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1 शमूएल 7:12 - पवित्र बाइबल

12 इसके बाद, शमूएल ने एक विशेष पत्थर स्थापित किया। उसने यह इसलिऐ किया कि लोग याद रखें कि परमेश्वर ने क्या किया। शमूएल ने पत्थर को मिस्पा और शेन के बीच रखा। शमूएल ने पत्थर का नाम “सहायता का पत्थर” रखा। शमूएल ने कहा, “यहोवा ने लगातार पूरे रास्ते इस स्थान तक हमारी सहायता की।”

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Hindi Holy Bible

12 तब शमूएल ने एक पत्थर ले कर मिस्पा और शेन के बीच में खड़ा किया, और यह कहकर उसका नाम एबेनेज़ेर रखा, कि यहां तक यहोवा ने हमारी सहायता की है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 शमूएल ने एक पत्‍थर लिया, और उसको मिस्‍पाह और यशाना नगर के मध्‍य प्रतिष्‍ठित किया। उसने उसका नाम ‘एबन-एजर’ रखा। उसने कहा, ‘प्रभु ने इस स्‍थान तक हमारी सहायता की।’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 तब शमूएल ने एक पत्थर लेकर मिस्पा और शेन के बीच में खड़ा किया, और यह कहकर उसका नाम एबेनेज़ेर रखा, “यहाँ तक यहोवा ने हमारी सहायता की है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

12 मिज़पाह तथा शेन नामक स्थानों के मध्य शमुएल ने इस घटना की स्मारक स्वरूप, एक शिला लेकर वहां प्रतिष्ठित कर उसे एबेन-एज़र नाम दिया; क्योंकि उन्होंने यह गवाह दिया, “अब तक याहवेह ने हमारी सहायता की है.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

12 तब शमूएल ने एक पत्थर लेकर मिस्पा और शेन के बीच में खड़ा किया, और यह कहकर उसका नाम एबेनेजेर रखा, “यहाँ तक यहोवा ने हमारी सहायता की है।”

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1 शमूएल 7:12
18 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिए इब्राहीम ने उस जगह का नाम “यहोवा यिरे” रखा। आज भी लोग कहते हैं, “इस पहाड़ पर यहोवा को देखा जा सकता है।”


याकूब ने इस स्थान पर एक विशेष चट्टान खड़ी की। याकूब ने उस पर दाखरस और तेल चढ़ाकर उस चट्टान को पवित्र बनाया। वह एक विशेष स्थान था क्योंकि परमेश्वर ने वहाँ याकूब से बात की थी और याकूब ने उस स्थान का नाम बेतेल रखा।


हे परमेश्वर, तूने मुझको बचपन से ही शिक्षा दी। मैं आज तक बखानता रहा हूँ, उन अद्भुत कर्मो को जिनको तू करता है!


जब मैं अपनी माता के गर्भ में था, तभी से तेरे भरोसे था। जिस दिन से मैंने जन्म धारण किया, मैं तेरे भरोसे हूँ। मैं तेरी प्रर्थना सदा करता हूँ।


तब मूसा ने एक वेदी बनायी। मूसा ने वेदी का नाम “यहोवा निस्सी” रखा।


उस समय मिस्र के बीच में यहोवा के लिये एक वेदी होगी। मिस्र की सीमापर यहोवा को आदर देने के लिए एक स्मारक होगा।


किन्तु आज तक मुझे परमेश्वर की सहायता मिलती रही है और इसीलिए मैं यहाँ छोटे और बड़े सभी लोगों के सामने साक्षी देता खड़ा हूँ। मैं बस उन बातों को छोड़ कर और कुछ नहीं कहता जो नबियों और मूसा के अनुसार घटनी ही थीं


हमें उस भयानक मृत्यु से उसी ने बचाया और हमारी वर्तमान परिस्थितियों में भी वही हमें बचाता रहेगा। हमारी आशा उसी पर टिकी है। वही हमें आगे भी बचाएगा।


(यहोशू ने भी यहोवा के पवित्र सन्दूक को ले चलने वाले याजक जहाँ खड़े थे, वहीं यरदन नदी के बीच में बारह शिलायें डाली। वे शिलायें आज भी उस स्थान पर हैं।)


तब शाऊल ने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई। शाऊल ने यहोवा के लिये स्वयं वह वेदी बनानी आरम्भ की!


शमूएल के विषय में समाचार पूरे इस्राएल में फैल गया। एली बहुत बूढ़ा हो गया था। उसके पुत्र यहोवा के सामने बुरा काम करते रहे। उस समय, पलिश्ती इस्राएल के विरुद्ध युद्ध करने के लिये तैयार हुए। इस्राएली पलिश्तियों के विरुद्ध लड़ने गए। इस्राएलियों ने अपना डेरा एबेनेजेर में डाला। पलिश्तियों ने अपना डेरा अपेक में डाला।


पलिश्तियों ने परमेश्वर का पवित्र सन्दूक एबनेजेर से उसे असदोद ले गए।


इस्राएल के लोग मिस्पा से बाहर दौड़े और पलिश्तियों का पीछा किया। उन्होंने लगातार बेत कर तक उनका पीछा किया। उन्होंने पूरे रास्ते पलिश्ती सैनिकों को मारा।


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