दाऊद ने कहा, “सरूयाह के पुत्रो, मैं तुम्हारे साथ क्या करूँ? आज तुम मेरे विरुद्ध हो। कोई व्यक्ति इस्राएल में मारा नहीं जाएगा। आज मैं जानता हूँ कि मैं इस्राएल का राजा हूँ।”
मरकुस 8:33 - पवित्र बाइबल किन्तु यीशु ने पीछे मुड़कर अपने शिष्यों पर दृष्टि डाली और पतरस को फटकारते हुए बोला, “शैतान, मुझसे दूर हो जा! तू परमेश्वर की बातों से सरोकार नहीं रखता, बल्कि मनुष्य की बातों से सरोकार रखता है।” Hindi Holy Bible परन्तु उस ने फिरकर, और अपने चेलों की ओर देखकर पतरस को झिड़क कर कहा; कि हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु येशु ने मुड़ कर अपने शिष्यों की ओर देखा, और पतरस को डाँटते हुए कहा, “मेरे सामने से हट जा, शैतान! तुम परमेश्वर की बातें नहीं, बल्कि मनुष्यों की बातें सोचते हो।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु उस ने फिरकर अपने चेलों की ओर देखा, और पतरस को झिड़क कर कहा, “हे शैतान, मेरे सामने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।” नवीन हिंदी बाइबल परंतु उसने मुड़कर अपने शिष्यों की ओर देखते हुए पतरस को झिड़का और कहा,“हे शैतान, मुझसे दूर हो जा! क्योंकि तू परमेश्वर की नहीं बल्कि मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।” सरल हिन्दी बाइबल किंतु मसीह येशु पीछे मुड़े और अपने शिष्यों को देखकर उन्होंने पेतरॉस को डांटा, “दूर हो जा मेरी दृष्टि से, शैतान! तेरा मन परमेश्वर संबंधी विषयों में नहीं परंतु मनुष्य संबंधी विषयों में लगा हुआ है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु उसने फिरकर, और अपने चेलों की ओर देखकर पतरस को डाँटकर कहा, “हे शैतान, मेरे सामने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है।” |
दाऊद ने कहा, “सरूयाह के पुत्रो, मैं तुम्हारे साथ क्या करूँ? आज तुम मेरे विरुद्ध हो। कोई व्यक्ति इस्राएल में मारा नहीं जाएगा। आज मैं जानता हूँ कि मैं इस्राएल का राजा हूँ।”
अय्यूब ने उत्तर देते हुए अपनी पत्नी से कहा, “तू तो एक मूर्ख स्त्री की तरह बातें करती है! देख, परमेश्वर जब उत्तम वस्तुएं देता है, हम उन्हें स्वीकार कर लेते हैं। सो हमें दु:ख को भी अपनाना चाहिये और शिकायत नहीं करनी चाहिये।” इस समूचे दु:ख में भी अय्यूब ने कोई पाप नहीं किया। परमेश्वर के विरोध में वह कुछ नहीं बोला।
सज्जन मेरा सुधार कर सकता है। तेरे भक्त जन मेरे दोष कहे, यह मेरे लिये भला होगा। मैं दुर्जनों कि प्रशंसा ग्रहण नहीं करुँगा। क्यों क्योंकि मैं सदा प्रार्थना किया करता हूँ। उन कुकर्मो के विरुद्ध जिनको बुरे लोग किया करते हैं।
“तुम्हें अपने हृदय में अपने भाईयों से घृणा नहीं करनी चाहिए। यदि तुम्हारा पड़ोसी कुछ बुरा करता है तो इसके बारे में उसे समझाओ। किन्तु उसे क्षमा करो!
यीशु ने उससे एक शब्द भी नहीं कहा, सो उसके शिष्य उसके पास आये और विनती करने लगे, “यह हमारे पीछे चिल्लाती हुई आ रही है, इसे दूर हटा।”
फिर यीशु उसकी तरफ मुड़ा और बोला, “पतरस, मेरे रास्ते से हट जा। अरे शैतान! तू मेरे लिए एक अड़चन है। क्योंकि तू परमेश्वर की तरह नहीं लोगों की तरह सोचता है।”
फिर यीशु ने उससे कहा, “शैतान, दूर हो! शास्त्र कहता है: ‘अपने प्रभु परमेश्वर की उपासना कर और केवल उसी की सेवा कर!’”
उसे घेर कर चारों ओर बैठे लोगों पर उसने दृष्टि डाली और कहा, “ये है मेरी माँ और मेरे भाई!
फिर यीशु ने क्रोध में भर कर चारों ओर देखा और उनके मन की कठोरता से वह बहुत दुखी हुआ। फिर उसने उस मनुष्य से कहा, “अपना हाथ आगे बढ़ा।” उसने हाथ बढ़ाया, उसका हाथ पहले जैसा ठीक हो गया।
और प्रभु ने मुड़ कर पतरस पर दृष्टि डाली। तभी पतरस को प्रभु का वह वचन याद आया जो उसने उससे कहा था, “आज मुर्गे के बाँग देने से पहले तू मुझे तीन बार नकार चुकेगा।”
यीशु ने उसे उत्तर देते हुए कहा, “शास्त्र में लिखा है: ‘तुझे बस अपने प्रभु परमेश्वर की ही उपासना करनी चाहिये। तुझे केवल उसी की सेवा करनी चाहिए!’”
तो ऐसे व्यक्ति को उसके पापपूर्ण मानव स्वभाव को नष्ट कर डालने के लिये शैतान को सौंप दिया जायेगा ताकि प्रभु के दिन उसकी आत्मा का उद्धार हो सके।
उनका नाश उनकी नियति है। उनका पेट ही उनका ईश्वर है। और जिस पर उन्हें लजाना चाहिए, उस पर वे गर्व करते हैं। उन्हें बस भौतिक वस्तुओं की चिंता है।
जब मसीह ने शारीरिक दुःख उठाया तो तुम भी उसी मानसिकता को शास्त्र के रूप में धारण करो क्योंकि जो शारीरिक दुःख उठाता है, वह पापों से छुटकारा पा लेता है।
संसार को अथवा सांसारिक वस्तुओं को प्रेम मत करते रहो। यदि कोई संसार से प्रेम रखता है तो उसके हृदय में परमेश्वर के प्रति प्रेम नहीं है।
“उन सभी को जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ, मैं डाँटता हूँ और अनुशासित करता हूँ। तो फिर कठिन जतन और मनफिराव कर।