किन्तु अभी वे मुखिया लोग मदमत्त हैं। याजक और नबी सभी दाखमधु और सुरा से धुत्त हैं। वे लड़खड़ाते हैं और नीचे गिर पड़ते हैं। नबी जब अपने सपने देखते हैं तब वे पिये हुए होते हैं। न्यायाधीश जब न्याय करते हैं तो वे नशे में डूबे हुए होते हैं।
यशायाह 29:11 - पवित्र बाइबल मैं तुम्हें बता रहा हूँ कि ये बातें घटेंगी। किन्तु तुम मुझे नहीं समझ रहे। मेरे शब्द उस पुस्तक के समान है, जो बन्द हैं और जिस पर एक मुहर लगी है। Hindi Holy Bible इसलिये सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहर की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पड़े-लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, इसे पढ़, और वह कहे, मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि इस पर मुहर की हुई है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब दर्शन की ये सब बातें तुम्हारे लिए मुहरबन्द पुस्तक के शब्द बन गई हैं। जब तुम किसी पढ़े-लिखे व्यक्ति को पुस्तक देते और उससे कहते हो, “इसको पढ़ो,” तब वह तुमसे कहता है, “यह मुहरबन्द है, मैं इसको नहीं पढ़ सकता।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहरबन्द की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पढ़े–लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, “इसे पढ़”, और वह कहे, “मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि यह मुहरबन्द की हुई है।” सरल हिन्दी बाइबल मैं तुम्हें बता रहा हूं कि ये बातें घटेंगी. किंतु तुम मुझे नहीं समझ रहे. मेरे शब्द उस पुस्तक के समान है, जो बंद हैं और जिस पर एक मुहर लगी है. तुम उस पुस्तक को एक ऐसे व्यक्ति को दो जो पढ़ सकता हो, तो वह व्यक्ति कहेगा, “मैं पुस्तक को पढ़ नहीं सकता क्योंकि इस पर एक मुहर लगी है, और मैं इसे खोल नहीं सकता.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहरबन्द की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पढ़े-लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, “इसे पढ़”, और वह कहे, “मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि इस पर मुहरबन्द की हुई है।” (प्रका. 5:1-3) |
किन्तु अभी वे मुखिया लोग मदमत्त हैं। याजक और नबी सभी दाखमधु और सुरा से धुत्त हैं। वे लड़खड़ाते हैं और नीचे गिर पड़ते हैं। नबी जब अपने सपने देखते हैं तब वे पिये हुए होते हैं। न्यायाधीश जब न्याय करते हैं तो वे नशे में डूबे हुए होते हैं।
तुम उस पुस्तक को एक ऐसे व्यक्ति को दे सकते हो जो पढ़ पुस्तक है और उस व्यक्ति से कह सकते हो कि वह उस पुस्तक को पढ़े। किन्तु वह व्यक्ति कहेगा, “मैं पुस्तक को पढ़ नहीं सकता क्योंकि यह बन्द है और मैं इसे खोल नहीं सकता।” अथवा तुम उस पुस्तक को किसी भी ऐसे व्यक्ति को दे सकते हो जो पढ़ नहीं सकता, और उस व्यक्ति से कह सकते हो कि वह उस पुस्तक को पढ़े। तब वह व्यक्ति कहेगा, “मैं इस किताब को नहीं पढ़ सकता क्योंकि मैं पढ़ना नहीं जानता।”
यशायाह ने कहा, “एक वाचा कर और उस पर मुहर लगा दे। भविष्य के लिये, मेरे उपदेशों की रक्षा कर। मेरे अनुयायियों के देखते हुए ही ऐसा कर।”
“किन्तु हे दानिय्येल! इस सन्देश को तू छिपा कर के रख दे। तुझे यह पुस्तक बन्द कर देनी चाहिये। तुझे अंत समय तक इस रहस्य को छिपाकर रखना है। सच्चा ज्ञान पाने के लिये बहुत से लोग इधर—उधर भाग दौड़ करेंगे और इस प्रकार सच्चे ज्ञान का विकास होगा।”
उसने उत्तर दिया, “दानिय्येल, तू अपना जीवन जीए जा। यह संदेश गुप्त है जब तक अंत समय नहीं आयेगा, यह गुप्त ही बना रहेगा।
उस अवसर पर यीशु बोला, “परम पिता, तू स्वर्ग और धरती का स्वामी है, मैं तेरी स्तुति करता हूँ क्योंकि तूने इन बातों को, उनसे जो ज्ञानी हैं और समझदार हैं, छिपा कर रखा है। और जो भोले भाले हैं उनके लिए प्रकट किया है।
उत्तर में उसने उनसे कहा, “स्वर्ग के राज्य के भेदों को जानने का अधिकार सिर्फ तुम्हें दिया गया है, उन्हें नहीं।
उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “योना के पुत्र शमौन! तू धन्य है क्योंकि तुझे यह बात किसी मनुष्य ने नहीं, बल्कि स्वर्ग में स्थित मेरे परम पिता ने दर्शाई है।
मैंने देखा कि मेमने ने सात मुहरों में से एक को खोला तभी उन चार प्राणियों में से एक को मैंने मेघ गर्जना जैसे स्वर में कहते सुना, “आ!”