Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




मरकुस 3:5 - पवित्र बाइबल

5 फिर यीशु ने क्रोध में भर कर चारों ओर देखा और उनके मन की कठोरता से वह बहुत दुखी हुआ। फिर उसने उस मनुष्य से कहा, “अपना हाथ आगे बढ़ा।” उसने हाथ बढ़ाया, उसका हाथ पहले जैसा ठीक हो गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

5 और उस ने उन के मन की कठोरता से उदास होकर, उन को क्रोध से चारों ओर देखा, और उस मनुष्य से कहा, अपना हाथ बढ़ा उस ने बढ़ाया, और उसका हाथ अच्छा हो गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

5 उनके हृदय की कठोरता देख कर येशु को दु:ख हुआ और वह उन पर क्रोध भरी दृष्‍टि दौड़ा कर उस मनुष्‍य से बोले, “अपना हाथ बढ़ाओ।” उसने अपना हाथ बढ़ाया और उसका हाथ अच्‍छा हो गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

5 उसने उनके मन की कठोरता से उदास होकर, उनको क्रोध से चारों ओर देखा, और उस मनुष्य से कहा, “अपना हाथ बढ़ा।” उसने बढ़ाया, और उसका हाथ अच्छा हो गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

5 उसने उन सब को क्रोध से देखा और उनके मन की कठोरता पर दुःखी होकर उस मनुष्य से कहा,“अपना हाथ बढ़ा!” उसने बढ़ाया और उसका हाथ फिर से ठीक हो गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

5 तब उन सब पर गुस्से से भरी दृष्टि डालते हुए, उनके मन की कठोरता पर व्यथित होकर मसीह येशु ने उस व्यक्ति से कहा, “अपना हाथ आगे बढ़ाओ.” उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया—उसका हाथ पुनःस्वस्थ हो गया था.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




मरकुस 3:5
29 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा को इस बात का दुःख हुआ, कि मैंने पृथ्वी पर मनुष्यों को क्यों बनाया? यहोवा इस बात से बहुत दुःखी हुआ।


तब राजा यारोबाम ने परमेश्वर के व्यक्ति से कहा, “कृपया यहोवा अपने परमेश्वर से मेरे लिये प्रार्थना करें। कि वह मेरी भुजा स्वस्थ कर दे।” अत: “परमेश्वर के व्यक्ति” ने यहोवा से प्रार्थना की और राजा की भुजा स्वस्थ हो गई। यह वैसी ही हो गई जैसी पहले थी।


एलयाशीब ने जो किया था, उससे मैं बहुत क्रोधित था। सो मैंने तोबियाह की वस्तुएँ उस कोठरी से बाहर निकाल फेंकीं।


मैं उन लोगों के साथ चालीस वर्ष तक धीरज बनाये रखा। मैं यह भी जानता था कि वे सच्चे नहीं हैं। उन लोगों ने मेरी सीख पर चलने से नकारा।


तब यीशु ने उस सूखे हाथ वाले आदमी से कहा, “अपना हाथ आगे बढ़ा” और उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया। वह पूरी तरह अच्छा हो गया था। ठीक वैसे ही जैसा उसका दूसरा हाथ था।


और लोगों से पूछा, “सब्त के दिन किसी का भला करना उचित है या किसी को हानि पहुँचाना? किसी का जीवन बचाना ठीक है या किसी को मारना?” किन्तु वे सब चुप रहे।


प्रभु ने उत्तर देते हुए उससे कहा, “ओ कपटियों! क्या तुममें से हर कोई सब्त के दिन अपने बैल या अपने गधे को बाड़े से निकाल कर पानी पिलाने कहीं नहीं ले जाता?


फिर जब उसने उन्हें देखा तो वह बोला, “जाओ और अपने आप को याजकों को दिखाओ।” वे अभी जा ही रहे थे कि वे कोढ़ से मुक्त हो गये।


यीशु ने चारों ओर उन सब पर दृष्टि डाली और फिर उससे कहा, “अपना हाथ सीधा फैला।” उसने वैसा ही किया और उसका हाथ फिर से अच्छा हो गया।


और उससे कहा, “जा और शीलोह के तालाब में धो आ।” (शीलोह अर्थात् “भेजा हुआ।”) और फिर उस अंधे ने जाकर आँखें धो डालीं। जब वह लौटा तो उसे दिखाई दे रहा था।


हे भाईयों! मैं तुम्हें इस छिपे हुए सत्य से अंजान नहीं रखना चाहता, कि तुम अपने आप को बुद्धिमान समझने लगो कि इस्राएल के कुछ लोग ऐसे ही कठोर बना दिए गए हैं और ऐसे ही कठोर बने रहेंगे जब तक कि काफी ग़ैर यहूदी परमेश्वर के परिवार के अंग नहीं बन जाते।


किन्तु उनकी बुद्धि बन्द हो गयी थी, क्योंकि आज तक जब वे उस पुरानी वाचा को पढ़ते हैं, तो वही पर्दा उन पर बिना हटाये पड़ा रहता है। क्योंकि वह पर्दा बस मसीह के द्वारा ही हटाया जाता है।


उनकी बुद्धि अंधकार से भरी है। वे परमेश्वर से मिलने वाले जीवन से दूर हैं। क्योंकि वे अबोध हैं और उनके मन जड़ हो गये हैं।


क्रोध में आकर पाप मत कर बैठो। सूरज ढलने से पहले ही अपने क्रोध को समाप्त कर दो।


परमेश्वर की पवित्र आत्मा को दुःखी मत करते रहो क्योंकि परमेश्वर की सम्पत्ति के रूप में तुम पर छुटकारे के दिन के लिए आत्मा के साथ मुहर लगा दिया गया है।


वह यही कारण था जिससे मैं उन जनों से क्रोधित था, और फिर मैंने कहा था, ‘इनके हृदय सदा भटकते रहते हैं ये मेरे मार्ग जानते नहीं हैं।’


वह चालीस वर्षों तक किन पर क्रोधित रहा? क्या उन्हीं पर नहीं जिन्होंने पाप किया था और जिनके शव मरुस्थल में पड़े रहे थे?


और एक बार सम्पूर्ण बन जाने पर उन सब के लिए जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं, वह अनन्त छुटकारे का स्रोत बन गया।


वे पहाड़ों और चट्टानों से कह रहे थे, “हम पर गिर पड़ो और वह जो सिंहासन पर विराजमान है तथा उस मेमने के क्रोध के सामने से हमें छिपा लो।


तब इस्राएल के लोगों ने अपने पास के विदेशी देवताओं को फेंक दिया। उन्होंने फिर से यहोवा की उपासना आरम्भ की। इसलिए जब यहोवा ने उन्हें कष्ट उठाते देखा, तब वह उनके लिए दुःखी हुआ।


योनातान क्रोधित हुआ और उसने मेज छोड़ दी। योनातान इतना घबरा गया और अपने पिता पर इतना क्रोधित हुआ कि उसने दावत के दूसरे दिन कुछ भी भोजन करना अस्वीकार कर दिया। योनातान इसलिये क्रोधित हुआ क्योंकि शाऊल ने उसे अपमानित किया था और शाऊल दाऊद को मार डालना चाहता था।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों