस्राइल के बारे में यहोवा का दु:ख सन्देश। यहोवा ने पृथ्वी और आकाश को बनाया। उसने मनुष्य की आत्मा को रचा और यहोवा ने ये बातें कहीं,
किन्तु यहोवा ने मूसा से कहा, “यहोवा की शक्ति को सीमित न करो। तुम देखोगे कि यदि मैं कहता हूँ कि मैं कुछ करूँगा तो उसे मैं कर सकता हूँ।”
यीशु ने उन्हें देखते हुए कहा, “मनुष्यों के लिए यह असम्भव है, किन्तु परमेश्वर के लिए सब कुछ सम्भव है।”
यीशु ने उन्हें देखते हुए कहा, “यह मनुष्यों के लिये असम्भव है किन्तु परमेश्वर के लिये नहीं। क्योंकि परमेश्वर के लिये सब कुछ सम्भव है।”
“हे लोगो, तुम यह क्यों कर रहे हो? हम भी वैसे ही मनुष्य हैं, जैसे तुम हो। यहाँ हम तुम्हें सुसमाचार सुनाने आये हैं ताकि तुम इन व्यर्थ की बातों से मुड़ कर उस सजीव परमेश्वर की ओर लौटो जिसने आकाश, धरती, सागर और इनमें जो कुछ है, उसकी रचना की।
“परमेश्वर, जिसने इस जगत की और इस जगत के भीतर जो कुछ है, उसकी रचना की वही धरती और आकाश का प्रभु है। वह हाथों से बनाये मन्दिरों में नहीं रहता।
“हे हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और शक्ति पाने को सुयोग्य है। क्योंकि तूने ही अपनी इच्छा से सभी वस्तु सृजी हैं। तेरी ही इच्छा से उनका अस्तित्व है। और तेरी ही इच्छा से हुई है उनकी सृष्टि।”