अहंकार केवल झगड़ों को पनपाता है किन्तु जो सम्मति की बात मानता है, उनमें ही विवेक पाया जाता है।
मरकुस 9:35 - पवित्र बाइबल सो वह बैठ गया। उसने बारहों को अपने पास बुलाया और उनसे कहा, “यदि कोई सबसे बड़ा बनना चाहता है तो उसे निश्चय ही सबसे छोटा हो कर सब का सेवक बनना होगा।” Hindi Holy Bible तब उस ने बैठकर बारहों को बुलाया, और उन से कहा, यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो सब से छोटा और सब का सेवक बने। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु बैठ गये और बारहों को बुला कर उन्होंने उनसे कहा, “यदि कोई प्रथम होना चाहता है, तो उसे चाहिए कि वह सब से अंतिम बने और सब का सेवक बने।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसने बैठकर बारहों को बुलाया और उनसे कहा, “यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो सबसे छोटा और सब का सेवक बने।” नवीन हिंदी बाइबल तब उसने बैठकर बारहों को बुलाया और उनसे कहा,“यदि कोई प्रथमहोना चाहे तो वह सब से अंतिमऔर सब का सेवक बने।” सरल हिन्दी बाइबल मसीह येशु ने बैठते हुए बारहों को अपने पास बुलाकर उनसे कहा, “यदि किसी की इच्छा बड़ा बनने की है, वह छोटा हो जाए और सबका सेवक बने.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसने बैठकर बारहों को बुलाया, और उनसे कहा, “यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो सबसे छोटा और सब का सेवक बने।” |
अहंकार केवल झगड़ों को पनपाता है किन्तु जो सम्मति की बात मानता है, उनमें ही विवेक पाया जाता है।
बारुक, तुम अपने लिये कुछ बड़ी बात होने की आशा कर रहे हो। किन्तु उन चीज़ों की आशा न करो। उनकी ओर नजर न रखो क्योंकि मैं सभी लोगों के लिये कुछ भयंकर विपत्ति उत्पन्न करुँगा। ये बातें यहोवा ने कही, ‘तुम्हें अनेकों स्थानों पर जाना पड़ेगा। किन्तु तुम चाहे जहाँ जाओ, मैं तुम्हें जीवित बचकर निकल जाने दूँगा।’”
और फिर एक छोटे बच्चे को लेकर उसने उनके सामने खड़ा किया। बच्चे को अपनी गोद में लेकर वह उनसे बोला,
मैं तुम्हें बताता हूँ, यही मनुष्य नेक ठहराया जाकर अपने घर लौटा, न कि वह दूसरा। क्योंकि हर वह व्यक्ति जो अपने आप को बड़ा समझेगा, उसे छोटा बना दिया जायेगा और जो अपने आप को दीन मानेगा, उसे बड़ा बना दिया जायेगा।”
किन्तु तुम वैसै नहीं हो बल्कि तुममें तो सबसे बड़ा सबसे छोटे जैसा होना चाहिये और जो प्रमुख है उसे सेवक के समान होना चाहिए।
किन्तु परमेश्वर ने हम पर अत्यधिक अनुग्रह दर्शाया है, इसलिए शास्त्र में कहा गया है, “परमेश्वर अभिमानियों का विरोधी है, जबकि दीन जनों पर अपनी अनुग्रह दर्शाता है।”