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मत्ती 15:31 - पवित्र बाइबल

इससे भीड़ के लोगों को, यह देखकर कि बहरे गूंगे बोल रहे हैं, अपाहिज अच्छे हो गये, लँगड़े-लूले चल फिर रहे हैं और अन्धे अब देख पा रहे हैं, बड़ा अचरज हुआ। वे इस्राएल के परमेश्वर की स्तुति करने लगे।

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Hindi Holy Bible

सो जब लोगों ने देखा, कि गूंगे बोलते और टुण्डे चंगे होते और लंगड़े चलते और अन्धे देखते हैं, तो अचम्भा करके इस्राएल के परमेश्वर की बड़ाई की॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जनसमूह ने देखा कि गूँगे बोल रहे हैं, लूले भले-चंगे हो रहे हैं, लंगड़े चल रहे हैं और अन्‍धे देखने लगे हैं। वे बड़े अचम्‍भे में पड़ गये और उन्‍होंने इस्राएल के परमेश्‍वर की स्‍तुति की।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब लोगों ने देखा कि गूँगे बोलते, और टुण्डे चंगे होते, और लंगड़े चलते, और अंधे देखते हैं तो अचम्भा करके इस्राएल के परमेश्‍वर की बड़ाई की।

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नवीन हिंदी बाइबल

जब लोगों ने देखा कि गूँगे बोलते हैं, लूले ठीक होते हैं, लंगड़े चलते हैं तथा अंधे देखते हैं तो आश्‍चर्य में पड़ गए; और उन्होंने इस्राएल के परमेश्‍वर की महिमा की।

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सरल हिन्दी बाइबल

गूंगों को बोलते, अपंगों को स्वस्थ होते, लंगड़ों को चलते तथा अंधों को देखते देख भीड़ चकित हो इस्राएल के परमेश्वर का गुणगान करने लगी.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

अतः जब लोगों ने देखा, कि गूँगे बोलते और टुण्डे चंगे होते और लँगड़े चलते और अंधे देखते हैं, तो अचम्भा करके इस्राएल के परमेश्वर की बड़ाई की।

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मत्ती 15:31
23 क्रॉस रेफरेंस  

तब व्यक्ति ने कहा, “तुम्हारा नाम याकूब नहीं रहेगा। अब तुम्हारा नाम इस्राएल होगा। मैं तुम्हें यह नाम इसलिए देता हूँ कि तुमने परमेश्वर के साथ और मनुष्यों के साथ युद्ध किया है और तुम हराए नहीं जा सके हो।”


याकूब ने परमेश्वर की उपासना के लिए वहाँ एक विशेष स्मरण स्तम्भ बनाया। याकूब ने जगह का नाम “एले, इस्राएल का परमेश्वर” रखा।


“इस्राएल के लोगों, जब तुम पर विपदा पड़े, मेरी प्रार्थना करो, मैं तुम्हें सहारा दूँगा। तब तुम मेरा मान कर सकोगे।”


यदि कोई व्यक्ति मेरी स्तुति और धन्यवादों की बलि चढ़ाये, तो वह सचमुच मेरा मान करेगा। यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन बदल डाले तो उसे मैं परमेश्वर की शक्ति दिखाऊँगा जो बचाती है।”


पर्वत पर इन लोगों ने इस्राएल के परमेश्वर को देखा। परमेश्वर किसी ऐसे आधार पर खड़ा था। जो नीलमणि सा दिखता था ऐसा निर्मल जैसा आकाश।


बड़ी-बड़ी भीड़ लँगड़े-लूलों, अंधों, अपाहिजों, बहरे-गूंगों और ऐसे ही दूसरे रोगियों को लेकर उसके पास आने लगी। भीड़ ने उन्हें उसके चरणों में धरती पर डाल दिया। और यीशु ने उन्हें चंगा कर दिया।


“इसलिए यदि तेरा हाथ या तेरा पैर तेरे लिए बाधा बने तो उसे काट फेंक, क्योंकि स्वर्ग में बिना हाथ या बिना पैर के अनन्त जीवन में प्रवेश करना तेरे लिए अधिक अच्छा है; बजाये इसके कि दोनों हाथों और दोनों पैरों समेत तुझे नरक की कभी न बुझने वाली आग में डाल दिया जाये।


मन्दिर में कुछ अंधे, लँगड़े लूले उसके पास आये। जिन्हें उसने चंगा कर दिया।


जब यीशु ने यह सुना तो चकित होते हुए उसने जो लोग उसके पीछे आ रहे थे, उनसे कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ मैंने इतना गहरा विश्वास इस्राएल में भी किसी में नहीं पाया।


जब वे दोनों वहाँ से जा रहे थे तो कुछ लोग यीशु के पास एक गूँगे को लेकर आये। गूँगे में दुष्ट आत्मा समाई हुई थी और इसीलिए वह कुछ बोल नहीं पाता था।


जब दुष्ट आत्मा को निकाल दिया गया तो वह गूँगा, जो पहले कुछ भी नहीं बोल सकता था, बोलने लगा। तब भीड़ के लोगों ने अचरज से भर कर कहा, “इस्राएल में ऐसी बात पहले कभी नहीं देखी गयी।”


जब भीड़ में लोगों ने यह देखा तो वे श्रद्धामय विस्मय से भर उठे और परमेश्वर की स्तुति करने लगे जिसने मनुष्य को ऐसी शक्ति दी।


सो वह खड़ा हुआ, तुरंत अपना बिस्तर उठाया और उन सब के देखते ही देखते बाहर चला गया। यह देखकर वे अचरज में पड़ गये। उन्होंने परमेश्वर की प्रशंसा की और बोले, “हमने ऐसा कभी नहीं देखा!”


लोग आश्चर्यचकित होकर कहने लगे, “यीशु जो करता है, भला करता है। यहाँ तक कि वह बहरों को सुनने की शक्ति और गूँगों को बोली देता है।”


यदि तेरा हाथ तुझ से पाप करवाये तो उसे काट डाल, टुंडा हो कर जीवन में प्रवेश करना कहीं अच्छा है बजाय इसके कि दो हाथों वाला हो कर नरक में डाला जाये, जहाँ की आग कभी नहीं बुझती।


बल्कि जब तू कोई भोज दे तो दीन दुखियों, अपाहिजों, लँगड़ों और अंधों को बुला।


“सो जब वह सेवक लौटा तो उसने अपने स्वामी को ये बातें बता दीं। इस पर उस घर का स्वामी बहुत क्रोधित हुआ और अपने सेवक से कहा, ‘शीघ्र ही नगर के गली कूँचों में जा और दीन-हीनों, अपाहिजों, अंधों और लँगड़ों को यहाँ बुला ला।’


और तुरन्त ही उसे आँखें मिल गयीं। वह परमेश्वर की महिमा का बखान करते हुए यीशु के पीछे हो लिया। जब सब लोगों ने यह देखा तो वे परमेश्वर की स्तुति करने लगे।


और फिर वे सभी श्रद्धा और विस्मय से भर उठे। और यह कहते हुए परमेश्वर की महिमा करने लगे कि “हमारे बीच एक महान नबी प्रकट हुआ है।” और कहने लगे, “परमेश्वर अपने लोगों की सहायता के लिये आ गया है।”


यहूदी नेताओं ने उस व्यक्ति को दूसरी बार फिर बुलाया जो अंधा था, और कहा, “सच कहो, और जो तू ठीक हुआ है उसका सिला परमेश्वर को दे। हमें मालूम है कि यह व्यक्ति पापी है।”