भजन संहिता 65:6 - पवित्र बाइबल परमेश्वर ने अपनी महाशक्ति का प्रयोग किया और पर्वत रच डाले। उसकी शक्ति हम अपने चारों तरफ देखते हैं। Hindi Holy Bible तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य के पर्वतों को स्थिर करता है; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तूने ही अपने बाहुबल से पर्वतों को स्थित किया है; तू पराक्रम से विभूषित है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य से पर्वतों को स्थिर करता है; नवीन हिंदी बाइबल तू तो पराक्रम का कमरबंद कसकर अपने सामर्थ्य से पर्वतों को स्थिर करता है; सरल हिन्दी बाइबल आप स्वयं सामर्थ्य से सुसज्जित हैं, आपने ही अपनी सामर्थ्य से पर्वतों की रचना की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य के पर्वतों को स्थिर करता है; |
यहोवा राजा है। वह सामर्थ्य और महिमा का वस्त्र पहने है। वह तैयार है, सो संसार स्थिर है। वह नहीं टलेगा।
परमेश्वर मेरी रक्षा करता है। मुझे उसका भरोसा है। मुझे कोई भय नहीं है। वह मेरी रक्षा करता है। यहोवा याह मेरी शक्ति है। वह मुझको बचाता है, और मैं उसका स्तुति गीत गाता हूँ।
हे हर कहीं के लोगों, तुम्हें इन झूठे देवताओं के पीछे चलना छोड़ देना चाहिये। तुम्हें मेरा अनुसरण करना चाहिये और सुरक्षित हो जाना चाहिये। मैं परमेश्वर हूँ। मुझ से अन्य कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। परमेश्वर केवल मैं ही हूँ।
यहोवा की भुजा (शक्ति) जाग—जाग। अपनी शक्ति को सज्जित कर! तू अपनी शक्ति का प्रयोग कर। तू वैसे जाग जा जैसे तू बहुत बहुत पहले जागा था। तू वही शक्ति है जिसने रहाब के छक्के छुड़ाये थे। तूने भयानक मगरमच्छ को हराया था।
यह कौन है जो एदोम से आ रहा है, यह बोस्रा की नगरी से लाल धब्बों से युक्त कपड़े पहने आ रहा है। वह अपने वस्त्रों में अति भव्य दिखता है। वह लम्बे डग बढ़ाता हुआ अपनी महाशक्ति के साथ आ रहा है। और मैं सच्चाई से बोलता हूँ।
यहोवा को अपने लोगों से एक शिकायत है। पर्वतों, तुम यहोवा की शिकायत को सुनो। धरती की नीवों, यहोवा की शिकायत को सुनो। वह प्रमाणित करेगा कि इस्राएल दोषी हैं!”
यहोवा खड़ा हुआ और उसने धरती को कँपा दिया। उसने अन्य जातियों के लोगों पर तीखी दृष्टि डाली और वे भय से काँप उठे। जो पर्वत अनन्त काल से अचल खड़े थे, वे पर्वत टूट—टूट कर गिरे और चकनाचूर हो गये। पुराने, अति प्राचीन पहाड़ ढह गये थे। परमेश्वर सदा से ही ऐसा रहा है!