जिन लोगों को उसने जीवित छोड़ा है, परमेश्वर उनकी प्रार्थनाएँ सुनेगा। परमेश्वर उनकी विनतियों का उत्तर देगा।
भजन संहिता 9:18 - पवित्र बाइबल कभी—कभी लगता है जैसे परमेश्वर दुखियों को पीड़ा में भूल जाता है। यह ऐसा लगता जैसे दीन जन आशाहीन हैं। किन्तु परमेश्वर दीनों को सदा—सर्वदा के लिये कभी नहीं भूलता। Hindi Holy Bible क्योंकि दरिद्र लोग अनन्तकाल तक बिसरे हुए न रहेंगे, और न तो नम्र लोगों की आशा सर्वदा के लिये नाश होगी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दरिद्र सदा विस्मृत न रहेंगे, और पीड़ित की आशा सदैव टूटती न रहेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि दरिद्र लोग अनन्तकाल तक बिसरे हुए न रहेंगे, और न तो नम्र लोगों की आशा सर्वदा के लिये नष्ट होगी। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि दरिद्र सदा के लिए भुलाए नहीं जाएँगे, और न पीड़ितों की आशा सर्वदा के लिए नष्ट होगी। सरल हिन्दी बाइबल दीन दरिद्र सदा भुला नहीं दिए जाएंगे; पीड़ितों की आशा सदा के लिए चूर नहीं होगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि दरिद्र लोग अनन्तकाल तक बिसरे हुए न रहेंगे, और न तो नम्र लोगों की आशा सर्वदा के लिये नाश होगी। |
जिन लोगों को उसने जीवित छोड़ा है, परमेश्वर उनकी प्रार्थनाएँ सुनेगा। परमेश्वर उनकी विनतियों का उत्तर देगा।
वह बंदी की प्रार्थनाएँ सुनेगा। वह उन व्यक्तियों को मुक्त करेगा जिनको मृत्युदण्ड दिया गया।
क्यों? क्योंकि यहोवा असहाय लोगों का साथ देता है। परमेश्वर उनको दूसरे लोगों से बचाता है, जो प्राणदण्ड दिलवाकर उनके प्राण हरने का यत्न करते हैं।
किन्तु यहोवा कहता है: “बुरे मनुष्यों ने दीन दुर्बलों से वस्तुएँ चुरा ली हैं। उन्होंने असहाय दीन जन से उनकी वस्तुएँ ले लीं। किन्तु अब मैं उन हारे थके लोगों की रक्षा खड़ा होकर करुँगा।”
तुम लोग परमेश्वर को भूल गये हो। इसके पहले कि मैं तुम्हे चीर दूँ, अच्छी तरह समझ लो। जब वैसा होगा कोई भी व्यक्ति तुम्हें बचा नहीं पाएगा!
राजा, निर्धन लोगों के प्रति न्यायपूर्ण रहे। वह असहाय लोगों की सहायता करे। वे लोग दण्डित हो जो उनको सताते हो।
जो लोग यहोवा से न्याय माँगने गये, उसने उनकी सुधि ली। जिन दीनों ने उसे सहायता के लिये पुकारा, उनको यहोवा ने कभी भी नहीं बिसारा।
इसी तरह यह भी तू जान ले कि आत्मा को तेरी बुद्धि मीठी लगेगी, यदि तू इसे प्राप्त करे तो उसमें निहित है तेरी भविष्य की आशा और वह तेरी आशा कभी भंग नहीं होगी।
उसने भूखे लोगों को अच्छी वस्तुओं से भरपूर कर दिया, और धनी लोगों को खाली हाथों लौटा दिया।
फिर अपने शिष्यों को देखते हुए वह बोला: “धन्य हो तुम जो दीन हो, स्वर्ग का राज्य तुम्हारा है,
हे मेरे प्यारे भाईयों, सुनो क्या परमेश्वर ने संसार की आँखों में उन निर्धनों को विश्वास में धनी और उस राज्य के उत्तराधिकारी के रूप में नहीं चुना, जिसका उसने, जो उसे प्रेम करते हैं, देने का वचन दिया है।