उस समय यहोवा सबका न्याय करेगा। उस समय यहोवा आकाश में स्वर्ग की सेनाएँ और धरती के राजा उस न्याय का विषय होंगे।
यशायाह 24:4 - पवित्र बाइबल देश उजड़ जायेगा और दु:खी होगा। दुनिया ख़ाली हो जायेगी और वह दुर्बल हो जायेगी। इस धरती के महान नेता शक्तिहीन हो जायेंगे। Hindi Holy Bible पृथ्वी विलाप करेगी और मुर्झाएगी, जगत कुम्हलाएगा और मुर्झा जाएगा; पृथ्वी के महान लोग भी कुम्हला जाएंगे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पृथ्वी शोक मना रही है, वह मुरझा रही है; दुनिया व्याकुल है, वह कुम्हला रही है, आकाश भी पृथ्वी के साथ क्षीण होता जा रहा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पृथ्वी विलाप करेगी और मुर्झाएगी, जगत कुम्हलाएगा और मुर्झा जाएगा; पृथ्वी के महान् लोग भी कुम्हला जाएँगे। सरल हिन्दी बाइबल पृथ्वी रो रही है और थक गई है, संसार रो रहा है और थक गया है, और आकाश भी पृथ्वी के साथ रो रहे है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पृथ्वी विलाप करेगी और मुर्झाएगी, जगत कुम्हलाएगा और मुर्झा जाएगा; पृथ्वी के महान लोग भी कुम्हला जाएँगे। |
उस समय यहोवा सबका न्याय करेगा। उस समय यहोवा आकाश में स्वर्ग की सेनाएँ और धरती के राजा उस न्याय का विषय होंगे।
सभी लोगों को वहाँ से धकेल बाहर किया जायेगा। सारी धन—दौलत छीन ली जायेंगी। ऐसा इसलिये घटेगा क्योंकि यहोवा ने ऐसा ही आदेश दिया है।
शोमरोन को देखो! एप्रैम के मदमस्त लोग उस नगर पर गर्व करते हैं। वह नगर पहाड़ी पर बसा है जिसके चारों तरफ एक सम्पन्न घाटी है। शोमरोन के वासी यह सोचा करते हैं कि उनका नगर फूलों के मुकुट सा है। किन्तु वे दाखमधु से धुत्त हैं और यह “सुन्दर मुकुट” मुरझाये पौधे सा है।
नगर द्वार के निकट सभा स्थलों में रोना बिलखना और दुःख ही फैला होगा। यरूशलेम उस स्त्री के समान हर वस्तु से वंचित हो जायेगी जिसका सब कुछ चोर और लुटेरे लूट गये हों। वह धरती पर बैठेगी और बिलखेगी।
धरती बीमार है और मर रही है। लबानोन मर रहा है और शारोन की घाटी सूखी और उजाड़ है। बाशान और कर्मेल जो कभी एक सुन्दर वृक्ष के समान विकसित हो रहे थे, अब उन वृक्षों का विकास रुक गया है।
हम सभी पाप से मैले हैं। हमारी सब नेकी पुराने गन्दे कपड़ों सी है। हम सूखे मुरझाये पत्तों से हैं। हमारे पापों ने हमें आँधी सा उड़ाया है।
कितने अधिक समय तक भूमि प्यासी पड़ी रहेगी घास कब तक सूखी और मरी रहेगी इस भूमि के जानवर और पक्षी मर चुके हैं और यह दुष्ट लोगों का अपराध है। फिर भी वे दुष्ट लोग कहते हैं, “यिर्मयाह हम लोगों पर आने वाली विपत्ति को देखने को जीवित नहीं रहेगा।”
अत: इस देश के लोग मेरे लोगों के लिये रोयेंगे। आकाश अँधकारपूर्ण होगा। मैंने कह दिया है, और बदलूँगा नहीं। मैंने एक निर्णय किया है, और मैं अपना विचार नहीं बदलूँगा।”
सिय्योन की राहें बहुत दु:ख से भरी हैं। वे बहुत दु:खी हैं क्योंकि अब उत्सव के दिनों के हेतु कोई भी व्यक्ति सिय्योन पर नहीं जाता है। सिय्योन के सारे द्वार नष्ट कर दिये गये है। सिय्योन के सब याजक दहाड़ें मारते हैं। सिय्योन की सभी युवा स्त्रियाँ उससे छीन ली गयी हैं और यह सब कुछ सिय्योन का गहरा दु:ख है।
इसलिये यह देश ऐसा हो गया है जैसा किसी की मृत्यु के ऊपर रोता हुआ कोई व्यक्ति हो। यहाँ के सभी लोग दुर्बल हो गये हैं। यहाँ तक कि जंगल के पशु, आकाश के पक्षी और सागर की मछलियाँ मर रही हैं।
खेत उजड़ गये हैं। यहाँ तक कि धरती भी रोती है क्योंकि अनाज नष्ट हुआ है, नया दाखमधु सूख गया है और जैतून का तेल समाप्त हो गया है।