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प्रेरितों के काम 17:24 - पवित्र बाइबल

24 “परमेश्वर, जिसने इस जगत की और इस जगत के भीतर जो कुछ है, उसकी रचना की वही धरती और आकाश का प्रभु है। वह हाथों से बनाये मन्दिरों में नहीं रहता।

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Hindi Holy Bible

24 जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उस की सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी होकर हाथ के बनाए हुए मन्दिरों में नहीं रहता।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

24 “जिस परमेश्‍वर ने विश्‍व तथा उसमें जो कुछ है, वह सब बनाया है, और जो आकाश और पृथ्‍वी का प्रभु है, वह हाथ से बनाये हुए मन्‍दिरों में निवास नहीं करता।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

24 जिस परमेश्‍वर ने पृथ्वी और उसकी सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी होकर, हाथ के बनाए हुए मन्दिरों में नहीं रहता;

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नवीन हिंदी बाइबल

24 जिस परमेश्‍वर ने जगत और उसमें की सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का प्रभु है, और हाथों से बने मंदिरों में वास नहीं करता,

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सरल हिन्दी बाइबल

24 “वह परमेश्वर जिन्होंने विश्व और उसमें की सब वस्तुओं की सृष्टि की, जो स्वर्ग और पृथ्वी के स्वामी हैं, न तो वह मनुष्य के बनाए मंदिरों में वास करते हैं

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प्रेरितों के काम 17:24
36 क्रॉस रेफरेंस  

आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया।


मेल्कीसेदेक ने अब्राम को आशीर्वाद दिया और कहा: “अब्राम, सबसे महान परमेश्वर तुम्हें आशीष दे। परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश बनाया।


किन्तु अब्राम ने सदोम के राजा से कहा, “मैंने सबसे महान परमेश्वर यहोवा जिसने पृथ्वी और आकाश को बनाया है। उसके सम्मुख यह शपथ ली है


“किन्तु परमेस्वर, क्या तू सचमुच इस पृथ्वी पर हम लोगों के साथ रहेगा तुझको सारा आकाश और स्वर्ग के उच्चतम स्थान भी धारण नहीं कर सकते। निश्चय ही यह मन्दिर भी, जिसे मैंने बनाया है, तुझको धारण नहीं कर सकता।


हिजकिय्याह ने यहोवा के सामने प्रार्थना की और कहा, “यहोवा इस्राएल का परमेश्वर! तू करूब (स्वर्गदूतों) पर सम्राट की तरह बैठता है। तू ही केवल सारी पृथ्वी के राज्यों का परमेश्वर है। तूने पृथ्वी और आकाश को बनाया।


किन्तु कोई भी व्यक्ति सही अर्थ में हमारे परमेश्वर के लिये भवन नहीं बना सकता। स्वर्ग हाँ, उच्चतम स्वर्ग भी परमेश्वर को अपने भीतर नहीं रख सकता! मैं परमेश्वर के लिये मन्दिर नहीं बना सकता। मैं केवल एक स्थान परमेश्वर के सामने सुगन्धि जलाने के लिये बना सकता हूँ।


“हे परमेश्वर, हम जानते हैं कि तू यथार्थ में, लोगों के साथ धरती पर नहीं रहेगा। स्वर्ग, सर्वोच्च स्वर्ग भी तुझको अपने भीतर रखने की क्षमता नहीं रखता और हम जानते हैं कि यह मन्दिर जिसे मैंने बनाया है तुझको अपने भीतर नहीं रख सकता।


स्वर्ग यहोवा का है। किन्तु धरती उसने मनुष्यों को दे दिया।


जो लोग, याकूब के परमेश्वर से अति सहायता माँगते, वे अति प्रसन्न रहते हैं। वे लोग अपने परमेश्वर यहोवा के भरोसे रहा करते हैं।


यहोवा के नाम का गुण गाओ! सदा उसके नाम का आदर करो! हर वस्तु ओर धरती और व्योम, उसका गुणगान करो!


यह धरती और उस पर की सब वस्तुएँ यहोवा की है। यह जगत और इसके सब व्यक्ति उसी के हैं।


किसने अँजली में भर कर समुद्र को नाप दिया किसने हाथ से आकाश को नाप दिया किसने कटोरे में भर कर धरती की सारी धूल को नाप दिया किसने नापने के धागे से पर्वतों और चोटियों को नाप दिया यह यहोवा ने किया था!


सचमुच तूने सुना है और जानता है कि यहोवा परमेश्वर बुद्धिमान है। जो कुछ वह जानता है उन सभी बातों को मनुष्य नहीं सीख सकता। यहोवा कभी थकता नहीं, उसको कभी विश्राम की आवश्यकता नहीं होती। यहोवा ने ही सभी दूरदराज के स्थान धरती पर बनाये। यहोवा सदा जीवित है।


सच्चे परमेश्वर यहोवा ने ये बातें कही हैं: (यहोवा ने आकाशों को बनाया है। यहोवा ने आकाश को धरती पर ताना है। धरती पर जो कुछ है वह भी उसी ने बनाया है। धरती पर सभी लोगों में वही प्राण फूँकता है। धरती पर जो भी लोग चल फिर रहे हैं, उन सब को वही जीवन प्रदान करता है।)


यहोवा ही परमेश्वर है। उसने आकाश रचे हैं, और उसी ने धरती बनायी है। यहोवा ही ने धरती को अपने स्थान पर स्थापित किया है। जब यहोवा ने धरती बनाई उसने ये नहीं चाहा कि धरती खाली रहे। उसने इसको रचा ताकि इसमें जीवन रहे। मैं यहोवा हूँ। मेरे सिवा कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।


यहोवा यह कहता है, “आकाश मेरा सिंहासन है। धरती मेरे पाँव की चौकी बनी है। सो क्या तू यह सोचता है कि तू मेरे लिये भवन बना सकता है नहीं, तू नहीं बना सकता। क्या तू मुझको विश्रामस्थल दे सकता है नहीं, तू नहीं दे सकता।


यहोवा कहता है, “उन लोगों को यह सन्देश दो: ‘उन असत्य देवताओं ने पृथ्वी और स्वर्ग नहीं बनाए और वे असत्य देवता नष्ट कर दिए जाएंगे, और पृथ्वी और स्वर्ग से लुप्त हो जाएंगे।’”


कोई व्यक्ति किसी छिपने के स्थान में अपने को मुझसे छिपाने का प्रयत्न कर सकता है। किन्तु उसे देख लेना मेरे लिये सरल है। क्यों क्योंकि मैं स्वर्ग और धरती दोनों पर सर्वत्र हूँ!” यहोवा ने ये बातें कहीं।


“परमेश्वर यहोवा, तूने पृथ्वी और आकाश बनाया। तूने उन्हें अपनी महान शक्ति से बनाया। तेरे लिये कुछ भी करना अति कठिन नहीं है।


इस धरती के लोग सचमुच बड़े नहीं हैं। परमेश्वर लोगों के साथ जो कुछ चाहता है वह करता है। स्वर्ग की शक्तियों को कोई भी रोक नहीं पाता है। उसका सशक्त हाथ जो कुछ करता है उस पर कोई प्रश्न नहीं कर सकता है।


इस्राइल के बारे में यहोवा का दु:ख सन्देश। यहोवा ने पृथ्वी और आकाश को बनाया। उसने मनुष्य की आत्मा को रचा और यहोवा ने ये बातें कहीं,


हम सब का एक ही पिता (परमेश्वर) है। उसी परमेश्वर ने हम सभी को बनाया! अत: लोग अपने भाईयों को क्यों ठगते हैं वे लोग प्रकट करते हैं कि वे उस वाचा का सम्मान नहीं करते। वे उस वाचा का सम्मान नहीं करते जिसे हमारे पूर्वजों ने परमेश्वर के साथ किया।


उस अवसर पर यीशु बोला, “परम पिता, तू स्वर्ग और धरती का स्वामी है, मैं तेरी स्तुति करता हूँ क्योंकि तूने इन बातों को, उनसे जो ज्ञानी हैं और समझदार हैं, छिपा कर रखा है। और जो भोले भाले हैं उनके लिए प्रकट किया है।


किन्तु मैं तुझसे कहता हूँ कि शपथ ले ही मत। स्वर्ग की शपथ मत ले क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है।


उसी क्षण वह पवित्र आत्मा में स्थिर होकर आनन्दित हुआ और बोला, “हे परम पिता! हे स्वर्ग और धरती के प्रभु! मैं तेरी स्तुति करता हूँ कि तूमने इन बातों को चतुर और प्रतिभावान लोगों से छुपा कर रखते हुए भी बच्चों के लिये उन्हें प्रकट कर दिया। हे परम पिता! निश्चय ही तू ऐसा ही करना चाहता था।


आदि में शब्द था। शब्द परमेश्वर के साथ था। शब्द ही परमेश्वर था।


“हे लोगो, तुम यह क्यों कर रहे हो? हम भी वैसे ही मनुष्य हैं, जैसे तुम हो। यहाँ हम तुम्हें सुसमाचार सुनाने आये हैं ताकि तुम इन व्यर्थ की बातों से मुड़ कर उस सजीव परमेश्वर की ओर लौटो जिसने आकाश, धरती, सागर और इनमें जो कुछ है, उसकी रचना की।


जब उन्होंने यह सुना तो मिल कर ऊँचे स्वर में वे परमेश्वर को पुकारते हुए बोले, “स्वामी, तूने ही आकाश, धरती, समुद्र और उनके अन्दर जो कुछ है, उसकी रचना की है।


“कुछ भी हो परम परमेश्वर तो हाथों से बनाये भवनों में नहीं रहता। जैसा कि नबी ने कहा है:


और ऐसा हो रहा है क्योंकि परमेश्वर के बारे में वे पूरी तरह जानते है क्योंकि परमेश्वर ने इसे उन्हें बताया है।


“हर एक चीज, यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की है। स्वर्ग, सबसे ऊँचा भी उसी का है। पृथ्वी और उस पर की सार चीजें यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की हैं।


किन्तु इन अंतिम दिनों में उसने हमसे अपने पुत्र के माध्यम से बातचीत की, जिसे उसने सब कुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है और जिसके द्वारा उसने समूचे ब्रह्माण्ड की रचना की है।


क्योंकि प्रत्येक भवन का कोई न कोई बनाने वाला होता है, किन्तु परमेश्वर तो हर वस्तु का सिरजनहार है।


फिर मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन को और उसे जो उस पर विराजमान था, देखा। उसके सामने से धरती और आकाश भाग खड़े हुए। उनका पता तक नहीं चल पाया।


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