उन लोगों को धिक्कार है जो सहायता पाने के लिये मिस्र की ओर उतर रहे हैं। ये लोग घोड़े चाहते हैं। उनका विचार है, घोड़े उन्हें बचा लेंगे। लोगों को आशा है कि मिस्र के रथ और घुड़सवार सैनिक उन्हें बचा लेंगे। लोग सोचते हैं कि वे सुरक्षित इसलिये हैं कि वह एक विशाल सेना है। लोग इस्राएल के पवित्र (परमेश्वर) पर भरोसा नहीं रखते। लोग यहोवा से सहायता नहीं माँगते।
यह सच है कि तलवार के द्वारा अश्शूर को हरा दिया जायेगा। किन्तु वह तलवार किसी मनुष्य की तलवार नहीं होगी। अश्शूर नष्ट हो जायेगा किन्तु वह विनाश किसी मनुष्य की तलवार के द्वारा नहीं किया जायेगा। अश्शूर परमेश्वर की तलवार से भाग निकलेगा। वह उस तलवार से भागेगा। किन्तु उसके जवान पुरुषों को पकड़कर दास बना लिया जायेगा।
इस्राएल के लोग सहारे के लिये मिस्र पर झुके और मिस्र ने केवल उनके हाथों और कन्धों को विदीर्ण किया। वे सहारे के लिये तुम पर झुके किन्तु तुमने उनकी पीठ को तोड़ा और मरोड़ दिया।’”