हाँ, अय्यूब उन अहंकारी लोगों को देख और तू उन्हें विनम्र बना दे। उन दुष्टों को तू कुचल दे जहाँ भी वे खड़े हों।
यहेजकेल 17:24 - पवित्र बाइबल तब अन्य वृक्ष उसे जानेंगे कि मैं ऊँचे वृक्षों को भूमि पर गिराता हूँ। और मैं छोटे वृक्षों को बढ़ाता और उन्हें लम्बा बनाता हूँ। मैं हरे वृक्षों को सुखा देता हूँ। और मैं सूखे वृक्षों को हरा करता हूँ। मैं यहोवा हूँ। यदि मैं कहूँगा कि मैं कुछ करुँगा तो मैं उसे अवश्य करूँगा!” Hindi Holy Bible तब मैदान के सब वृक्ष जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने ऊंचे वृक्ष को नीचा और नीचे वृक्ष को ऊंचा किया, हरे वृक्ष को सुखा दिया, और सूखे वृक्ष को फुलाया फलाया है। मुझ यहोवा ही ने यह कहा और वैसा ही कर भी दिया है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब विश्व के सब वृक्षों को ज्ञात होगा कि मैं-प्रभु छोटे वृक्ष को बड़ा बनाता हूं, और बड़े वृक्ष को छोटा! मैं हरे वृक्ष को सुखा डालता हूं और सूखे हुए वृक्ष को हरा-भरा कर देता हूं। मेरी यही वाणी है। मैं-प्रभु जो कहता हूं, उसको पूरा करता हूं।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैदान के सब वृक्ष जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने ऊँचे वृक्ष को नीचा और नीचे वृक्ष को ऊँचा किया, हरे वृक्ष को सुखा दिया, और सूखे वृक्ष को फुलाया फलाया है। मुझ यहोवा ही ने यह कहा और वैसा ही कर भी दिया है।” सरल हिन्दी बाइबल बंजर भूमि के सब वृक्ष जान लेंगे कि मैं याहवेह ऊंचे वृक्ष को नीचे लाता और छोटे वृक्ष को बढ़ाकर ऊंचा करता हूं. मैं हरे-भरे वृक्ष को सुखा देता और सूखे वृक्ष को हरा-भरा करके बढ़ाता हूं. “ ‘मैं याहवेह ने कहा है, और मैं इसे पूरा करूंगा.’ ” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैदान के सब वृक्ष जान लेंगे कि मुझ यहोवा ही ने ऊँचे वृक्ष को नीचा और नीचे वृक्ष को ऊँचा किया, हरे वृक्ष को सूखा दिया, और सूखे वृक्ष को हरा भरा कर दिया। मुझ यहोवा ही ने यह कहा और वैसा ही कर भी दिया है।” |
हाँ, अय्यूब उन अहंकारी लोगों को देख और तू उन्हें विनम्र बना दे। उन दुष्टों को तू कुचल दे जहाँ भी वे खड़े हों।
किन्तु हे परमेश्वर, तू अपने चुने हुए राजा पर क्रोधित हो गया। तूने उसे एक दम अकेला छोड़ दिया।
यहाँ मैं तुझे तेरे महत्त्वपूर्ण काम से धकेल बाहर करुँगा। तेरे महत्त्वपूर्ण काम से तेरा नया मुखिया तुझे दूर कर देगा।
किन्तु अभिमानी नगर को यहोवा ने झुकाया है और वहाँ के निवासियों को उसने दण्ड दियाहै। यहोवा ने उस ऊँचे बसी नगरी को धरती पर गिराया। उसने इसे धूल में मिलाने गिराया है।
क्यों क्योंकि मैं यहोवा हूँ। मैं वही कहूँगा, जो मैं कहना चाहूँगा और वह चीज घटित होगी और मैं घटना—काल को लम्बा खींचने नहीं दूँगा। वे विपत्तियाँ शीघ्र आ रही हैं। तुम्हारे अपने जीवनकाल में ही। विद्रोही लोगों! जब मैं कुछ कहता हूँ तो मैं उसे घटित करता हूँ।” मेरे स्वामी यहोवा ने उन बातों को कहा।
मेरा स्वामी यहोवा यह सन्देश देता है, “पगड़ी उतारो! मुकुट उतारो! परिवर्तन का समय आ पहुँचा है! महत्वपूर्ण प्रमुख नीचे लाए जाएंगे और जो लोग महत्वपूर्ण नहीं है, वे महत्वपूर्ण बनेंगे।
क्या तब भी तुम वीर बने रहोगे क्या तुम पर्याप्त बलवान रहोगे जब मैं तुम्हें दण्ड देने आऊँगा नहीं! मैं यहोवा हूँ। मैंने यह कह दिया है और मैं वह करुँगा जो मैंने करने को कहा है!
“‘मैं यहोवा हूँ। मैंने कहा, तुम्हें दण्ड मिलेगा, और मैं इसे दिलाऊँगा। मैं दण्ड को रोकूँगा नहीं। मैं तुम्हारे लिये दु:ख का अनुभव नहीं करूँगा। मैं तुम्हें उन बुरे पापों के लिये दण्ड दूँगा जो तुमने किये।’ मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा।”
परमेश्वर ने कहा, “तब तुम्हारे चारों ओर के राष्ट्र समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ और मैंने उन नष्ट स्थानों को फिर बसाया। मैंने इस प्रदेश में, जो खाली पड़ा था पेड़ों को रोपा। मैं यहोवा हूँ। मैंने यह कहा और मैं इसे घटित कराऊँगा!”
मैं अपनी आत्मा तुममे डालूँगा और तुम फिर से जीवित हो जाओगे। तब तुमको मैं तुम्हारे देश में वापस लाऊँगा। तब तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ। तुम जानोगे कि मैंने ये बातें कहीं और उन्हें घटित कराया।’” यहोवा ने यह कहा था।
इसके बाद लोगों से दूर भाग जाने के लिये नबूकदनेस्सर को विवश किया गया। उसकी बुद्धि किसी पशु जैसी हो गयी। वह जंगली गधों के बीच में रहने लगा और ढोरों की तरह घास खाता रहा। वह ओस में भीगा। जब तक उसे सबक नहीं मिल गया, उसके साथ ऐसा ही होता गया। फिर उसे यह ज्ञान हो गया कि मनुष्य के राज्य पर परम प्रधान परमेश्वर का ही शासन है और साम्राज्यों के ऊपर शासन करने के लिये वह जिस किसी को भी चाहता है, भेज देता है।
“दाऊद का डेरा गिर गया है, किन्तु उस समय इस डेरे को मैं फिर खड़ा करूँगा। मैं दीवारों के छेदों को भर दूँगा। मैं नष्ट इमारतों को फिर से बनाऊँगा। मैं इसे ऐसा बनाऊँगा जैसा यह पहले था।
अगले दिन मूसा ने तम्बू में प्रवेश किया। उसने देखा कि हारून की वह छड़ी, जो लेवीवंश की थी, एक मात्र ऐसी थी जिससे नयी पत्तियाँ उगनी आरम्भ हुई थीं। उस छड़ी में कलियाँ, फूल और बादाम भी लग गए थे।