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यहोशू 24:26 - पवित्र बाइबल

यहोशू ने इन बातों को परमेश्वर के व्यवस्था की किताब में लिखा। तब यहोशू एक बड़ी शिला लाया। यह शिला इस वाचा का प्रमाण थी। उसने उस शिला को यहोवा के पवित्र तम्बू के निकट बांज के पेड़े के नीचे रखा।

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Hindi Holy Bible

यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहां उस बांज वृक्ष के तले खड़ा किया, जो यहोवा के पवित्र स्थान में था।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उसने ये बातें परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था की पुस्‍तक में लिखीं। तत्‍पश्‍चात् उसने एक बड़ा पत्‍थर उठाया, और उसको प्रभु के निवास-स्‍थान में बांज वृक्ष के नीचे प्रतिष्‍ठित किया।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्‍वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहाँ उस बांजवृक्ष के तले खड़ा किया, जो यहोवा के पवित्रस्थान में था।

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सरल हिन्दी बाइबल

यहोशू ने वह सब परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया. फिर उन्होंने एक बड़ा पत्थर लेकर याहवेह के पवित्र स्थान के निकट, बांज वृक्ष के नीचे खड़ा कर दिया.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यह सारा वृत्तान्त यहोशू ने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक में लिख दिया; और एक बड़ा पत्थर चुनकर वहाँ उस बांज वृक्ष के तले खड़ा किया, जो यहोवा के पवित्रस्थान में था।

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यहोशू 24:26
10 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिए याकूब ने एक बड़ी चट्टान ढूँढी और उसे यह पता देने के लिए वहाँ रखा कि उसने सन्धि की है।


इसलिए लोगों के पास जो झूठे देवता थे, उन सभी को उन्होंने याकूब को दे दिया। उन्होंने अपने कानों में पहनी दुई सभी बालियों को भी याकूब को दे दिया। याकूब ने शकेम नाम के शहर के समीप एक सिन्दूर के पेड़ के नीचे इन सभी चीज़ों को गाड़ दिया।


रिबका की धाय दबोरा यहाँ मरी थी, उन्होंने बेतेल में सिन्दूर के पेड़ के नीचे उसे दफनाया। उन्होंने उस स्थान का नाम अल्लोन बक्कूत रखा।


इसलिए मूसा ने यहोवा के सभी आदेशों को चर्म पत्र पर लिखा। अगली सुबह मूसा उठा और पर्वत की तलहटी के समीप उसने एक वेदी बनाई और उसने बारह शिलाएँ इस्राएल के बारह कबीलों के लिए स्थापित कीं।


तब शकेम नगर के सभी प्रमुख और बेतमिल्लो के महल के सदस्य एक साथ आए। वे सभी लोग उस पाषाण—स्तम्भ के निकट के बड़े पेड़ के पास इकट्ठे हुए जो शकेम नगर में था और उन्होंने अबीमेलेक को अपना राजा बनाया।


इसके बाद, शमूएल ने एक विशेष पत्थर स्थापित किया। उसने यह इसलिऐ किया कि लोग याद रखें कि परमेश्वर ने क्या किया। शमूएल ने पत्थर को मिस्पा और शेन के बीच रखा। शमूएल ने पत्थर का नाम “सहायता का पत्थर” रखा। शमूएल ने कहा, “यहोवा ने लगातार पूरे रास्ते इस स्थान तक हमारी सहायता की।”